रक्षा के क्षेत्र में 25 सितंबर, बुधवार को भारत ने रेल बेस्ड मिसाइल सिस्टम से मिसाइल लॉन्च कर ऊंची छलांग लगाई. इस जानकारी को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने सोशल मीडिया X पर देश के साथ शेयर किया. उन्होंने सफलता के लिए DRDO, स्ट्रैटेजिक कमांड फोर्सेज और शस्त्र बलों को बधाई दी. भारत के अलावा इस तरह का मिसाइल सिस्टम रूस, अमेरिका, चीन और उत्तर कोरिया के पास है. भारत की इस लॉन्चिंग को बड़ी सफलता के रूप के देखा जा रहा है. रेल बेस्ड मिसाइल सिस्टम लॉन्चर के जरिए भारत युद्ध के समय अपने रेल नेटवर्क का बेहतर इस्तेमाल कर पाएगा और मिसाइल को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में आसानी होगी. कही से भी मिसाइल को लॉन्च किया जा सकेगा. ऐसे में दुश्मन देश के लिए निगरानी कठीन हो जाएगी. अग्नि प्राइम मिसाइल को इस सिस्टम से लॉन्च करने के लिए चुने जाने के पीछे बड़ा कारण- अग्नि अपने लक्ष्य को 2000 किलोमीटर तक भेद सकती है. इसमे ठोस ईधन का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे इसे एक जगह से दूसरी जगह रेल सिस्टम से ले जाना आसान होगा. इस मिसाइल में उच्च नेविगेशन सिस्टम है और ये न्यूक्लियर पेलोड को ले जाने में सक्षम है.
00:00इस अगनी प्राइम मिसाल को रेल बेस्ट लॉंचिंग सिस्टम से लॉंच करने के बाद भारत, रूस, अमेरिका, चीन और उत्तर कूरिया के साथ उस कतार में खड़ा हो गया है, जिन के पास ये सिस्टम मौजूद है
00:20इसके जानकारी रक्षामंत्री राजना सिंग ने एक्स पर पोस्ट कर दी और सफल परिक्षन के लिए DRDO, स्टर्टेजिक कमांड फोर्सेज और शसस्त्र बलो को बढ़ाई दी
00:32Rail-based system से missile की launching के बाद भारत की मारक शमता में बड़ा इजाफा हुआ है
00:42युद के समय में भारत अपने विशाल rail network का स्तमाल कर पाएगा
00:46missile को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकेगा
00:49और कहीं भी तैनात किया जा सकेगा
00:52ऐसे में दुश्मन देशों के लिए missile की निगरानी कठिन हो जाएगी
00:55Rail-based launching system से अगनी प्राइम missile लाँच की गई
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