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भूतिया-घर-Horror-Stories-_-Hindi-Kahani-_-Scary-Stories-_-Ghost-Stories

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Transcript
00:00RAMU & SHAMU
00:30अरे मा क्यूं सारा दिन मुझ पर चलाती रहती हो कर लूंगा काम अभी तो मेरी सोने और खाने पीने क्यों मर है
00:40ये बोलके रामू गुसे में पैर पड़कते हुए घर से बाहर जाने लगा तभी शामू आ गया और बोला
00:47अरे दोस्त इतने गुसे में कहा भाग रहे हो रुको रुको
00:52अरे शम्बू मा सारा दिन बोलती रहती है काम कर काम कर
00:58काश ऐसा हो मुझे कोई काम ना करना पड़े बस आराम से बैठ कर खाने को मिलता रहे फिर तो जंदगी के मज़े ही मज़े है
01:08ये खयाली पुलाओ बनाना छोड़ो और मुझे किसी काम से दूसरे शहर जाना है
01:14तुम भी साथ चलो इसी बहाने थोड़ा मन भी बहल जाएगा
01:18चल या शम्बू इसी बहाने मा की डाट से कुछ देर के लिए बच जाऊंगा
01:23अब दोनों शहर की ओर रवाना हो गए
01:38बैठ गए रामू की नजर पेड की टहनी पर कुछ चमकती हुई चीज़ पर पड़ी
01:43उसने बोला
01:44शामू ये क्या चमक रहा है आओ देखें क्या है
01:50अरे दोस्त रहने दो पता नहीं क्या है हम यहां से चलते हैं
01:56तुम भी खा मखा डड़ते हो एक बार पेड पर चड़ कर देखें तो सही आखिर है क्या
02:03दोनों जैसे ही पेड पर चड़ने लगे तभी उन्हें एक आवाज आई
02:08रुको
02:09एक महात्मा जो वहीं नजदेक विश्राम कर रहे थे उन्होंने दोनों को रुका और बोला
02:17ये रोश्नी उस जादुई घर से आ रही है जो उस पेड के पीछे बना है
02:22रामु ने जब पेड की और देखा तो हैरान हो गया
02:26जादुई घर? अब ये क्या है? और इसमें इतनी रोश्नी क्यूं है?
02:32इस घर की एक खासियत है इसमें रहने वाले व्यक्ति को कोई भी काम नहीं करना पड़ता और ना ही कोई मेहनत करनी पड़ती है
02:41बस आराम से बैट कर खाओ और सो जाओ
02:43इस घर में अपने आप सब कुछ पस्तित हो जाता है और वो भी बिना परिश्रम के
02:49रामो की आखों में एक चमक सी दोड़ गई और वो बोला
02:53सच में महराजी इस घर में रहने वाले व्यक्ति को कोई मेहनत का काम नहीं करना पड़ता
03:01हाँ बिलकुल ऐसा ही है इस चादूई घर में
03:05रामो ने मनी मन सोचा काश इस घर में रहने को मिल जाए फिर तो आराम की ही जिंदगी गुजरे
03:12ना कोई मेहनत करनी पड़े और ना रोज-रोज मा के ताने सुनने को मिले
03:18रामो महत्मा जी से बोला
03:21महत्मा जी अगर मुझे इस घर में रहने को मिल जाए तो आपकी बड़ी कृपा होगी
03:28हाँ रह सकते हो पर इसके लिए तुम्हें एक बात याद रखनी होगी
03:33यदि तुमने एक बार इस चादूई घर में प्रवेश कर लिया
03:36तो फिर मेरे बुलाए बिना तुम कभी बाहर नहीं आ सकते
03:41अब रामो सोचने लगा की
03:43मुझे तो बस मेहनत करने से बचना है
03:46ऐसे आलिशान जादूई घर को छोड़ कर कौन आना चाहेगा
03:51जहां सब कुछ अपने आप मिल जाता है
03:54दोस्त ये तुम क्या सोच रहे हो
03:56चलो चलते हैं यहां से देर हो रही है
03:59तुम जाओ
04:01मैं अब इसी जादूई घर में रहूंगा
04:04रामो जादूई घर में जाने लगा
04:06उसने शामू की एक न सुनी
04:09शामू क्या करता?
04:10वहां से मायूस होकर चला गया
04:12चमकती जादूई घर को देख कर
04:15रामो दंग रह गया
04:16जैसे ही उसने घर के भीतर प्रवेश किया
04:21घर का दरवासा बंध हो गया
04:23रामो बहुत खुश था
04:25उसने सोचा
04:26बहुत ठक गया हूँ
04:28अब कुछ खाने को मगवाता हूँ
04:31मुझे भूक लगी है
04:32कुछ खाने को दो
04:34धेर सारे पकवान रामो के सामने लग गए
04:37रामो इतने धेर सारे पकवान देख कर
04:40खुशी से चिलाया
04:41इतने सारे पकवान
04:44और वो भी बैठे बैठे
04:45अब आएगा ना जिन्दगी का मज़ा
04:48भोजन करने के पश्चात
04:50रामो ने सोचा
04:51थोड़ी देर सो जाता हूँ, बहुत नीनदा रही है
04:56रामू सो गया, कुछ देर बाद वो सो कर उठा
05:01और फिर कुछ खाने के लिए मंगवाने लगा
05:04फिर उसके आगे धेर सारे पकवान आ गए
05:07कोछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा
05:09रामू जो मांगता, जादूई घर में उसे वही खाने को मिल जाता
05:14अब धीरे धीरे रामू उबने लगा
05:16क्योंकि उसके पास खाने और सोने के अलावा कोछ करने को था ही नहीं
05:22उसी एक घर में खाओ और सो जाओ
05:24उसको समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें
05:28पर ये उसकी खुद की इच्छा थी कि उसे ऐसी जिंदगी मिले जहां मेहनत करे बिना सब कुछ मिल जाए
05:34पर कब तक आप बिना हाथ पैर हिलाए, बिना पसीना बहाए, कोई काम किये बिना बैठ कर खा सकते हूँ
05:42रामू जोर-जोर से चिलाने लगा
05:45मातमा जी, मुझे इस घर में नहीं रहना, मुझे यहां से बाहर जाना है, मैं महनत करके कमा कर खालूंगा, पर यहां तो मैं पागल हो जाऊंगा
05:55मा, मेरा मित्र शम्भू, कोई भी नहीं है, मुझे उनके साथ ही रहना है, मात्मा जी मुझे वापिस भेश दो, वापिस भेश दो मुझे मात्मा जी
06:06चिलाते हुए अचानक से रामू को आवाज आई
06:10अरे निकठ्थू उठ्चा सूरज सर पर चड़ाया है, कोई काम ढूण ले, अपने मित्र शम्भू से कुछ सीख ले, वो कितनी मेनद करता है
06:19रामू टपक से उठा और घबराया हुआ बोला
06:22मा, तुम, मैं जादूई घर से बाहर आ गया, या फिर कोई सपना देख रहा था
06:29रामू को समझा गया था, कि बिना मेनद किये, जीवन बेकार है
06:34शिक्षा, हमें हमेशा परिश्रम करते रहना चाहिए, क्योंकि परिश्रम का फल सदेव मीठा होता है
06:41दोस्तों हमें उमीद है कि आपको हमारी ये कहानी पसंद आयोगी
06:46प्रप्या हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और सभी अपडेट्स के लिए बेल आइकन जरूर दबाएं
06:52और हाँ, वीडियो लाइक और शेर करना मत भूलिएगा
06:55बाई बाई
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