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खूबसूरत चुड़ैल - Horror Stories _ Hindi Kahani _ Scary Stories _ Ghost Stories _ Chudail Bhoot Kahani

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Transcript
00:00मेरा नाम है हरिया, मैं काम करता हूँ बहुत बढ़िया, खाता हूँ खाना और रोज गाता हूँ गाना
00:14अरे यार, आज तो बहुत देर हो गई, इस खतनाग जन्मल को देख कर तो मेरे हाथ पैर ठंडे हो गए है
00:21अगर मैं वक्त पर गाम नहीं पहुँचा, तो मालिक बहुत नाराज हो जाएंगे
00:26तभी हरिया को एक आवाज सुनाई दिती है
00:30सुनिये हरे जी
00:33अरे, ये आवाज किसमे थी?
00:37तभी हरिया को सामने कुछ दूर एक औरत खड़ी दिखाए दिती है
00:41अरे भाई, ये आवरत अकेली इतनी रात को इस जंगल में क्या कर रही है?
00:48चल कर पूछना पड़ेगा
00:50फिर हरिया, अपनी बैल गाड़ी उस आवरत के सामने लाकर रोग देता है
00:55और उससे पूछता है
00:57अरे सुनिए, आप इतनी रात को इस खटरनाथ जंगल में अकेली क्या कर रही है?
01:05तब ही वो औरत मीठी आवाज में कहती है
01:07अरे हरुजी, आप आगे हैं, मैं कबसे आपका इंतिजार कर रही थी?
01:13वैसे तो यहाँ से काफी लोग गुज़र चुके हैं
01:16लेकिन मैं खास आपका इंतिजार कर रही थी
01:20अच्छा, तुम सच कह रही हो?
01:24मुझे तो यकिन नहीं हो रहा है
01:26वो क्या है ना, आज तक किसी ने मुझे इतने प्यार से बात नहीं की
01:31हाँ हाँ हाँ हरुजी मैं सच कह रही हूँ
01:34अब देर मत करिये
01:35और जल्दी से मुझे मेरे कर तक छोड़ दीजी
01:39हाँ हाँ, कौन से बड़ी बात है?
01:41अभी छोड़ देता हूँ, आप मेरे पीछे बैल गाड़ी में बैड जाईए
01:45और मुझे रास्ता बताते चलिए
01:47फिर वो औरत हर्या की बैल गाड़ी में बैड जाती है
01:51और हर्या बैल गाड़ी हाँता हुआ आगे चल पड़ता है
01:54फिर उस औरत की बताय हुए रास्ते पर चलते चलते
01:58हर्या बैल गाड़ी लेकर एक काली गुफा के आगे आकर रुप जाता है
02:03हर्या उस औरत से पूछता है
02:06अहाँ देवी जी आपका घर कहा है यहाँ तो एक गुफा के अलावाब और कुछ नहीं है
02:13तब यह अचानक वो औरत हवा में उठे लगती है
02:17देखते ही देखते उसका सुन्दा रुप एक दरावनी चुड़ेल में बदल जाता है
02:22और वो जोर-जोर से हस्ती है
02:24आरे तु तो एक दिंबर का बेलकुफ दिखला
02:30तु तो मेरी असाड़ी से मेरी बातों में आ गया
02:35अरे मर गया आरे यह तु एक चुड़ेल है
02:40ए भगवान बचाले यह तो बड़ी डरावनी दिखाए दे रही है
02:45और फिर अगले ही पल हर्या की बैल गाड़ी में रखा सारा सामान
02:50हवा में उड़ता हुआ उस काली गुफा के अंदर चला जाता है
02:53और वो चुड़ेल भी उस गुफा के अंदर जाकर कही गायब हो जाती है
02:57हर्या यह नजारा देख बुरी तरह घबरा और परिशान हो जाता है
03:03अरे यह चुड़ेल तो मेरा सारा सामान लेकर गुफा में गायब हो गई
03:08अब क्या होगा, अगर मैं गाव खाली हाथ कया, तो मालिक मेरी अच्छी ख़वर लेंगे, मेरी इस बात का कोई यकीन भी नहीं करेगा
03:17फिर आकिर वही हुआ, हर्या के मालिक चंपक सेट को, हर्या की किसी भी बात पर रगती भर भी यकीन नहीं हुआ
03:25चंपक सेट को लगा हर्या जूट बोल रहा है और उसने ही लालच में आकर सारा सामान हड़प कर लिया है
03:31फिर हर्या को बेई इमान समझ कर चंपक सेट उसे काम से निकाल दीता है
03:36अगले दिन अपने दुकान में परिशान बैठा चंपक सेट गुस्से में बढ़बढाता है
03:42अरे दुकान में तो सामान बिलकुल भी नहीं है अब मुझे ही शहर जाकर सामान लाना होगा
03:50फिर वो अपनी बैल गाड़ी लेकर शहर चला जाता है
03:53शहर से सामान लेकर जब चंपक सेच वापस गाउन लौट रहा होता है तब ये उसे एक आवाज सुनाई दिती है
04:00चंपक जी ओ चंपक जी
04:05अरे ये तो कोई मेरा नाम लेकर मुझे पुकार रहा है
04:10फिर उस रास्ते में वही औरत खड़ी दिखाई दिती है
04:14फिर क्या था?
04:16हर्या की तरह चंपक सेच भी उस आउरत के पास अपनी बैल गाड़ी लेकर जाता है
04:20और वो भी उसकी चिक्नी चुपड़ी बातों के मुझाल में फच जाता है
04:25फिर चुड़े उसे भी अपने गुफा तकली जाती है
04:28और उसका सारा सामान लेकर गुफा में गायब हो जाती है
04:32पिचारा चंपक सेट, लाचार होकर खाली हाथ गाउं लोटाता है
04:38फिर ये उस जंगल में रूस की बात हो जाती है
04:41जो कोई भी शहर से कुछ लेकर गाउं की तरफ लोटता
04:45वो चुड़ैल उसे बेवकुफ बना कर उसका सारा सामान लेकर गुफा में गायब हो जाती
04:51एक दिन हर्या एक लकण हारे को उसी जंगल की तरफ जाते हुए देखता है
04:56फिर हर्या उसे रोकते हुए कहता है
04:58अरे भाई क्यों अपनी मौत को दावत दे रहे हो
05:02मेरी बात मानो आगे जंगल में मत जाओ
05:05वहाँ एक बड़ी भयानत चुड़ैल रहती है
05:09लकण हारा हर्या की बातों को नजर अंदाज करते हुए कहता है
05:13अरे भाई मुझे पहले ही बहुत देर हो चुकी है
05:16मुझे जाने दो भाई
05:18शाम तक लकणिया काट कर सहर के बाजार में बेचना है
05:22तुम अपनी ये कहानी किसी फुरसेत में बैठे इनसान को सनाओ
05:26अमना तो चला
05:27इतना कहकर लकण हारा वहाँ से आगे जंगल की तरफ चला जाता है
05:32फिर अगले दिन गाउं के मुख्या के घर के बाहर बहुत सारे लुप जमा हो जाते है
05:37तभी हाथ में कुलहारी लिए खड़ा लकण हारा कहता है
05:41अरे मुख्या जी अब आप ही हमें बचाईए उस जंगल वाली चुड़ेल से
05:47हमारा सारा काम तो सहर सही होता है
05:50अरे मुख्या जी उस चुड़ेल की वजह से तुमें पूरी तरह बरबाद हो गया हूँ
05:56हम सब को मिलकर उस चुड़ेल का कोई इलाज करना पड़ेगा
06:01तभी भीड में खड़ा वीरा कहता है
06:04आप लोग चिंता मत करिये
06:07कल से वो चुड़ेल किसी को नहीं लूट पाएगी
06:10मेरे पास एक बहुत अच्छे तरकिव है
06:13तभी चंपक सेट उसका मजाग उड़ाते हुए कहता है
06:16अरे तेरा नाम वीरा है तो क्या हुआ
06:19तुने अभी उस चुड़ेल को देखा नहीं है
06:22जा, जाकर अपना काम कर बड़ा आया
06:26तब मुख्या जी कहते है
06:28नहीं नहीं चंपक सेट
06:31मुझे लगता है हमें इस लड़के को एक भौका देना चाहिए
06:36फिर सभी गाउवाले मुख्या जी की बातों से सहमत हो जाते है
06:40और वीरा शाम को एक बैल गाड़ी में कुछ सामान लाद कर उस जंगल की और चल देता है
06:46वीरा, ओ वीरा, कहां जा रहा है
06:51तबी वीरा मुड के देखता है
06:54वही चुड़ेल एक औरत के रूप में खड़ी है
06:57अरे बहन जी, मैं आपको ही ढून रहा था
07:01देखिए, मैं आपके लिए क्या लाया हूँ
07:03है? आरे वाह, तो खुद मेरे लिए इतना सामान लाया है
07:09तुही अकेला गाओ में समझदार है
07:15जैसे ही चुड़ेल उस सामान पर से कपड़ा हटाती है
07:24एक भगवान शीव के तेज रोश्णी उसके अंदर मूर्थी से निकलती है
07:29और चुड़ेल अपने असली रूप में आकर जल रहे लगती है
07:32देखते ही देखते वो चुड़ेल राख के साथ उर जाती है
07:45और सभी गाओं वाले भी बहां जाते है
07:47शिक्षा बुराई पे सदा अच्छाई की ही जीत होती है
07:52दोस्तों हमें उमीद है कि आपको हमारी ये कहानी पसंद आयोगी
07:57तत्य हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और सभी अपडेट्स के लिए बेल आइकन जरूर दबाएं
08:03और हाँ विडियो लाइक और शेर करना मत भूलिएगा
08:06बाई बाई
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