00:00और जब एक मा अपनी बेटी को छिपाने लगे, जब एक बाई अपने बहन को चुप करा दे, तब समझे कि हमने बलतकार को समाज में सुविकार कर लिया।
00:12अब बात आती है, बलतकार रोगने के लिए क्या करे, कानून, पुलिस, जेल, हाँ ये सब जरूरी है, लेकिन असल समादान वही है जहां ये सोच पैदा होती है, यानि मन, बेटों को सिखाओ, नहीं मतलब नहीं, फिल्मों में नारिक अपमान रोगिये, बच्चों को योगि
00:42अतनी के लिए जो भाव होगा, वहीं बाहर के लिए बनेगा, रोग थाम तब होती है, जब डर नहीं समझ पैदा हो, आप सड़कों पर पुलिस बढ़ा सकती हैं, लेकिन एक बुरे मन के आगे, पुरा सिस्टम भी कमजोर होता है,