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पैसो वाली बहू - Hindi Story _ Moral Stories

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00:00पैसो वाली बहु कहते हैं ना शादी ब्या एक लेवल में ही हो तो ठीक रहता है नहीं तो
00:10अरे क्या सारा दिन कमरे में ब्यूटी पालर वाली को बुला कर बैठी रहती है बहु कभी गलती से किचन में देख ले टोकरी में कौन सा आलू सड रहा है टमाटर फ्रीज में गल रहा है अब आलू टमाटर को गलता देखते देखते मेरी स्किन गल रही है माजी वो ना ठीक �
00:40सासो मा, ननद जी के बालों पर भी ये सब क्या करो, मेरा तो भूली जाओ, कि मैं ऐसे लोकल चीजों को अपने उपर यूज भी करूँगी कभी, तभी वहां ननद आ जाती है, मा देखो तो, ये टी-शिट कैसी लग रही है, अरे वाह बेटी, ये रंग तो बड़ा अच्छ
01:10बताओ, टी-शिट कैसी लग रही है, बहन नहीं चाती थी कि उसके कारण भाई और भावी के बीच लड़ाई हो, लेकिन राशी, लास्ट येर मैं लंडन गई थी ना, तब की फोटो, वैसे तुम लोग कहा कहा गया हो, भावी, हम तो हरिदवार, शिमला, और हाँ, एक बा
01:40देखा, भारत का क्या, दुनिया का स्वर्ग है वो, बात भी तो सचती, राशी की बोलती, शीतल की सामने बंद हो जाती है, एक बिन, अरे यार, बजार जाना है, कोई गाड़ी भी नहीं है या तो, अरे बहु बहु बहार निकलेगी, तो कोने से हरी वाली बस मिल जाएगी
02:10कहां से आ रहा है, और मैं उन लोगों के बीज बेट जाऊ श्ये, अच्छा बहु एक बात बता, तुम लोगों के घरों में जो ड्राइवर काम करते हैं ना, उन लोगों का पता है तो में कि वो कहां से आते हैं, क्या खाते हैं, क्या पीते हैं, अरे मा जी, आपसे कौन बहा
02:40अगवान ना करे के जरूरत पड़े लेकिन जरूरत बताता नहीं आती बहू, तबी वहाँ ननद आ जाती है, भावी आपके पापा किस प्रोफेशन में है, मतलब चांदी की कर्टोरी में खाना, जरूर बड़े ब्यापारी होंगे न, अरे नेनी, वो फाइनेंसर है, यहाँ
03:10सिंपल से जिन्गी अच्छी लगी, वो इसलिए भावी कि हम उतना ही खर्च करते हैं, जितना जिन्दगी जीने के लिए जरूरी होता है, जैसे आप लोग बड़ी-बड़ी कोठी में रहते हो, लेकिन है तो किराय की न, और हम लोगों का मकान अपना है, जिसे पापा और म
03:40जिन्दा हूँ, मेरा मकान नहीं दिखेगा, ये फाइनल बात है, तो इस छोटे मोहले में ही रहना जाती है आप हमेशा, अरे मैं तो सोच रही थी की, तब ही डॉरबिल बचती है और सामने खड़े होते है राशी के पापा ममी, अरे ममी पापा आप दोनों, आई आई आई
04:10अरे क्या बताएं बहन जी, हमारा तो सब कुछ खातम हो गया, ये तो भला है कि भले घर में राशी की शादी करवा दी, वरना अब तो हम लोगों के पास रहने के लिए चट भी नहीं है, इसलिए आप लोगों के पास आए हैं
04:22अरे-अरे कैसी बात कर रहा हैं संदन जी, ये घर भी तो आप लोगों का ही है, यहां रहिए चितने दिन मन करें, जब ठीक हो जाए सब तो चले जाईएगा
04:30क्या हूँ आमा, आप ऐसा क्यों बोल रही हैं, और भाई और भाभी बोलो, आप लोगों का बैंक बैलेंस
04:35अरे किस बैंक बैलेंस की बात कर रही हो बेटी, हम लोगों ने तो कभी चबनी भी नहीं बचाई, सिर्फ उड़ाया है, उसमें कैसे बैंक बैलेंस होता, घर तो किराय का था ही, बाकी तेरी भाभी ने थुड़ी बहुत जो प्रॉपर्टी थी, उसे बेच कर पॉश इलाक
05:05गल्पी का एहसास कर रही हो.
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