नागपुर में विजयादशमी समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत को अब आत्मनिर्भर बनना होगा और स्वदेशी उत्पादों को अपनाना ही समय की मांग है। भागवत ने युवाओं से आह्वान किया कि वे "Make in India" और "स्वदेशी" की दिशा में आगे बढ़ें ताकि देश आर्थिक रूप से और मज़बूत हो सके।
00:00अभी हाल में अमरीका में जो नई टैरिफ नीती अपनाई उनके अपने हित के लिए अपनाई होगी लेकिन उसकी मार तो सभी पर पड़ रही है इसलिए
00:14कि यह सारा परी दुश्य अथ्वा यह सारी प्रचलित पद्धती उस पर हम जिर्बर हो जाए ऐसी नहीं है विश्व में विश्व का जिवन परस्पर निर्भरता से ही चलता है राष्ट्रों में आपस में सप्रकार के संबंद होने पड़ते हैं अकेला राष्ट्र अलगाव
00:44कि यह निर्भरता मजबूरी में ना बदल जाए और क्योंकि कब पदलेगी कैसे बदलेगी उसका कोई पता नहीं और इसलिए इस निर्भरता को मानते होए विश्व जीवन की एक असा को मानते हुए
01:01हमको
01:03इसको मजबूरी
01:05न बनाते हुए
01:07जीना अगर है तो
01:08स्वदेशी और
01:11स्वावलम बन का कोई परिणाम
01:13नहीं कोई परियाय
01:15नहीं
01:16हमको आत्म जिरवर होना पड़ेगा
01:19स्वावलम भी जीवन जीना
01:21पड़ेगा स्वदेशी का
01:23उप्योक करना पड़ेगा और फिर भी आंतर राष्ट्रियां संबंदों का सब प्रकार के राजन एखो आर्थि को
01:32त्हको प्यापारीं खो इन सबका जतन हम्को करना पड़ेगा लेकिन उसमें मजबूरी नहीं
01:39होगी हमारी अपनी इच्छा होगी हमारा अपना सद्भा होगा ऐसा हमको बनना पड़ेगा अभी हाल में अमरीका में जो नई टैरिफ नीती अपनाई
01:52कि उनके अपने हित के लिए अपनाई होगी लेकिन उसकी मार तो सभी पर पड़ रही है कि इसलिए
02:00कि ये सारा परी दुश्य अथ्वा ये सारी प्रचलित पद्धती उस पर हम दिर्बर हो जाए ऐसी नहीं है
02:09विश्व में विश्व का जिवन परस्पर निर्भरता से ही चलता है राष्टरों में आपस में सप्रकार के संबंद होने पड़ते हैं
02:21अकेला राष्टर अलगाओं में आइसो लिशन में जी नहीं सकता परंतु ये निर्भरता मजबूरी में न बदल जाए
02:34लिश्व क्योंकि व means पदलेगी कैसे पदलेगी उसका कोई पता नहीं और इसलिए कि निर्भरता को मानते हूं विश्व
02:44जीवन की एक अता को मानते हुए
02:47हमको इसको मजबूरी न बनाते हुए जीना अगर है तो स्वदेशी और स्वावलंबन का कोई परिणाम नहीं कोई परियाय नहीं हमको आत्म जिर्वर होना पड़ेगा स्वावलंबी जीवन जीना पड़ेगा स्वदेशी का उप्योग करना पड़ेगा और फिर भी आंतर रा
03:17खो आर्थी को प्यापारी खो इन सब का जतन हम को करना पड़ेगा लेकिन उसमें मजबूरी नहीं होगी हमारी अपनी इच्छा होगी हमारा अपना सब्भा होगा ऐसा हम को बनना पड़ेगा
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