"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!
🔹 वीडियो की खास बातें: ✅ सुंदर एनीमेशन और इमोशनल कहानी ✅ हर उम्र के लिए अनुकूल ✅ सीखने और समझने योग्य नैतिकता
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00:00करती हैं अभी तो तेरे घर मेहमान आई थे वो सब कौन थे वो लडके वाले थे मेरा रिष्टा पका हो गया है अच्छा और वो जो लड़की थी वो तेरी ननन्द है हां और देख मेरी ननन ने मुझे कंगन भी दिये है हां आभी तो देखी ही तुने सुना नहीं है ननन कैस
00:30क्योंकि अशोक का बिजनिस दूबता जा रहा था इसलिए वो अपनी बेटी की शादी एक अच्छे घन में करवा देता है
00:47बहुत जल्द दोनों दोस्त की शादी हो जाती है और शादी के बाद
00:51अच्छी बात है वैसे आपने जो गली में लॉकेट डाला है अच्छा लग रहा है क्या आप ये मुझे दे दोगी
01:03पर ये मेरी मानी मुझे मेरे अठारवी जनम दिन पर दिया था
01:08तो क्या हो गया सपना दे दो ना मैं दुमारे लिए ऐसा ही एक और बनवा दूँगा ठीक है
01:13अपने पती और अपनी नंद के कहने पर सपना अपनी मा का दिया हुआ लॉकेट अपनी नंद को दे देती है
01:18तो वहीं जब दिविका अपने माई के जाने के लिए तैयार होती है तो शीतल अपनी भाबी से बोलती है
01:23माबी आप अपने माई के जा रही है फिरे की रसम के लिए और ऐसे जाओ के आसपास के लोग देखेंगे तो क्या कहेंगी की ससुराल वाले कितने कंजूस हैं
01:34बिचारी बहु कुछ दिया ही नहीं है ये लीजी सोने की एरिंग पहन लीजिए पर मैं ये कैसे ले सकती हूँ ये तो तुम्हारी है
01:42अपनी सास के कहने पर दिपिका अपनी नंद के कान के ले लेती है
01:54कुछी दिर में दोनों ही अमीर गरीब बेटियां पक भेरे की रस्म के लिए अपने माई के जाती है
01:59कुछी दिर में रवी बाहर से सामान लेकर आता है
02:19और शांती अपनी बेटी की बातों से समझ जाती है कि उसका लोकेट उसके नंद ने ले लिया है
02:24पर वो कुछ नहीं बोलती और अपनी बेटी दमाद का स्वागत करती है
02:27तो वहीं कुछी देर में दिपिका भी अपनी पती के साथ अपने माई के आई है
02:31देखेजी हमारी बेटी दमाद जी साथ में आ गए है
02:35दमाद जी आपको आने में कोई परिशानी तो नहीं हुई
02:38और दिपिका तुने ये किसके कान की बुंदे डाले हैं मैंने तो तुझे नहीं दिये थे
02:44आप आपकी बेटी शादी शुदा है जरूर थोड़े ना जो आप दो वही आपकी बेटी पहने
02:50मा ये ये मेरी ननन ने दिये है अच्छा जल कोई बात नहीं तुम आराम करो मैं तुम दोनों के लिए कुछ खाने को लाती हूँ
02:58इतना बोल शुबा अपनी बेटी दमाद का स्वागत करती है तो वहीं शान्ती भी अपनी बेटी दमाद का स्वागत करती है
03:04कुछ दिर में सपना दिपिका से मिलने उसके घर आती है
03:07हम दोनों की शादी कितनी दूर हो गई है
03:09पता नहीं मिलना हो पाएगा या नहीं
03:12इसलिए तु जब भी आना तो मुझसे मिल कर ही जाना
03:14हाँ बिल्कुल पर तु ऐसी क्यों बन कर आई है
03:17नहीं नहीं शादी होई है अच्छी से तयार होती
03:20नहीं यार मैं तो सिंपल ही ठीक हूँ
03:22वैसे आंटी की पसंद अच्छी है अच्छे लग रही है तेरे कान के बुंदे
03:27ये मेरी मा की पसंद की नहीं बलकी मेरी ननन नी दिये है
03:30तुझे क्या बताओं मेरी ननन बहुत अच्छी है
03:33दिपिका के मुझे अपनी नन्द की तारिफ सुन सपना को काफी बुरा लगता है
03:37कुछी देर में दोनों दोस्त एक बार फिर अपने सस्राल जाती है
03:41समय यूँ ही गुजरता है और एक दिन
03:43बहु कल हमें एक छोटी सी पार्टी के लिए जाना है
03:47तो तुम अच्छे से तयार हो जाना
03:49अगर कुछ लेना हो तो रवी के साथ रात को मार्केट चली जाना
03:52अब अगर आप शाम को मार्केट जाओगी तो मैं भी चलूँगी
03:56मा जी मुझे कुछ नहीं जाईए सब कुछ है मेरे पास
04:00इतना बोल सपना अपने कमरे में चली जाती है
04:03अगले दिन सब पार्टी में जाने के लिए तयार हो जाते है
04:06और तभी काजल अपनी मा के साथ सपना के कमरे में आती है
04:09मा देखो भाबी तो तयार भी हो गई
04:26सुमित्रा की ऐसी बाते सुनकर सपना अपना मेकप केट भी अपनी नंद को दे देती है
04:42तो वहीं अब दिपिका तयार होकर अपने परिवार के साथ बाहर जाने लगती है
04:46तो शीतल और आशाद दिपिका से कहती है
04:48इतना बोल शीतल अपनी भावी को अच्छे से तयार करती है और अपना मेकप केट भी अपनी भावी को दे रेती है
05:06अब मेरा मेकप केट रख लो मैं अपनी दूसरा ले लूँगी
05:13एक बार फिर शीतल का प्यार देखकर दिपिका को काफी अच्छा लगता है
05:17जहां दिपिका अपने सस्राल में खुशास जिन्दगी जी रही थी तो वहीं सपना की नंद काजल एक-एक करके उससे उसकी सारी चीज़ें छीन रही थी
05:25देखते ही देखते छे महीने बीच जाते हैं और सपना अपनी छे मन्त अनिवर्सरी सेलिब्रेट करती है
05:30कुछी देर में रवी और सपना तयार होकर आते हैं और पूरे परिवार के साथ केक कट करते हैं
05:49इसके बाद बारी आती है गिफ्ट्स की तो जहां काजल अपनी भावी को अपना पुराना सूट और सुमित्रा अपनी बहु को आर्टिफिशल हार गिफ्ट करती है साथ ही उसके माबाब को ताने देती है
05:58बेहन आप लोग इतने करीब तो नहीं है कि अपनी बेटी को चांदे की अंगोठी दे रहे हैं देना ही था तो डायमंड का दे देती
06:06पर माजी मुझे इन सब की जुरत नहीं है मेरी माने पहले ही मुझे बहुत कुछ दे रखा है
06:12शांती और अशोग अपनी बेटी के लिए एक प्रेस्टिश लेकर आ रहे थे पर कुछ प्रॉब्लम के वज़े से नहीं ला सके
06:20और हमने सोच लिया है जब हमारी बेटी की शादी की सालगिरा होगी तो हम उसे बहुत प्यारा किफ्ट देंगे
06:26शांती और अशोक अपनी बेटी के सस्राल जाकर शर्मिंदा होकर वहां से आते हैं
06:32पर जब शोबह अपने पती के साथ अपनी बेटी के घर पहुंचती है तो वहां उसका मान सम्मान किया जाता है
06:37दिपिका केक काट के सबसे पहले अपने माता पिता को केक खिलाती है
06:41कुछ देर में पूरा परिवार खाने की टेबल पर बैठता है
06:44और जब शोभा अपने पती के साथ अपनी बेटी को चांदी की पायल गिफ्ट करती है
06:49बेटा तेरे गरीब माबाप
06:51तेरी सिक्स मन्थ हरिवर्सरी पर तेरे लिए बस यही ला सके
06:55अपनी बेटी के सस्राल वालों का इतना अच्छा व्योहार देखकर शोभा और विनोध हंसी खुशी घर आते है
07:20समय गुजरता है और बहुत जल्द सपना और दिपिका प्रेगनेंट हो जाती है
07:24और दोनों दोस्त अपने अपने माईके में घर के बाहर एक साथ अपनी गोध भराई रखती है
07:29बेहन किस बात कि तुम अमीर हो
07:32मेरी बहु की गोद भराई है
07:33पहला बच्चा माईके में होता है
07:35और तुमने ऐसी गोद भराई की अरेज्मिंट करे है
07:38एकदम थर्ड ग्लास सजावट
07:40और मेरी बहु को कहने भी नहीं दिये
07:42बस बहुत हो गया माजी
07:44मेरी माने भले ही हलका और थर्ड क्लास अरेज्मिंट किया हो
07:47पर आप लोगों के तरह अपनी बहु को नकली हार तो नहीं दिया
07:51और ना ही अपनी बहु से सामान लेकर अपनी बेटी की जोली बरी है
07:54आज मेरी और मेरी दोस की गोद भराई थी
07:57मैंने सोचा पहले मैं अपनी दोस की गोद भराई करूंगे फिर अपनी
08:00पर अब लगता है मैंने अपनी गोद भराई रखवा कर ही कलती कर दी
08:04आप भी तो अमीर है आपने क्या दिया आज तक मुझे
08:07सपना मेहमान आने वाले है शान्त हो जाओ
08:10सपना अपने घरवालों को सुनाई रही होती है
08:29कि तब ही उसकी नजर सामने हो रही दिपिका की गोद भराई पर जाती है
08:33जहां दिपिका के सस्राल वाले अपनी बहु के लिए खाना, कपड़े, श्रंगार का समान लेकर आते हैं
08:38और गोद भराई का सारा खर्चा भी उठाते है
08:41वहीं शीतल अपनी भावी को एक बहुत ही प्यारा नेकलेस गिफ्ट करती है
08:45सब ये मेहमान दिपिका की गोद भराई करके बाते करते हुए सपना की गोद भराई में आते हैं
08:51शोबा वेहन कितनी गरीब है कितनी मुश्किल से अपनी बीटी की शादी कर पाई थी
08:55पर देखो ससुराल वाले भले ही मिडल कलास है पर बहुसे कितना प्यार करते हैं
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