Navratri 2025 | Durga Puja | शारदीय नवरात्रि क्या है | Maa Durga के नौ रूपों की पूजा की जाती है | माँ दुर्गा के उन नौ रूपों के नाम क्या है? और उनकी पूजा किस किस दिन की जाती है | साल में नवरात्रि का पर्व एक बार नहीं बल्कि चार बार आता है। पहला नवरात्री चैत्र के महीने में आता है, जिसे चैत्र नवरात्री कहा जाता है. इस नवरात्रि के साथ ही हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है। दूसरी नवरात्रि आश्विन माह में आती है, जिसे शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इसके आलावा पौष और आषाढ़ के महीने में भी नवरात्रि का पर्व आता है, जिसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है, और गुप्त नवरात्री को तंत्र साधना के लिए विशेष माना जाता है।
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00:00नमस्कार मैं हूँ शिखायादव और आप देख रहे हैं गंगा नीउस
00:03पूरे देश में नवरात्री की धूम है
00:06हर तरफ माता की साधना और पूजा चल रही है
00:09लेकिन क्या आपको मालूम है कि साल में नवरात्री का पर्व एक बार नहीं
00:14बलकि चार बार आता है
00:16पहली नवरात्री चैतर के महीने में आती है
00:19जिसे चैतर नवरात्री कहा जाता है
00:21इस नवरात्री के साथ ही हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है
00:26दूसरी नवरात्री अश्विन माह में आती है
00:29जिसे शरदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है
00:33इसके अलावा पौश और आशाड के महीने में भी नवरात्री का पर्व आता है जिसे गुप्त नवरात्री कहा जाता है और गुप्त नवरात्री को तंद्र साधना के लिए विशेश माना जाता है
00:45लेकिन अगर बात की जाए ग्रहस और सामान निलोगों की उनके लिए चैत्र और शार्दिय नवरात्र को ही उत्तम माना गया है
00:54जहां चैत्र नवरात्री मनाने की पीछे की कहानी ये है कि जब वर्दान पाकर शक्ति शाहली हो चुके महिशासुर का आतंक धर्ती पर बढ़ गया और वर्दान की वज़ा से देवता भी उसे हरा पाने में असमर्थ हो गए
01:14ऐसे में देवताओं ने माता को प्रसंद कर उनसे रक्षा की विंती की इसके बाद माता रानी ने अपने अंश से 9 रूप प्रकट किये
01:23ये पूरा विधान चैत्र के महीने में प्रतिबदातिती से शुरू होकर 9 दिनों तक चला तब से इन 9 दिनों को चैत्र नवरात्री के तौर पर मनाया जाने लगा
01:35वही शार्दिय नवरात्री मनाने का कारण ये माना जाता है कि देवी दुर्गा ने आश्मिन के महीने में ही महिशासुर से 9 दिनों तक युद्ध किया और 10 वे दिन उसका वद किया
01:51इसलिए इन 9 दिनों को शक्ती की आरादना के रूप में तो 10 वे दिन को विजह दश्मी के रूप में मनाया जाता है
02:00चैत्र और शार्दिय दोनों नवरात्री का भगवान राम से भी विशेश संबन्ध है
02:09चैत्र नवरात्री के अंतिम दिन राम नवमी आती है
02:13प्रभू श्री राम का जन्म राम नवमी के दिन ही हुआ था जबकी शार्दिय नवरात्री के अंतिम दिन महा नवमी होती है और महा नवमी के अगले दिन विजह दश्मी होती है
02:23विज़ दश्मी के दिन ही माता दुर्गा ने महिशासुर का मर्दन किया था और भगवान श्री राम ने रावण का वद किया था जिसे दशेहरा के रूप में भी मनाया जाता है
02:34नवरात्री के दौरान सात्रिक जीवन साधना वरत और उत्सव आधी का महत्व है
02:43नवरात्र के नौ दिनों को तीन भागों में बाटा गया है
02:47पहले तीन दिन को तमस को जीतने की साधना, अगले तीन दिन को रजस और अंतिन तीन दिन को सत्व को जीतने की साधना माना जाता है
02:57अर्थात ये त्योहार, सुरश्टी के त्रिगुणापनक शक्तियों की साधना का भी त्योहार है
03:03नवरात्र की शुडवात कलश स्थापना और जौब वोनी की परंपरा से होती है
03:08और नौ दिनों तक प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है
03:33प्रत्म दिन माता शैल पूट्री की पूजा की जाती है
03:38इनके एक हात में त्रशूल और दूसरे हात में कमल है और उनका वाहन व्रशब है
03:44शैल पूट्री माता की पूजा से जीवन में स्थिर्ता, शक्ती और साहस प्राप्त होती है
03:50भक्तों को मानसिक और शारेरिक स्वास्त में लाव मिलता है और जीवन के संकटों से लड़ने की शक्ति प्राप्त होती है
04:03नवरात्री के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिनी की पूजा की जाती है जिसका अर्थ है तपस्विनी या धर्म का पालन करने वाली
04:12इनके एक हाथ में जग की माला और दूसरे हाथ में कमंडल होता है ब्रह्मचारिनी देवी तपस्या और भक्ती का प्रतीक है इनकी पूजा से मनुष्य के अंदर आत्म नियंत्रन, धैर्य और द्रन संकल्प का विकास होता है
04:28नवरात्री की तीसरे दिन माता चंद्र घंटा की पूजा की जाती है इनके मस्तक पर एक घंटे के आकार का आर्द चंद्र है जिसके कारण इने चंद्र घंटा कहा जाता है
04:43ये रणचंडी के नाम से भी जानी जाती है और युद्ध के लिए सदैव तक पर रहती है उनके दस हाथों में विभिन अस्त शस्त्र होते हैं चंद्र घंटा देवी के इस रूप की पूजा करने से साहस, आत्म विश्वास और शक्ती का संचार होता है
05:00नवरात्री के चौथे दिन माता कुश्मांडा की पूजा होती है इने असंके भ्रहमांडों की रचना करने वाली माता माना जाता है वो सिंग पर सवार होती है और इनके आठ हातों में कमल, अमरत कलश, धनुश्वान, चक्र, गदा और जप माला धारन है
05:22कुश्मांडा देवी उर्जा और जीवन की स्रोत मानी जाती है कुश्मांडा माता की पूजा से जीवन में सम्रिध्धी, उर्जा और स्वास्त की प्राप्ती होती है
05:32नवरात्री के पाचवे दिन मासकंद माता की पूजा की जाती है
05:40इन्हें भगवान सकंद अर्थात कार्थिके की माता की रूप में जाना जाता है और ये मातरत्व का प्रतीक है
05:47देवी सकंद माता चार भुजाओ वाली है और अपनी गोध में सकंद को लिए सिंग पर विराजमान है
05:54सकंद माता की पूजा से भक्तों को उनके परिवार और संतान की रक्षा और कल्याण का आशिरवाद प्राप्थ होता है
06:02नवरात्री के छटे दिन माता कात्यायनी की अराधना की जाती है इनिस्त्री की उस शक्ती का प्रतीक माना जाता है जो परिवार को बुराईयों से बचाती है
06:17माता कात्याइनी के चार हाथ है और वो सिंग पर सवार होकर आती है
06:22कात्याइनी माता की पूजा करने से भक्तों को साहस और बल मिलता है
06:27नवरात्री के साथवे दिन माता काल रात्री के उपासना की जाती है
06:36माता काल रात्री को अंधकार और भय को नश्ट करने वाली देवी माना जाता है
06:42ये देवी का सबसे उग्रु रूप है जिसमें वो काले रंग की होती है
06:46उनके चार हातों में अस्त्र शस्त्र होते हैं और वो गधे पर सवार रहती है
06:51कालरात्री की पूजा से सभी प्रकार के भय और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है
06:57ये स्वरूप शत्रू के नाश के लिए जाना जाता है
07:01नवरात्री की आठवे दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है
07:10माता महागौरी का बर्ण श्वेथ है जिसके कारण इन्हें महागौरी कहा जाता है
07:15वो बैल पर सवार होती हैं और उनके चार हाथ होती है
07:19महागौरी को माता का सबसे उतक्रिष्ट रूप माना जाता है
07:23जो चरित्र की पवितरता और आत्मा के शुद्धी का प्रतीख है
07:27महगौरी की पूजा से पवितरता, शांती और करुणा का आशरुवात मिलता है
07:33ये रूप जीवन में शांती और सौंदर्य का प्रतीख है
07:37नवरात्री के आखरी और नौवे दिन माता के सिद्धिदात्री रूप की फूजा की जाती है
07:45इन्हें सभी सिद्धियों की दाता माना जाता है
07:48इनके चार हाथ होते हैं
07:50वो कमल पर विराजमान होती है
07:52और उनका वहन सिंग होता है
07:55उनका ये स्वरूप, ज्यान और अध्यात्मिक्ता को बढ़ावा दिता है
07:59सिध्धीदात्री की अराध्ना से सभी प्रकार की इच्छाओं की पूर्ती होती है
08:04नवरात्री के इंतियोहारों के पीछे जीवन, मौसम और स्वास्त से जुड़ा एक व्यग्यानिक पहलू भी है
08:14जब नवरात्र मनाये जाते हैं तब का समय मौसम बदलने का भी होता है
08:19और शरीर को नए वातावरण के अनुसार ढ़लने की जरूरत होती है
08:23ऐसे में उपवास और हलका भोजन करने से शरीर को शुद्ध रखने और शरीर के रोग प्रतिरोधक च्रमता को बढ़ाने में मदद मिलती है
08:32जीवन के उतार चड़ाव और नियमित तनाव खासकर आज के तेज रफ्तार वाली आधुनिक जीवन शैली में
08:39नवरात्र का त्योहार ना सिर्फ नए उत्साहा का संचार करता है बलकि हमें थोड़ा ठहर कर आत्मचिंतन करने का अफसर भी देता है
08:47नवरात्री को बुराई पर अच्छाई की जीत, शक्ती की साधना, जीवन में नई शुरुवात, आध्यात्मिक उन्नती और सामाजिक समरस्ता के उत्सफ के रूप में मनाया जाता है
08:59नवरात्री के दौरान लोग उपवास करते हैं, पूजा करते हैं और विभिन धार्मे का नुष्ठानों में भाग लेते हैं
09:07ये तिवहार लोगों को एक साथ जोडता है और उन्हें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है
09:14इस दौरान भारत के हर कोने में एक अलग ही उल्लास और उत्साहा देखने को मिलता है
09:20चाहे वो व्रत उपवास हो, रामलीला का मंचन हो, गर्वा की धूम हो या भविर्दुर का पूजा
09:27नवरात्र हर रूप में हमें अपनी परंपराओं से जोडता है
09:31भारती ये संस्कृती में नवरात्र सिर्फ एक्तियोहार नहीं, बलकि अध्यात्निक उजा, आस्था और उत्साह का अद्भुत संगम है
09:40आज के लिए बस इतना ही देश दुनिया की तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे हमारे साथ और देखते रहे गंगा न्यूस
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