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शहर की बहूरानी hindi kahaniya I story time I saas bahu I funny I comedy I newstory I moral

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Transcript
00:00আয়াক্যাকে আপকে ঘরকে বাহাই আয়ারাই
00:28accident
00:29is
00:30but
00:32he didn't
00:32accident
00:33he
00:37then
00:38she
00:38it
00:39she
00:54tasty
00:55foreign
00:57I'm going to go.
00:59Next time,
01:01How do you think your youth is?
01:03Who?
01:05Who is she?
01:07We are the king of the king and the king of the king.
01:11We are one king.
01:13And you are our king, the king.
01:15Oh, dear,
01:17My child,
01:19How are you talking about the king?
01:23
01:24
01:53तो आपके सेवक है, भला हमारी इतनी हिम्मत, कईए आपने यहाँ हौल में आने का कश्ट कैसे किया।
02:02हमें बहुत भूख लगी है, ए दासी, जल्दी से हमारे लिए भोजन का प्रबंद करो, आज हम शाही कबाब खाएंगे।
02:11विशाल अपनी मा को चांदनी की बात मानने के लिए इशारा करता है।
02:17इस तरह विशाल और उसकी मा ना चाहते हुए भी चांदनी की जीहजूरी में लगे रहते हैं।
02:31लाओ मा, जल्दी से मेरा टिफिन दो, मुझे देर हो रही है।
02:36अरे ठेहल जा, जरा दम तो लेने दे मुझे, सारे घर का काम मुझे खेली को करना पड़ता है।
02:44तेरी बीवी तो राज कुमारी बनी बैठी है, सारा दिन हुकम चलाती रहती है।
02:50अरे मा, मेरा भी तो यही हाल है, फिल्हाल तु मेरा टिफिन दे दो, मैं चला।
02:56रुको, कहां जा रहे हो?
03:00अरे मर गया रहे, यह कहां से आधम की?
03:04आज हमारा जुह चोपाटी घूमने का मुड है, और हमें अपने लिए नई साडिया भी खरिदनी हैं।
03:10चलो, जल्दी से अपना वहर निकालो और हमें ले चलो।
03:13अरे अब तुम मैं गया काम से, अगर आज मैं वक्त पे आफिस नहीं पहुचा, तो मेरा बॉस मुझे नौकरी से निकाल देगा।
03:22मरता क्या न करता, आखिरकार विशाल चांदनी को गुमाने ले जाता है, और चांदनी अपने लिए धेर सारी शौपिंग भी करती है।
03:43अगले दिन, अरे डाक्टर साहब, आप इतने दिन से मेरी बहु का इलाज कर रहे हैं, लेकिन उसकी बिमारी तो सुधनने के बजाए और बढ़ती जा रही है।
04:08अरे माजी, ये दिमागी बिमारी है, बेचारी की याद दास चली गई है, वापसाने में थोड़ा वक्तों लगेगा ही ना।
04:16गायतरी डाक्टर से बात कर ही रही होती है, कि तभी उसकी पुरानी सहली शीला वहाँ आ जाती है।
04:23शीला को देख अचानक डॉक्टर घबरा जाते हैं।
04:26अच्छा माजी, मुझे एक मरीज को अर्जंट देखने जाना है, मैं चलता हूँ।
04:31ये कौन था? अरे अब क्या बताओ शीला, एक एकसिडेंट भी मेरी बहु की याद दास चली गई है।
04:39ये डॉक्टर उसका इलाज कर रहा है।
04:43ये डॉक्टर कबसे बन गया? और ये तो चमन पान वाली का लड़का है, सारा दिन नौटंकी करता रहता है।
04:52अच्छा, तो ये बात है, अब मैं समझी, मेरी बहु और ये पान वाली का लड़का, दोनों मिलकर मुझे बेवकूफ बना रहे थे, चल तू मेरे साथ।
05:07गायतरी, शीला को एक बड़ा सा डंडा हात में दे कर, अपनी बहु चांदनी की कमरे में ले जाती है।
05:14बहु, ये मेरी सहली है, एक डाक्टर है, इसने तेरे जैसे नजाने कितनों का इलाज, दो मिनिट में खर दिया है।
05:26इसका कहना है कि सर पर जहां चोट लगी हो, अगर उसी जगह दोबारा किसी बड़े डंडे से जोर से मारा जाए, तो मरे इसकी आदाश वापस आ जाती है।
05:41देख, हम डंडा भी लाए है। अपनी सास की बाते सुनकर और हाथ में बड़ा डंडा देख, चांद ने घबरा जाती है।
05:52अरे पापरे, मैं तो फस गई, इस डंडे की एक बार की वार से ही मैं तो चारो खाने चित हो जाओंगी। अब क्या करू, क्या करू, क्या करू।
06:04लेकिन गायत्री, डंडा सर पर ठीक उसी जगह लगना चाहिए, जहां चोट लगी है।
06:09अरे तू चिंता मत कर, दो चार बार मारूंगी, तो एक बार तो सही जगल लगी जाएगा ना।
06:20चल बहु, तयार हो जा।
06:22अरे नहीं, नहीं माजी, मुझे मत बारिये, दरसल घर की काम करने से बचने के लिए, मैंने ये सब नाटक किया था, मुझे माफ कर दीजिए, मैं कान पकड़ती हूँ, दोपारा ऐसी गल्दी कभी नहीं करूंगी।
06:40क्यूं दोस्तों, कहानी कैसी लगी, हमें जरूर बताईएगा।
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