- 6 weeks ago
Reality of Indian Beggars | India’s Darkest Secret | Dhruv Rathee
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00:00अगली बार जब आप सड़क पर किसी विखारी को भीक मांगते हुए देखें, ज़रा ध्यान दीजिए
00:04आंधरा प्रदेश में बच्चों को ये बेगिंग गैंग्स लगभग 300 रुपे पर डे रेंट पर लेते थे
00:11और 8-8 महिने के बच्चों को स्लीपिंग पिल्स दी जाती थी इन्हें सेडेटिड रखने के लिए ताकि वो पूरे दिन शान्त रहें
00:17चैन्ने में एक बेगिंग रैकेट पकड़ा गया जहाँ पर महिलाओं को हिंदू सैफरन कपड़े पहना कर मंदेरों के सामने भीक मांगने को कहा जाता था
00:24और फिर यही महिलाएं कोस्ट्यूम स्विच करके मस्जिदों के सामने भीक मांगती थी मुस्लिम बुर्खा पहन कर
00:30ये एक highly organized sophisticated criminal network है जिसे हम beggar mafia कहते हैं
00:36देश में 4 लाग से ज्यादा बिखारी है जिनमें से 21% बारवी पास है
00:40सेंसेस में पाया गया कि 3000 से ज्यादा तो ऐसे बिखारी है जिनके पास एक diploma या degree है
00:46एक बिखारी एक दिन में इतने पैसे कमा लेता है आप भी जानकर हैरान रहे जाएंगे
00:50जमस्कार दोस्तों साल 2022 की बात है एक daily wage laborer सुरेश मांजी काम की तलाश में बिहार से कानपूर आया था
00:59ये कानपूर के यशोदा नगर slum cluster में रह रहा था
01:03एक दिन इसकी मुलाकात होती है विजे नाम के एक आदमी से जो इसे काम दिलाने की बात करता है
01:08इसके लिए ये से कानपूर के जھकरकटी ब्रिज के नीचे आने को कहता है
01:12लेकिन अगले दिन जैसे ही सुरेश वहाँ पर पहुंचता है
01:15अचानक से इसके पीछे से कोई आता है इसके मूँपर काला कपड़ा डाल कर इसे kidnap कर लेता है
01:23इसके बाद सुरेश को इंटॉक्सिकेट किया जाता है जिससे वो बेहोश हो जाए और फिर उसकी आखों में एक chemical inject किया जाता है जिससे वो अंधा हो जाता है
01:37इसी के साथ सुरेश की हाथों की सभी उलिया भी काट दी जाती है और शरीर के कई हिस्सों पर चोट के निशान छोड़ दिये जाते हैं
01:44यह सब किया गया ता कि सुरेश भीक मांगने के लिए suitable बन जाए
01:48कुछ दिन बाद सुरेश को इस गैंग के द्वारा बेच दिया जाता है सतर हजार रुपे में एक महिला को
02:00बाद में उसे राज नाम का एक आदमी गोरक धाम एक्सप्रेस से दिल्ली लेकर आया
02:04दिल्ली पहुँचकर उसे भीक मांगने के लिए एक जगहें पर लाकर छोड़ दिया गया
02:08ये लोग सुरेश और उसके जैसे बाकी बिखारियों को सिरफ दो रोटियां देते थे दिन की
02:13ताकि वो पतले रहें और लोगों को इनको देखकर दया आये
02:16और हर दिन इसके लावा इन्हें टॉर्चर किया जाता
02:19शरीर में बार बार कोई ना कोई केमिकल इंजेक्ट किया जाता
02:22समय के साथ साथ क्रूरताएं इस हद तक पहुँच गई कि सुरेश का शरीर और बरदाश नहीं कर सका
02:27उसे इंफेक्शन हो गया
02:29उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि वो पैसे के लिए भीक मांगने भी बाहर नहीं निकल सकता
02:33अब जिस गैंग के लोगों ने उसको खरीदा था वो सुरेश की रिप्लेस्मेंट चाहते थे
02:37सुरेश की खराब हेल्थ को देखकर राज ने सुरेश को विजे के साथ कानपूर वापस भेज दिया
02:42लेकिन कानपूर में भी जबरदस्ती उससे भीक मंगवाने का काम जारी रखा गया
02:47सुरेश को सुबह से लेकर शाम तक बिना ब्रेक के शहर के में चौराओं पर खड़ा रहना पड़ता भीक मांगने के लिए
02:52जो भी भीक मांग कर पैसा वो कलेक्ट करता दिन के अंत में उसके किड्नैपर्स सारा पैसा जब्त कर लेते
02:59कुछ महीनों बाद जब सुरेश की हालत और बिगड़ गई तो उसके किड्नैपर्स उसे डंप करके चले गए
03:03उसके बाद जैसे तैसे करके सुरेश अपने घर पहुँच पाया और उसकी हालत इतनी खराब थी कि उसके परिवार के लोग भी उसे पहचान ना सके
03:13यह कोई imaginary कहानी नहीं है दोस्तों हलाकि कहानी को दोहराते वक्त AI वीडियो उसका इस्तिमाल किया गया आपको इस कहानी को दिखाने के लिए लेकिन यह सच में हुआ
03:21यहाँ स्क्रीन पर आप सुरेश के असली फोटोस देख सकते हैं
03:25बाद में एक लोकल एमिलेन इनकी परिवार की मदद करी कंप्लेन कराने में जिसकी वज़े से यह ख़बर पब्लिक में आप आई
03:34साथ रे जाकर उसका हाथ पैर तोड़ा गया भीक मंगवाने का मामला सामने आया
03:37तो अनसान इस तान पर आप पैर तोड़ दिये और 12 दिनों तक अपने गर में खेर रखा बाद में दाथ तोड़ दिये गया
03:42आखों को भी नुक्सान पहुचाया गया उसके बाद कानपुर में बस्टेंड के पास बनी बस्तीवे का औरत के पास शोड़ कर भाग गया
03:48जहां पर जहरीले injection लगाए गए
03:50लेकिन सुरेश का केस कोई isolated केस नहीं है दोस्त
03:53ये एक highly organized sophisticated criminal network है
03:57जिसे हम beggar mafya का नाम दे सकते हैं
04:00भारत में organized begging एक डेड़ लाख करोड की industry है
04:04जिसमें लाखों लोग, खासकर बच्चे और महिलाएं शामिल है
04:07जब सड़क पर आप किसी बिखारी को पैसे देते हो
04:10ये पैसे किसके पास जाते हैं
04:12आखिर एक दिन में बिखारी कितना कमा लेते हैं
04:15कैसे इतने बड़े पैमाने पर ये mafya काम करता है
04:18और क्या यहाँ solutions हैं
04:19आई ये समझते हैं इस पूरे मुद्दे को गहराई से
04:21आज के इस वीडियो में
04:23इस वीडियो को शुरू करने से पहले मैं बताना चाहूँगा
04:36इस महिने की मेरी AI Master Class के लिए
04:38स्पॉर्ट्स ओपन अप हो गए हैं
04:39ये एक धाई घंटे की लाइव वर्क्शॉप है जो मैंने पिछले महिने भी करी थी
04:43इसमें मैं परस्टनली लाइव आकर आपको 20 से ज्यादा अलग-अलग AI टूल्स के बारे में सिखाता हूँ
04:48इसमें चैट, GPT, DeepSeek, Mid Journey, Leonardo AI, Dream Studio, Runway, ML11 Labs, कई सारे नए चाइनीज AI's हैं
04:55HILU AI, Kling AI, यहाँ पर आपको Image Generation, Video Generation, AI के जरीए Website बनाना
05:01AI के जरीए Audio Generate करना, गाने बनाना और धेर सारी और चीज़े सिखाई जाएंगी
05:05पिछले महिने जिन्होंने इस Master Class को Attent किया था, उनके Reviews यहाँ आप स्क्रीन पर देख सकते हैं
05:10यह एक बहुत ही बड़ी और affordable opportunity है अपने आपको AI में upskill करने के लिए
05:14क्योंकि इसकी cost सिरफ दो movie टिक्टो जितनी है
05:16तो अगर आप इसे पिछली बार join नहीं कर पाये थे, आज join कर सकते हैं, link description में और QR code में मिल जाएगा
05:23Exact date or time भी इसी link में बताया गया है और अगर आप exactly इस time पर नहीं आप आते workshop में
05:28तो भी आप इसकी recording देख सकते हो अगले तीन दिन तक
05:31अब topic पर आते हैं
05:33सबसे पहले हमें ये समझना होगा कि ये कौन लोग हैं जो भीक मांग रहे हैं और ये भीक मांग क्यों रहे हैं
05:382021 में Institute for Human Development और दिल्ली सरकार की Department of Social Welfare ने एक report निकाली थी
05:45इस मुद्दे पर एक बड़ी detailed analysis करी थी जिससे ये सामने आया कि भीक मांगने के पीछे दो main कारण होते हैं
05:52मजबूरी और choice
05:53ज्यादतर लोग जो भीक मांगते हैं उनकी मजबूरी के कारण उन्होंने भीक मांगनी शुरू करी थी
05:59करीब 62% लोग गरीबी के कारण, 45% लोग बेरोजगारी के कारण, 24% लोग बुढ़ापे, disabled होने या बिमार होने के कारण, 6% औरते विदवा होने के कारण, और 3% लोग ड्रग्स या नशे के लथ के कारण भीक मांगते हैं
06:14COVID-19 लोगडाउन के कारण, नौकरी जाने की वज़े से भी बहुत से लोग begging की और धके ले गए थे, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो by choice भीक मांगते हैं, वो भीक इसलिए नहीं मांग रहे क्योंकि वो मजबूर हैं, वो भीक इसलिए मांग रहे हैं क्योंकि वो एक करन
06:44बिखारी भीक मांगने के साथ साथ किसी ना किसी प्रकार का कोई और part-time काम भी करते हैं, कुछ लोग मजदूरी करते हैं, कुछ कबाड़ी हैं, कुछ street vendors हैं, कुछ रिक्षा चलाते हैं, तो कुछ security guard, boot polish करना, कार साफ करना और helper जैसे काम करते हैं, लेकिन रोजाना काम नह
07:14यहां वीडियो को pause कर सकते हैं, रिपोर्ट कहती है, 32% लोग रोज के 100 रुपे से भी कम कमा पाते हैं, 33% लोग रोज 100 से 200 रुपे के बीच कमाते हैं, 22% लोग ऐसे हैं जो 200 से 400 रुपे के बीच कमाते हैं, और केवल 1% बिखारी ही ऐसे हैं, जो 400 रुपे से ज्यादा कमा प
07:44इतनी कम कमाई और अब सोच कर देखो इन में से कई सारे लोग तो ऐसे हैं जो किसी ना किसी माफिया का शिकार है तो जो पैसा ये कमा रहे हैं वो खुद के लिए भी नहीं रख पाते हैं
08:00दिन खतम होने के बाद इन्हें अपना सारा पैसा अपने गैंग लीडर को देना होता है इस पूरे माफिया ओपरेशन को वैसे समझने के लिए पहले हमें ये समझना होगा कि इन लोगों को रिक्रूट कैसे किया जाता है
08:10Organized Begging Rings सबसे कमजोर लोगों को अपना Target बनाते हैं इनके Prime Targets होते हैं बच्चे बहुत से बच्चों को Kidnap किया जाता है उनकी Trafficking करी जाती है और यहां तक की गरीब परिवारों को जूटे वादे करके उनके बच्चों को माफिया को बेच भी दिया जाता है
08:26इंडिया में हर साल approximately 60,000 बच्चे गायब होते हैं और इसमेंसे बड़ी संख्या के बच्चों को जबरदस्ती बेगिंग के काम में लगाया जाता है
08:35कुछ गैंग्स तो अकसर बच्चों को रेंट पर भी ले लेते हैं उनसे भीक मंगवाने के लिए
08:39डेस्परेट गरीब पेरेंट्स जिनके पास और कोई कमाई का जरिया नहीं बच जाता वो अपने बच्चों को रेंट पर दे भी देते हैं कुछ पैसो के बच्चों को अरे यलम मा ये बच्चे का क्या गुरगुर चाल हुए तुम लों का
08:50उधारन के तौर पर आंधरा प्रदेश में बेबीज को बेगिंग गैंग्स लगभग 300 रुपए प्रती दिन रेंट पर लेते थे
09:10और इन बेबीज को ओपियम या स्लीपिंग पिल्स से सेडेटिड रखते थे ताकि वो पूरे दिन शांत रहें, रोए ना
09:16एक और उधारन कॉलकता बेस्ट एक बेगिंग रिंग जिसमें बांगलदेशी और इंडियन मेंबर्स दोनों थे
09:21आठ साल तक छोटे लड़कों को रूरल एरिया से किड्नाप करके उन्हें ट्रेंज और स्टेशन पर भीक मंगवाते थे
09:28एक केस में तो इन्फेंट्स को कफ सिरप दी जाती थी ताकि उन्हें नशे में रखा जा सके
09:32इसे ट्रैफिकिंग कहा जाता है और इन बच्चों को एजुकेशन और बेसिक राइट्स के बारे में कभी नहीं बताया जाता
09:37ये हैंडलर्स अक्सर बच्चों को भूखा भी रखते हैं ताकि वो दुबले पतले दिखें रोते हुए दिखें
09:42जिससे पबलिक उन्हें देखकर ज्यादा सिंपथी फील करे और ज्यादा पैसे दे
09:46सबसे खौफना केसिस के बारे में मैं ज्यादा डिसकस नहीं करूँगा क्योंकि बहुत ही डिस्टर्बिंग डीटेल्स हैं जो सुरेश की कहानी में हुआ
09:52सुरेश के साथ किया गया वही अकसर कुछ गैंग मेंबर्स बच्चों के साथ भी करते हैं
09:57बेगिंग माफिय भीक मांगने को एक बिजनस की तरह चलाता है ज्यादा से ज्यादा पैसे खटे करना और बिखारियों पर कंट्रोल बनाए रखना अलग अलग तरीकों से
10:06यहाँ पर टरिटोरियल कंट्रोल भी देखने को मिलता है जो गैंग्स होते हैं वो अपना अलग-अलग एरिया बाट लेते हैं
10:11और गैंग्स यह भी जानते हैं कि सबसे ज्यादा पैसे कौन से एरियाज में मिलेंगे मंदिर के पास, मस्जित के पास, ट्रेन स्टेशन पर, बस स्टैंड्स पर, जहाँ जहाँ ज्यादा लोगों की भी देखने को मिलती हैं
10:22इन गैंगs को ये भी पता होता है, कौन से एरियाज में कौन से विखारी भीक मांग रहे हैं,
10:26और अगर कोई विखारी इंडिपेंन्ट ली भीक मांगना चाहता है,
10:29बिना इस गैंग का हिस्सा बने तो उसे बहुत स्टरगल करना पड़ता है,
10:33क्योंकि इन गैंग्स को बहुत सारी चीजे पता हैं जो एक इंडिपेंडेंट बिखारी को ना पता
10:38ये गैंग्स के लीडर्स आपस में बातचीत करके अलग-अलग इवेंट्स और फेस्टिवल्स की भी प्लैनिंग करते हैं
10:52यहां ऐसा भी नहीं है कि हर गैंग बड़े ही क्रूर और डी हुमनाइजिंग तरीके से बिहेव करें बिखारीों के साथ
10:57चन्ने में एक बुजर्ग बिखारी ने बताया कि उनके ग्रूप का लीडर हर शाम सबकी कमाई को इखटा करके
11:02इन्हें सभी मेंबर्स में बराबर बाट देता था और अपना शेयर अलग से रख लेता था
11:06और इस शेयर के बदले यह लीडर प्लैनिंग करते थे कि क्या और कैसे करना है
11:11यह बिखारीयों को एक शेहर में हो रहे अलग-अलग religious festivals और functions के बारे में टिप देते थे
11:16उन्हें बताया जाता था कि वो वहाँ कैसे पहुँच सकते हैं जैसे कि कोई शेहर में किसी की शादी हो रही है या किसी का कोई और function होने वाला है
11:23यह पूरा गेम एक ऐसे लेवल पर खेला जा रहा है जो एक आम इनसान के लिए imagine करना मुश्किल है
11:28यह लगातार अपनी tactics को fine tune करते रहते हैं
11:31चन्ने में केस देखा गया जहाँ पर महिलाओं को मंदिरों के सामने हिंदू सैफन रोप्स पहन कर भेजा जाता था
11:37और उन्ही महिलाओं को बाद में कॉस्ट्यूम स्विच कराकर मुस्लिम उर्खा पहना कर मस्जिदों के सामने भीक मांगने के लिए भेजा जाता
11:44जो भी हिंदूस और मुस्लिम्स मंदिरों में जा रहे हैं, मस्जिदों में जा रहे हैं, उनके खुले दिल का फाइदा उठाने के लिए यहाँ पर बिखारियों की अपिरेंस ही बदल दी जागा।
11:542010 की एक ख़वर है, 13 साल के भीमपपा नाम के एक बच्चे ने बताया कि एक बार ट्रैफिक सिगनल पर एक और अरत ने कार में उसे एक आठ महीने की बच्ची के साथ बारिश में कापते हुए देखा।
12:04बच्चों की ऐसी हालत देखकर उस औरत को दया आई और उसने 100 रुपे दे दिये। लेकिन इसके बाद क्या हुआ बाकी जो बिखारी और इनके गैंग लीडर्स थे। उन्हें पता लग गया कि ये भी एक टेकनीक हो सकती है इमोशनल मेनिपलेशन की।
12:16जान पूचकर वो बच्चों को थंड के समय बारिश में भीक मांगने के लिए भेजने लगे। और इस वज़े से एक दो साल की बच्ची पूजा की डेथ होगे। बारिश में भीकने के बाद थंड लगने की वज़े से। ड्रग्स की भी यहाँ पर एक बड़ी इंवॉल्
12:46जगा देते हैं जिससे वो करज में जाने लगे। इसके बाद वो उन्हें ड्रग्स तभी देते हैं जब भीक मांग कर सारा पैसा लाने को तयार हो जाए। यह एक और तरीका बन जाता है बच्चों को फसा कर रखने के। कुछ केसिज में पेरेंट्स भी बच्चों को भीक
13:16कालियों को मजदूरी के तोर पर देता था। कई बार देखा गया है कि बेगिंग माफिया के पास पॉलिटिकल बैकिंग भी होती। आंधरा प्रदेश में जब एंगियोज ने बच्चों को रेस्क्यू करने की कोशिश की तो लोकल पॉलिटिशिंस ने बेगिंग माफिया
13:46ने कपड़े पहना कर ड्रग से बेहोश करके सो रुपे के किराये पर बेगर गैंग को दे देती। पेरेंट्स को लगता बच्चे अच्छा खासा समय बिता रहा है नैनी के साथ खुश होगा लेकिन एक्चुली मैं उस बच्चे को रेंट पर दिया जा रहा था दिन के समय
14:16मांगता हुआ पकड़ा गया उसे 10 साल तक की सजा सुनाई जा सकती थी। इसके तहत एक चीफ कमिशनर बिखारियों को हिरासत में लेकर एक इंस्टिटूशन में डालने का आदेश दे सकता है और उसे वहाँ कितने भी समय के लिए रखा जा सकता है। जब इस कानून को ला
14:46में दिल्ली हाई कोट ने दिल्ली में इस एक्ट के कुछ सेक्शन को अनकॉंसिटूशन बताया और बेगिंग को डी क्रिमिलाइज करने को कहा। कोट का कहना था कि लोग अपनी मर्जी से सडकों पर भीक नहीं मांगते बलकि उनके लिए ये सर्वाइफ करने का आखरी रास
15:16इस ने अपने ऐसे मिलते जुलते कानून भी बना रखे हैं।
15:46लेकिन इसके बाद भी ज्यादतर केसिज में सरकार का फोकस इन गैंक्स के खिलाफ अक्शन लेने में नहीं रहा है, बलकि इन विक्टिम के खिलाफ इन बिखारी dob के खिलाफ एक्शन लेने पर रहा है। कोई भी बड़ा इंटरनेशनल इवेंट होता है तो सरकार इसप्र�
16:16इसके लावा इन इवेंट्स के दुरान अकसर बड़े बड़े परदे भी लगा दिये जाते हैं कई लोकालिटीज और स्लम एरियास के बाहर ताकि कोई भी सड़क पर चलने वला ये ना देख सके और ये सारी प्रोब्लम्स उनसे छिपी रहे इससे पिछली सरकारों ने भी ऐ
16:46ऐसे में सवाल ये उठता है कि इस प्रोब्लम का असली सोलीशन क्या है असली सोलीशन है बिखारियों को रेस्क्यू करने के बाद उन्हें कुछ समय के लिए गवर्मेंट रन शेल्टर्स और रीफॉर्म होम्स में रखा जाए उसके बाद ये डिसाइड किया जाना चाहिए
17:16जैसे कि उधारन के तौर पे दिल्ली सरकार ने लामपूर गाओं में बिखारियों के लिए एक रीहबिलेटेशन सेवा सदन बनाया था इसे कई दशों को पहले बनाया गया था इसमें 5 घर और 70 कमरे हैं जिनमें 1500 लोग रह सकते हैं धीक मांगते हुए पकड़े जाने पर �
17:462016 में सिर्फ एक और 2017 के बाद एक ही बिखारी यहां नहीं आया जबकि दिल्ली के हर चौराहे पर आपको बिखारी मिल जाएंगे
17:542020 में Union Ministry of Social Justice and Empowerment ने एक पाइलेट प्रोजेक्ट शुरू की इसमें कहा गया कि देश के 10 शहरों को बिखारी मुक्त बनाया जाएगा
18:03इन शहरों में इंदोर और मुंबय के नाम शामिल हैं लेकिन एक्चुली में इसकी implementation कैसी हुई
18:08इंदोर में आदेश दिया जाता है कि एक जनवरी 2025 से भीक लेना और भीक देना दोनों illegal हैं और भीक देने वालों के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगे
18:17जनवरी 2025 में एक मंदिर के सामने एक महिला बिखारी को पैसे दे रही थी और एक व्यक्ती ने इसे देख लिया और FIR दर्ज करा दी
18:24यह मध्या प्रदेश का पहला ऐसा मामला बन गया जहाँ पर किसी ने बिखारी को पैसे दिये हो और देने वाले पर ही FIR दर्ज हो गई हो
18:31इन दोर के बाद भोपाल में भी सभी पब्लिक प्लेसिस पर भीक मांगने और देने पर रोक लगाई गई
18:35लेकिन सवाल यहां यह है कि क्या बेगिंग पर सीधा बैन लगा देना कोई सोलूशन है जब तक इतनी बेरोजगारी है
18:42जॉप्स की कमी है डिसेबल लोग के पास तो और भी कम मौके है हमारी एकॉनमी में इन्वाल्ड रहने के
18:47अगर इन लोगों को भीक भी नहीं मांगने दी जाएगी तो क्या expect करते हो यह चुप चाप मर जाएं
18:532011 के census में सामने आया कि देश में 4 लाग से ज्यादा बिखारी थे जिन में से 21% बारवी पास थे
19:00और लगबग 3000 बिखारी तो ऐसे थे जिनके पास एक professional diploma या degree थी
19:04डिगरी होने के बावजूद भी कोई यहाँ भीक क्यों मांगेगा क्योंकि इनके पास कोई और option ही नहीं है
19:10और इसी मजबूरी का फाइदा उठा कर यह beggar mafya इन्हें और भी बुरी तरीके से exploit करता है
19:16अलरीडी मजबूर लोग जो भीक मांग रहे हैं उनको beggar mafya की वज़े से अब sympathy भी नहीं मिलती
19:22इससे जाहिर सी बात है आपके अंदर भी feeling आएगी जब आप अगली बार किसी बिखारी को देखेंगे
19:26या तो आप बहुत desensitized हो जाएंगे आपको ये लगे कि यार इने जाने दोए पक्का mafya के लोग होंगे
19:32या फिर दूसरी तरफ आप बड़े helpless feel करेंगे
19:35कि मुझे दया तो आ रही है इन बच्चों की हालत देखकर लेकिन मैं यहाँ पर क्या कर सकता हूँ
19:39अगर मैंने पैसे दिये तो वो beggar mafya के पास जाएंगे
19:42और उनके पास पैसे जाने का मतलब है इन लोगों हा exploitation और ज्यादा होगा
19:47यहाँ पर सबसे पहली चीज़तों मैं यह कहूँगा कि आपको यह याद रखना है दोस्तों कि हर एक बिखारी किसी beggar mafya का हिस्सा नहीं होता
19:54बहुत से लोग ऐसे हैं जो गरीबी और बेरोजगारी के कारण भीक मांग रहे हैं और किसी भी गैंग से नहीं जुड़े हुए हैं
20:00दूसरा मैं कहूँगा कि आपको सीधा बिखारीों को पैसे नहीं देने चाहिए
20:05क्योंकि आपके लिए बताना मुश्किल है कि कोई बिखारी यहाँ पर independently काम कर रहा है
20:09सिरफ मजबूरी के कारण भीक मांग रहा है या फिर वो किसी बड़े beggar mafya का हिस्सा है
20:14इसलिए इन्हें पैसे मत दीजिए लेकिन आप इनकी मदद कर सकते हैं कई और तरीकों से
20:18अगर आपको इन्हें देखकर लगता है कि यह भूके हैं तो directly आप इन्हें खाना दे सकते हैं
20:22इसके लावा आप इन्हें कपड़े या दवाईयां जैसी चीज़े दे सकते हैं जो directly इनके लिए यूस की होंगी
20:27और अगर आपके पास और समय है तो आप गाड़ी से बाहर निकल कर इनके साथ detail में बात कर सकते हैं
20:31इनकी problem समच सकते हैं और फिर आपको लगे तो आप इन्हें कुछ काम दे सकते हैं
20:36पैसे आपको देने ही हैं तो उन NGO's को दीजिए जो यहाँ पर काम कर रहे हैं बिखारियों को rehabilitate करने का और इनकी skill development का
20:44इसके लावा बच्चों की education को support करने वाले programs की भी आप मदद कर सकते हैं
20:48कई ऐसे NGOs हैं जो गरी बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं जैसे कि एक है teach for India
20:53ये एक दो साल का fellowship program रखता है अगर आप एक college graduate है या working professional है तो अपने free time में बच्चों को पढ़ाने का काम कर सकते हैं खुद से
21:01अगर आपको बच्चे भीक मांगते हुए दिखते हैं और आपको ये दिखता है कि कई सारे बच्चों को एक जैसी चोट लगी हुई है
21:07कोई बच्चा नशे में दिख रहा है या कोई व्यक्ती बिखारियों से पैसा एक खटे करते हुए दिख रहा है
21:12ऐसे केस में आप इसकी जानकारी पुलीस को दे सकते हैं
21:14फाइनली याद रखिए बिखारियों से हमेशा सम्मान से पेश आएं अगर आपको उनसे बात करनी है तो अच्छे से बात करें
21:20आखों में देखकर बात करें ठीक लगे तो उनका नाम पूछिए उन्हें जज़ करने से बचें
21:25याद रखिए ज्यादा तर बिखारी human trafficking, exploitation या गरीबी का शिकार है
21:30एक larger scale पर ये problem तभी solve हो सकती है जब सरकार यहाँ पर action लेग
21:34begging code decriminalize करना होगा, welfare schemes का दाइरा बढ़ाना पड़ेगा
21:38schemes का असर देखने के लिए technology की मदद से अच्छी monitoring करनी होगी
21:42और लोगों की rehabilitation इस तरीके से करनी होगी कि समाज में उनकी हिस्सेदारी बढ़ेगा
21:48AI master class को join करने का link नीचे description में मिल जाएगा
21:53और अगर ये वीडियो आपको पसंद आया तो मैंने ऐसे ही और वीडियो बनाया है कई सारे socio-cultural topics पर
21:58ऐसी ही एक और interesting कहानी है सोमालिया के गरीब और बेरोजगार लोगों की
22:02यहाँ देश की हालत इतनी बुरी थी कि इन लोग के पास भीक मांगने का भी option नहीं था
22:07ऐसे में इन्होंने मजबूरी में रास्ता अपनाया पाइरसी का और यह बन गए सोमालियन पाइरेट्स
22:13यहाँ क्लिक करके इनकी कहानी जान सकते हैं बहुत बहुत धन्यवाद
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