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  • 2 days ago
"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!


🔹 वीडियो की खास बातें:
✅ सुंदर एनीमेशन और इमोशनल कहानी
✅ हर उम्र के लिए अनुकूल
✅ सीखने और समझने योग्य नैतिकता

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Transcript
00:00जिठानी वहाँ आती है
00:30जिठानी खाना बनाती है जैसे शाही मतन कोर्मा, शाही दाल मकनी, शाही राजमा पुलाव, पूरी, मीठे में शाही खोई के लड़ो, ये सब बनाकर डाइनिंग टेबिल पर परोस्ती है, सभी लोग खाना खाते है
00:40अरे वाँ आमिका, तुमने तो ये शाही खाना बहुत ही स्वादिश्ट बनाया है, आओ तुम भी खाओ मेरे साथ बैट कर
00:46सच में, बहु के हाथ का ये शाही खाना खाने में स्वादिश्ट तो लग रहा है, लेकिन मैं इसकी तारीफ नहीं करूंगी, क्योंकि मैं तो चाहती हूँ ये लड़की इस घर से जल्द से जल्द चली जाए
00:57बस भया, इतनी भी तारीफ मत कीजे, खाना एवरेज है, नौट एक्सलेंट
01:03इतनी प्यार से मैंने सब के लिए शाही खाना बनाया, मुझे तो ये खाना अच्छा लग रहा है, पता नहीं इने क्यों पसंद नहीं आया
01:10अब सबको खाना खिलाने के बाद साक्षी घर में सावसफाई करने लगती है, फिर जाकर गंदी कपड़ों को धोती है, तब ही दोपेर में साक्षी की नंद अपने कुछ फ्रेंड्स को अपने घर लेकर आती है
01:19अब हम सबी के लिए खाने में कुछ आही बना दीजे
01:25ये भगवान, कल से अब तक शाही खाना बना बना कर तो मेरी कमर तोट गई है, और अभी तो जस्मे कप्रे दोकर उठी हूँ
01:32ठीक है, मैं अभी बना कर लाती हूँ
01:34अब अनामी का रसोई में आती है, और फिर से शाही पनीर, शाही मलाई चाप, शाही कोफते, नान, पलाव, मीठे में बड़ भी बना कर शिखा सारे प्रगवान निदी के कमरे में ले कर जाती है
01:44अरे वा, खाने से तो बहुत अच्छी कुश्बू आ रही है
01:47अब अनामी का जाकर रसोई में शाही चिकन बिर्यानी बनाने लगती है, वही नाईरा
02:05अरे यार, तो क्यों हमसे जबरदस्ती अपनी भावी से और शाही खाना बनवाने को बोल रही थी, इतनी मैनत से तो उन्होंने ये सब बनाया ही था ना
02:13अरे चिपकर, इतनी दया दिखाने की कोई जरतनी अस गरीब लड़की पर, अरे हम चाहते हैं कि वो इस घर में इतनी परेशान हो जाए कि ये घर छोड़ करी चली जाए
02:21शिका इतना कहती है कि इतने में अनामिका शाही चिकन बिर्यानी बनाकर उनकी कमरे में दे जाती है
02:26अब सभी फ्रेंड्स स्वाद लेकर शाही चिकन बिर्यानी खाते हैं
02:29अब दो बार शाही खाना बनाकर जूटे वर्तनों को दोकर, कपड़े दोकर सारी साफ सफाई करकर नामिका बहुत ज़्यादा ठक जाती है और वो थोड़ी देर जाकर लिविंग रूम में बैट जाती है और उसकी आखे अब धीरे धीरे बंद होने लगती है कि तभी वहाँ
02:59अब रसोई में खतम है जैसे पनीर, खड़े मसाले, सोया चाप, आदी अब अनामिका मारकेट आती है मारकेट से पनीर, सोया चाप, कुछ खड़े मसाले खरीदती है और फिर घर आकर रसोई में सब के लिए शाही मलाई चाप, शाही मटर पनीर, शाही पुलाव, पूरी ब
03:29मेरी बहु ने तो शाही खाना बहुत ही अच्छा बनाया है, ऐसा खाना तो मेरी बहु ने आज तक नहीं बनाया।
03:59उसकी कुछ औरते आ गई थी, हर माजी ने बोला सब के लिए शाही खाना बनेगा, तो फिर उन्हें शाही खाना बना कर खिलाने लगी, फिर उनके जाने के बाद साफ सफाई की, हर अब जूठे बरतन दूरियों।
04:29चलो देवरानी जी, मैंने रसोई तो पूरी साफ कर दी है, अब आप कुछ बना लीजे।
04:34अब रात में एक बार फिर शाही खाना बना कर अनामिका सब को खिलाती है, ऐसी कुछ हफते गुजरते हैं और अब दीरे दीरे शाही खाना बना बना कर अनामिका बहुत परिशान हो जाती है।
04:43इतना कहने के बाद फिर से अनामिका सबी घरवालों के लिए रसोई में शाही खाना बनाती है और सब को खिलाती है, वहीं अपने जिठानी को भी टिफिन पैक करके देती है।
05:13कुछ देर बाद जान की
05:19अब भागी भागी अनामिका रसोई में आती है और ड्राइफ रूट्स कट करके केसर डाल कर अपनी सास के लिए कश्मीरी पुलाव बनाती है और कमरे में दे कर आती है, शाही पुलाव खाती हुई जान की कहती है
05:39अब ऐसे ही कुछ हफते गुजरते हैं और एक दिन आचानक अनामिका की घर से फोन आता है जहां उसकी मा उसे कहती है कि उसके पिता की तबियत कुछ ठीक नहीं है और उसे फौरण घर जाना होगा
05:58अनामिका फौरण ये बात अपने घरवालों से कहती है
06:01ये क्या तमाशा है बहु शादी हो गई है तेरी शादी के बाद बहु ससुराल में ही अच्छी लगती है
06:06माशी आप ऐसे कैसे बोल सकती है अनामिका को शादी करके यहाँ चे महीने हो गए है और एक दिन भी अनामिका ने अपने घर जाने की बात नहीं किये
06:15और आज भी अगर वो जा रही है तो बस इसलिए क्योंकि उसके पिता की तबियत कुछ ठीक नहीं है
06:20अब भी ठीक कह रही है अनामिका तुम जाओ अब अनामिका अपने माई के चली जाती है
06:25अब अनामिका खुशी से अपनी मा के हाथ के बने हुए आलू की सबजी और पूरी खाती है
06:45इसके बाद अनामिका अपनी मा के हाथ में कुछ पैसे देती है
06:48अब अनामी का अपनी मा के साथ मिलकर अपने पिता की देख भाल करती है
06:55वहीं दूसी तरफ उसके सस्तुराल वाले
06:58अब अगले ही दिन घर में नौकर आते हैं लेकिन नौकर बढ़ चट कर पैसा मांगते हैं
07:14अब पैसा लेने के बाद भी नौकर अच्छा शाही खाना बना कर घरवालों को नहीं खिला रहे होते हैं
07:28वहीं अनिकेत का नौकरों को हर महीने मोटा पैसा दे दे कर हाला टाइट हो चुकी होती है तब ही एक दिन
07:34ये भगवान ये नौकर ने कितना घटिया शाही खाना बनाया है
07:38वहीं तो मां एक तो ये नौकर अच्छा खाना नहीं बनाते हैं उपर से हर महीने इतने पैसे ले जाते हैं मेरी तो फनिंशल कंडिशन की ऐसी की तैसी हो गई है
07:46जान के उसी वक्त अपनी बहु को फोन करती है
07:53ये सुनकर जान की गुस्स से मैं फोन कार्ट देती है
08:04ये भगवान मैं तो खुच चाती थी कि मेरी बहु इस घर में कभी ना है पर आज मुझे उसके माई के रहने पर इतनी दिक्कत क्यों हो रही है
08:11अगले दिन फिर नौकर शाही खाने को बड़ी घटिया तरीके से बना कर डाइनिंग टेबल पर रखते है
08:22जान की गुस्से में नौकर को तो भगा देती है लेकिन अब दोनों ही बेटी कॉलिज जाती है
08:40और बड़ी बहु आफिस जिसके बाद जान की को खुद सब के लिए शाही खाना बनाना पड़ता है
08:44अब चार से पांच हफते खतम करके अनामी का अपने ससुरा लाती है
09:04ममी देखो भाबी आगई भाबी आप आगई अच्छा हुआ आप आगई भाबी
09:09हाँ बहु मैं तो बेसवरी से तेरा इंतजार कर रही थी क्योंकि तेरी गैर मौजूदगी में मैंने एक दिन भी शाही खाना अच्छे से नहीं खाया
09:16कोई खिलाई नहीं पाया तेरी तरह शाही खाना बना कर बहू
09:20हरे वाँ ममी जी तो बड़ी जल्दी ही ट्रैक पर आगए
09:24अच्छा होता मैं अनामी का को बहुत पहले इसके माई के बेज़ देती
09:27वेल जब जागो तब सवेरा
09:29अब अनामी का नहाद होका रसोई में सबके लिए शाही खाना बनाती है
09:41और पूरा परिवार खुशी से अनामी का के हाथ का शाही खाना खाता है
09:44और इस दिन के बाद
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