00:00व्रिंदावन के जाने माने बाबा प्रेमानंद महराज से एक भक्त ने माँ दुर्गा से जुड़ा सवाल किया
00:05उसका प्रश्ण था कि मैं कोई नाम नहीं जबता, मैं केवल मा मा जबता हूँ
00:09तो क्या मुझ पर मा की दृष्टी पड़ेगी?
00:10इस पर प्रेमानंद महराज ने उत्तर देते हुए कहा कि मा भी तो भगवान का ही स्वरूप होती है, इसलिए उनके साथ जुड़ना बहत ही ज़रूरी है
00:18जैसे हम दुरगा मा, काली मा का चिंतन करते हैं, उनका ध्यान करते हैं, आप भी दुरगा मा, सरस्वती मा का पाट करें, उनका मंत्र जो दुरगा सब्तशती में है, उसे जपते रहें
00:27जहां तक परीक्षा की बात है जैसे पढ़ाई होती है ठीक वैसे ही परीक्षा होती है उन्होंने कहा अगर हम पांचवी क्लास में पढ़ रहे हैं तो पांचवी क्लास की परीक्षा देंगे दसवी क्लास के लिए अलग परीक्षा होगी अगर परीक्षा न हो तो हम आगे कैस
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