00:00एक पत्नी ने अपने पती की हत्या कर दी अपने प्रेमी के साथ मिल कर
00:04किसी ऐसे इनसान के साथ मत जूरिए जिसको आप आएं कि वो अपनी निजी जिनदगी में ही बहुत बिखरा हुआ है
00:11और कही बार मामला इतनी आगे आ चुका होता है कि पल्टा नहीं जा सकता है, रिवर्सिबिल हो जाता है.
00:41एक महिला ने एक पत्नी ने अपने पती की हत्या कर दी, अपने प्रेमी के साथ मिलकर, उसे इस बात का कोई गम नहीं, वो हत्या करने के बात घूमने गई उसके साथ, जगे जगे शहर शहर घूमी, लोट कर आई, बड़े आराम से बिना किसी स्ट्रेस के, बिना किसी रिमोर्
01:11के बीच में जो है हमारे युवा जो है जैसे relationship में जाते हैं वो किस सोच के साथ उन रिष्टों में आगे बढ़ते हैं
01:22नहीं सोच कुछ नहीं होती hormones होते हैं
01:25hormones
01:26असल में समस्या सारी है कि हम
01:32हम भी ध्यान तब देते हैं और शोर तब मचाते हैं जब किसी बेचारे की हत्याई हो जाती है
01:39जब खून बह जाता है ना
01:41सिर्फ तब हमें लगता है कि कुछ बुरा हो गया
01:43जिस शादी में पत्नी अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पती को मार रही है, जब वो शादी हुई थी, तब हम मेंसे किसी ने गौर नहीं किया कि शायद ये शादी ही गड़बड़े, उस शादी से पहले अगर उनका कोई और रिष्टा चला था, तब हम मेंसे किसी ने ग�
02:13सामने आया है, पर परस्नल लेवल पे आप भी कई लोगों से मिलते होंगे, कई लोगों को जानते होंगे, और कहा जाता है कि करीब साथ प्रतिशत रिष्टे जो है, वो ऐसे हैं जिसमें दोनों व्यति खुश नहीं है, मकर बंधन में बंद गए है, तो उन्हें समझ में आ
02:43इतनी आगे आ चुका होता है कि अप पल्टा नहीं जात सकता है, रिवर्सिबल हो जाता है, तो इसलिए हम बात का संग्यान, कॉग्निजन्स ही बहुत देर से लेते हैं, पहले तो यह समझना जरूरी है, फिर यहीं रह जाता है, पश्टाय हो, उतके चिडिया चुक गई ख
03:13बारे में, जिन्दगी के बारे में, या बस दो ताकतें आपके उपर काम कर रही हैं, एक शारिरिक, हॉर्मोनल और एक सामाजिक, माने फिल्मी, परंपरागत, जहां आपको बता दिया गया है कि जिन्दगी में एक विपरीत लिंगी तो होना ही चाहिए, लड़की या लड
03:43जानने समझने की तो बात ऐसी है कि हमें, हमें यही नहीं पता कि अपने लिए एक शर्ट का चुनाओ कैसे करें, हमें यही नहीं पता कि टीवी पर कौन सा शो देखना है, हमें यही नहीं पता कि राजनीती में पर निता कौन सा चुनना है, अपने लिए बाई कौन सी चुन
04:13ग्यान है न, खुद को बिलकुल नहीं जानना, उसके बावजूद, बड़े आत्म विश्वास के साथ जा करके, फैसले कर लेना, रिश्टे बना लेना, और बिलकुल इर्रिवर्सिबल फैसले भी कर लेना, करियर चुन लेना, पार्टनर चुन लेना, ये जो चीजे होती हैं
04:43लेकिन गलत निरणय आपने ले लिया, तो आपको उसको धोना पड़ता है बहुत लंबे समय तक, और बाहर बाहर चे लोगों को यही लगया, कि चल रहा है ठीक है, कोई नौकरी पकड़ लिया है, कोई इंडस्ट्री, कोई फील्ड पकड़ लिया है, और ये उसमें जॉब
05:13और भीतर से खुद को बरबाद करने में गलत तरीके के रिष्टों का सबसे बड़ा योगदान होता है, और रिष्टे में बस यही नहीं आता कि इंसान से रिष्टा, आपका अपने काम से रिष्टा, आपका अपने घर से रिष्टा, आपका अपनी जगह से, देश से रि�
05:43में तो ये चीज रिश्टे की शुरुआतनी स्पश्ट हो जानी चाहिए मान लीजे नई स्पश्ट हुई हमें से perfect तो कोई भी नहीं होता मान लीजे भूल हो ही गई जब भूल हो ही गई तो लगातार reality check करते रहते हैं आपकी गाड़ी होती है आप खरीद लेते हो उसके बा�
06:13तो वैसे एगर आपने शादी भी कर ली है तो ये क्यों मान रहे हैं कि अब हमेशा के लिए कुछ ऐसा है जो बिलकुल अब सुचारू ही चलेगा जनम जनम का बंधन है भाई दो इनसान है दोनों की अपनी अपनी सिंदगी है दोनों की अपनी अपनी चेतना है देखते भी
06:43तो फिर साफ साफ बातचीत करो कि भाई ये मामला आठा करा है यहां पर मगर जब हम किसी भी रिष्टे में एंटर करते हैं तो यही सोच कर करते हैं कि यह हमारे आने वाले कल को जो है सुगम बनाएगा सुचारू चलेगा इसी होप के साथ कोई भी एक रिलेशन्शिप के �
07:13कौन से होने चाहिए आप किन बातों पर लगातार गेहन करें कि आपका रिष्टा जो है सुचारू चलता रहे उमीद और डर
07:21दूसरे वाले को आप कितनी अपनी उमीदों में बांधना चाहते हो कितना ज़्यादा आप चाहते हो कि वो आपके हिसाब से अपनी जिन्दगी जीए
07:31कितना ज्यादा आप उमीदों के कारण उस पर आश्रित होते जा रहे हो
07:36क्योंकि आप जिससे जितनी ज्यादा उमीद रख रहे हो ना आप उस पर उतने डिपेंडेंट हो रहे हो
07:40आश्रित हो और आप जिस पर आश्रित होते जाते हो
07:44कभी आप उसको खुला नहीं छोड़ सकते, उसको आप स्वतंतर जीने नहीं दोगे
07:47यह माईक है, यह भी मेरे बड़े उपयोग का है
07:51देखिए मैंने कैसे इसको ऐसे पकड रखा है, आपने भी पकड रखा है
07:53अब माईक अगर इनसान होता, और माईक कहता भाई मुझे जाने दो बाहर
07:57मुझे पानी पीना है, मुझे ट्वालेट जाना है, तो हम छोड़ थोड़ी देते उसको
08:01हम कहते हैं अभी तु मेरा काम कर, रिष्टे भी हमारे ऐसी हो जाते हैं, मैं ऐसे पकड के रखते हैं
08:06और ये प्रेम की पकड नहीं है, ये आश्रयत है, डिपेंडेंसी की पकड, ये स्वार्त की पकड है, डिपेंडेंसी की पकड, अगर वो चला गया तो मेरा क्या होगा, इसलिए नहीं
08:28कि उससे मुझे बहुत प्यार है, इसलिए नहीं कि अगर वो चला गया तो उसका नुकसान हो जाएगा, इसलिए कि अगर वो चला गया तो मेरे स्वार्थों की पूर्ति कौन करेगा फिर, जैसे ही आपको दिखाई दे कि दूसरा, पर आपने हमारी conversation की शुरुआत में ये बा
08:58expectations तो mandatory है, आपके दिमाग में, आपके मन में, आपकी इचाओं में वो चाहत होगी कि पूरी हो, आपको इससे चाहिए क्या मैंने कहा और साथ ही साथ कहा कि ये भी तो देख लो जो तुम चाहरे हो पूरा कर भी सकता है कि नहीं, ब्रदारण्या को पनिशद है, रिशी याग
09:28तो पती की खातिर नहीं, अपने खातिर, तुम्हें चाहिए क्या सचमुच उससे, आपको जो लगता है ना, आप सोचते हो मुझे एक इनसान चाहिए, इनसान नहीं चाहिए, आपके भी तर एक छिपी हुई, दबी, गहरी अपूर्णता है जो आप उससे पूरा करना चाह
09:58हठ है, बेचैनी है, ये उसका इलाज कर देगा, वो उसका इलाज नहीं कर सकता, तुमने उमीद पाल ली है और आत्म ग्यान है नहीं, तुमने कभी अपने भीतर जहाग कर देखा नहीं, तो तुम्हें पता भी नहीं कि तुम भले ही सोच रहे हो, कि ये इनसान जिघी में �
10:28लोडशिप पीरियड होता है, जब प्रेम प्रसंग चलता है, तो तुमने सिर्फ उपरी उपरी गुलावी फलफी बातें करी हैं, तुमने कभी कोई गहरी बात करी ही नहीं है, तुम्हारी जो सारी बात है, वो बस वही चॉकलेट और टेडी बियर के तल पर रह गई है, तु
10:58और आपको जो पता होता है, जो आपके अपने इरादे होते हैं, कोई बहुत अच्छे तो होते नहीं दूसरे से, ठीक है ना, जब मामला ही हॉर्मोनल है, तो तुम और किस सीज के लिए दूसरे के पास गए हो, उपर पर से मुस्कुरा रहे हो, सब भे सु संस्कृत बन रह
11:28साफ हो जाती है, दूसरी बात, तुम्हें भी ये देखने का मौका मिल जाता है, कि ये सब हो भी गया, तो क्या होगा, लेकिन इन सब से ज़्यादा जरूरी ये है, अपने आप से पूछना, कि इनसान, चाहे पतिवत्नी प्रेमी की तलाश में हो, चाहे पैसे की तलाश में
11:58जिन्दगी में चाहिए, एक सीमा तक उसकी उपियोगिता है, एक तल पर उसकी उपियोगिता है, पर तुम्हारे भीतर जो बेचैनी और खोखलापन बैठा है, क्या दुनिया भर का पैसा भी उसको भर पाएगा, ये पूछना ज़रूरी है, ठीक है, इंसान हम सब को चाहिए
12:28जो एक अव्यक्त छट-पटाहट है, क्या ये इंसान उसको भर भी पाएगा, ये अपनी तो ठीक करनी पाया जिंदगी, क्या मेरी ठीक कर पाएगा, पर हम सब यही सोचते हैं कि अमकादमी मेरी जिंदगी में आ गया, तो बिल्कुल चान तारे बिखर जाएंगे, और गु
12:58मुझे क्या दे सकता है, साथी मुझे किस चीज की जरूरत है, और क्या सामाने बाते हैं, जिंके परे होकर मुझे किसी भी तरह की संतुष्टी मिलेगी, सामाने बाते वो ये कि मेरी सेक्स की चाहत, मुझे प्रेंग की चाहत, मुझे कमपनी की चाहत, उसके अलावा, मुझ
13:28तरीका है, अगर
13:31मैं आमतोर पर
13:32सजग नहीं हूँ अपने प्रते
13:34तो सिर्फ रिष्टा बनाने
13:37के मौके पर सजग नहीं हो पाऊंगा
13:38यह ऐसी चीज नहीं है कि
13:40डू दिस अधिस टाइम, कि अब आप एक
13:42रिलेशन्शिप में जाने वाले हो, तो self observation
13:44कर लो बैठ करके, ऐसे नहीं हो पाएगा
13:46self observation एक way of life है
13:48जीने का तरीका है, या तो आप
13:50उसमें जी रहे हो, उसके साथ हो
13:52उसका आपने लगातार अभ्यास करा है
13:54आपका प्रेम बन गया है
13:56स्वयम को जानना
13:57तब तो रिष्टे में भी यह संभव हो पाएगा
14:00नहीं तो अगर आपने पूरी जिन्दगी ही
14:02बेहुशी में बिताई है
14:04आपका पूरा अभ्यासी ऐसा राय कि जिधर को भीड जा रही है
14:07और जिधर को शरीर जा रहा है
14:08पीछे-पीछे मैं भी चल दूँ
14:09अगर आपने पूरा अभ्यासी यही करा है
14:11तो रिष्टे में भी आपके ये होके रहेगा
14:13और रिष्टे के मौके पर बस आप कुछ अलग नहीं हो जाओगे
14:17तो एक अच्छा रिष्टा किस आधार पर होना चाहिए
14:20एक अच्छा इंसान पहले बनना पड़ेगा
14:21अच्छा इंसान नहीं है तो अच्छा रिष्टा कहां से आ जाएगा
14:24अच्छा रिष्टा
14:30सस्ती चीज नहीं होता वो उनको यह उपलब्द होता है
14:33जिन्होंने सबसे पहले अपने उपर महनत करी होती है
14:35और अच्छे इंसान बने होते हैं
14:36हमको क्या लगता है कि हमारी उम्र हो गई है तो हमें प्रेम मिल जाएगा प्रेम उम्र से नहीं मिलता है प्रेम बहुत महनत से अभ्यास से ग्यान से मिलता है प्रेम ऐसी चीज नहीं होती है कि I too have fallen in love वो सिर्फ एक hormonal कलाबाजी होती है और वो जानवरों में भी होती है बस ज
15:06अपनी जिंदगी में जहांकने की हिम्मत रखना साफ साफ देख पाना और प्यार इश्क आशकी यह बहुत करीब की बाते हैं किसी ऐसे इंसान के साथ मत जुडिये जिसको आप पाएं कि वो अपनी निजी जिंदगी में ही बहुत बिखरा हुआ है जो अपने ही विचारों
15:36जो इनसान अपने लिए ही अच्छा नहीं है वो किसी और के लिए भी अच्छा नहीं हो सकता भले ही वो कितने भी कसमेवादे उठा ले खूब कहले गाना सुना दे दिखने में हैंडसम हो सकता है प्रिटी हो सकता है लेकिन वो किसी के लिए अच्छा नहीं हो सकता अच्छ
16:06हम IQ की बात करते हैं
16:08मुझे आपसे समझना है कि
16:10एक emotional IQ होना
16:12एक व्यक्ति में कितना जरूरी है
16:14अगर emotional IQ
16:17जो है उसके बारे में
16:19हम पढ़ें उसके बारे में
16:20हम समझें तो क्या हमारा
16:22जीवन किसी लेवल
16:24पे संपूर्ण है
16:26महसूस हो सकता है
16:27एक ये जिसको हम EQ बोलते हैं
16:30emotional quotient
16:31या जिसको हम SQ बोलते हैं
16:35ये दोनों एक ही बाते हैं
16:38IQ में हम कुछ ऐसा परख लेते हैं
16:41जिसका संबंध talent से है ज्यादा
16:44knowledge से है
16:45IQ में knowledge भी नहीं उतना परखा जाता
16:49IQ is more about your
16:51basic sharpness
16:53cerebral sharpness
16:57लेकिन
16:57EQ और SQ मूलता एक ही बाते हैं
17:02ये प्रतिभाँ talent की बाते नहीं है
17:04ये फैसले की बाते है
17:05talent ऐसी चीज नहीं है जो आपको
17:08फैसले से मिलता है
17:09talent तो जन्मजात होता है
17:10EQ क्या है
17:13EQ है ये फैसला कर पाना
17:15ये हिम्मत दिखा पाना
17:16कि मैं
17:18अपने emotions
17:20अपनी भावनाओं के
17:22प्रवाह में बेह नहीं जाऊंगा
17:24मैं जानना चाहता हूं
17:26कि मेरा emotion आ कहां
17:29से रहा है
17:29अपने emotion को
17:32देख पाना ही emotional
17:34quotient है जो जितना ज्यादा देख पता है
17:36निश्पक्छो कर तटस्थो कर
17:38देख पता है आप कहा सकते हैं उसका EQ
17:40उतना ज्यादा है
17:41तो दो तरह के लोग हुए
17:43एक जिनको emotion उठा
17:46उससे पहले feeling
17:48वो फिर emotion बनी
17:49तो उससे पहले thought
17:54और ये सब हो रहा है
17:55और वो कह रहे हैं ये तो मेरा thought है
17:57मेरी feeling है मेरा emotion है
17:59और चुकि ये मेरा है इसी लिए
18:01मैं इसके अनुसार काम करूँगा
18:03ये एक तरह के लोग होते हैं
18:04तो ये जो EQ की scale होगी उसका एक end ये हो गया
18:07कि भाह ए मुझे गुस्था आ रहा है तो मुझे गुस्था आ रहा है ना
18:11भी कि मुझे कोई चीज अच्छी लग रही है तो लग रही है ना
18:16मेरी likes, dislikes, मेरी पसंद, नापसंद है, मैं पसंद करता हूँ, करती हूँ, बस हो गया, that's it, मैं जवाब दे नहीं हूँ कि मुझे क्यों चीज अच्छी लगती है, बुरी लगती है, यह वो आला end है, यह complete ignorance का end है, जहां आपको पता भी नहीं है कि आपको कुछ पसंद है, तो
18:46killing intuition आ कहां से रही है, ठीक है, यह समझ दिए, zero EQ का end हो गया, और high EQ, जब आप दूसरे end की तरफ जाते हैं, वो होता है, जहां आप कहते हो, नहीं, नहीं, नहीं भाई, एक आवाज मुझे अगर अच्छी लग रही है, तो उसके पीछे कोई कारण है, और वो कारण कोई बह�
19:16जुलती आवाजें मुझे कहीं भी सुनाई देती हैं, तो मुझे लगता है, यहां कोई अच्छा ही हो रहा होगा, मैं कहता हूँ, मेरा favorite sport cricket है, cricket के लिए जान दे सकता हूँ, मैं इतना दा passionate हूँ, मुझे पता भी नहीं, मेरा passion आ कहां से रहा है, आप Argentina में पैदा हुए थे
19:46और external है, और उसको आपने न सिर्फ internal बना लिया, बलकि उसको आपने अपने system से उठा हुआ मान लिया, वो system से नहीं उठा है, वो प्रकृतिका सही हो गया है, वो आपकी भीतरी विवस्ता से नहीं उठा है, तो identify करना ज़रूरी है,
20:01इमोशन का जो वेग होता है, जो उसका flow आता है, वो ऐसा होता है, जिससे tsunami आई, यो बहा ले आता है, तो बहुत ताकत चाहिए कि आंसू गिर रहे हैं बहुत ज्यादा, या कुछ बहुत अच्छा लग रहा है, या बहुत डर लग रहा है, ठीक उस वक भी कहना, ये डर आ क
20:31to which you are liberated from your emotions, is your IQ, EQ, EQ, और emotions से liberate होने का मतलब, emotions को मारना नहीं होता, emotions को जानना होता है, emotions बहुत प्यारी बात हो जाते हैं, जब आप उनको जानना शुरू कर देते हो, तो basically आप ये कह रहे हैं कि अपने आप से जुड़ो, अपने अंदर से जुड़ो, और self-awareness लाओ, ताक
21:01प्राथमिक नहीं है, पहले मैं भीतर से ठीक चलूँ, तो मेरे रिष्टे ठीक चलेंगे, और अगर कभी ऐसा मैंने करमा रहा रहा ना, कि मैं तो भीतर से ठीक नहीं हूँ, पर मैं रिष्टे ठीक चला रहा हूँ, तो आप कोई explosion होने वाला है, जिसे घरों में होता है न, �
21:31हुआ है, पहुआ है आप कमारे जुआ है, तू रहा है, थ vanilla है, ऑ रौुआ है, बताए है, और शो आप कोई