वाराणसीः कहते हैं लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. बनारस की बेटी हैंडबॉल प्लेयर नैना यादव ने इस बात को चरितार्थ किया है. नैना के पिता मजदूर हैं. उनकी बेटी ने संघर्षों से लड़ाई लड़कर आज अपने पिता ही नहीं बल्कि देश का नाम भी रोशन किया है. नि:शुल्क ट्रेनिंग में हिस्सा लेकर नैना ने हैंडबॉल की प्रैक्टिस की. स्टेट और नेशनल खेला और कई सारे मेडल लेकर आई और उसके बाद उनका चयन इंडियन हैंडबॉल टीम में हुआ. चीन और उज्बेकिस्तान में उन्होंने मैच खेला वैल्यूएबल प्लेयर बनी. इसके साथ टीम की उप कप्तान भी बनी. हवाई चप्पल भी ठीक से नहीं पहन पाने वाली नैना आज हवाई जहाज का सफर कर रही हैं. आइए नैना और उनके पिता से जानते हैं इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कितना संघर्ष किया.
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