Kanya Pujan Significance: नवरात्रि का पावन पर्व मां दुर्गा की उपासना का समय होता है. इन नौ दिनों में मां के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि का समापन कन्या पूजन के साथ होता है, जिसे शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. कन्या पूजन में छोटी बच्चियों को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है, उन्हें भोजन कराया जाता है और फिर विदा करते समय दक्षिणा दी जाती है. यह दक्षिणा देने की परंपरा सिर्फ एक रिवाज नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व छिपा है
00:00नवरातरी का पाबवल पर्व माधुरुगा की उपासना का समय होता है
00:30जब हम किसी के घर महमान बन कर जाते हैं या कोई अच्छा काम करता है तो हम उसे धन्यवात कहते हैं इसी तरह जब हम कन्याओं को माधुरुगा के रूप में अपने घर में बुलाते हैं तो उनकी पूजा के बाद दक्षिना दे कर हम उनके प्रती सम्मान और कृतिग्यता व
01:00कन्या पूजन में आप कन्याओं को श्रंगार का समान भी दे सकते हैं जिसमें गोटे वाली चुनरी बिंदी चूणियां जैसी चीज़े आती हैं इसकिलाबा छोटे बच्चों को गुल्लक बहुत पसंद होती है और वो भी तब जब उन्हें रंग भिरंगी कार्टून इत
01:30कर वो बेहत खुश हो जाएंगे खिलोने खरीदते समय एक चीज़ का ध्यान रखें कि आप सभी खिलोने एक जैसे ही लें क्यूंकि बच्चों का मन बहुत चंचल और कोमल होता है इसके लाबा आप बच्चों के लिए एक ड्रस भी ले सकते हैं कन्या पूजन पर देने के �
02:00कर जरूर बताएं वीडियो को लाइक करें शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब करना बिल्कुल न भूलें
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