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  • 6/24/2025
Déjà Vu का असली सच क्या है हमारे दिमाग का खेल या बीते जन्म की परछाईं | रहस्यमय Hindi Podcast

क्या आपने कभी महसूस किया है कि आपको लग रहा है कि आपने वो पल पहले भी जीया है?

ऐसा कहने वालों की संख्या बहुत अधिक है — और इसे कहते हैं — *“Déjà Vu”*।

इस वीडियो में हम बात कर रहे हैं:

🔹 Déjà Vu क्या है?
🔹 क्यों होता है?
🔹 क्या ये सिर्फ दिमाग़ का खेल है?
🔹 क्या ये पुनर्जन्म का संकेत हो सकता है?
🔹 Simulation Theory क्या कहती है?

एक ऐसी घटना जो साइंस, मनोविज्ञान और आध्यात्म तीनों में गहरे सवाल खड़े करती है।

#DejaVu #HindiPodcast #MindMystery #PsychologyInHindi #SpiritualScience #HumanBrain #PastLife #SimulationTheory

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Transcript
00:00नमस्कार दोस्तों, चैनल में आपका स्वागत है
00:02आज हम एक बड़ी अजीब से दिलचस्प एहसास पर बात करने वाले हैं
00:10कभी ऐसा लगाया आपको कि जो अभी हो रहा है, ठीक अभी, वो बिलकुल वैसा का वैसा पहले भी हो चुका है
00:18जैसे आप वो पल दोबारा जी रहे हो, इसी को कहते हैं डेजावू
00:22बिलकुल, ये अफरेश शब्द है, मतलब पहले देखा हुआ
00:26और आज हम, मतलब हमारे पास जो भी जानकारी है, उसी के आधार पर इस रहस्यमई चीज़ को थोड़ा समझने की कोशिश करेंगे
00:33हाँ, क्योंकि ये सिफ ऐसा नहीं के कुछ भूल गये थे और याद आ गया
00:36नई, नई, ये उससे कही जादा गहरा है, एक अजीब सा, मतलब चौकाने वाला एसास के पूरी की पूरी सिचुएशन
00:44हाँ, लोग, बातें, वो जगा, सब कुछ
00:47सब कुछ पहले अनुभाव किया है, दिमाग एकदम कन्फ्यूस हो जाता है
00:51तो विज्ञान इसे कैसे देखता है, मतलब क्या है ये?
00:54दिमाग की कोई चाल, कोई गडबड, देखिए विज्ञान के पास ना कई अलग-अलग सिध्धान्त है
00:59एक जो काफी माना जाता है, वो है Memory Processing Glitch
01:03Memory Processing Glitch, ये क्या होता है?
01:06इसे ऐसे समझिए, हमारा दिमाग जानकारी को, you know, short term और long term memory में डालता है
01:12हाँ
01:12तो कभी-कभी क्या होता है कि कोई नई जानकारी जो अभी-अभी मिली है, वो गलती से short term की बजाए सीधे long term memory वाले फोल्डर में चली जाती है
01:21अच्छा
01:22तो नतीजा, हमें लगता है, अरे, ये तो पहले भी हुआ था
01:26ओ, जैसे computer में कोई file गलत जगा सेव हो जाए?
01:42होती है, उनमें deja vu का अनभव ज्यादा होता है, तो ये शायद उसी connection की तरफ इशारा है
01:48सही point है, विल्कुल, ये दिखाता है कि इसका कोई ना कोई neurological आधार तो हो सकता है
01:54अच्छा, एक और थियोरी भी है, dual processing देरी
01:58Dual processing, मतलब दो बार processing?
02:01हाँ, सोचिए, दिमाग तक एक ही जानकारी, मान लीजे, दो अलग रास्तों से पहुँच रही है
02:07आमतार पर वो एक साथ पहुँचती है
02:08ठीक है
02:09पर कभी ऐसा हो, कि एक रास्ता थोड़ा धीरे काम करे
02:13तो वही जानकारी कुछ millisecond के अंतर से दो बार process होती है
02:17तो दूसरी बार जब वो process होती है, दिमाग को लगता और यह तो अभी अभी देखा था
02:22कमाल है? मतलब दिमाग खुद ही अपने साथ एक छोटा सा time trick खेल जाता है
02:28कह सकते हैं, और एक और बात है, predictive coding वाली
02:31हाँ हाँ, कि दिमाग भविश्य का अंदाजा लगाता रहता है
02:34वो क्या? कुछ विशेशगी ऐसा मानते हैं कि हमारा दिमाग लगातार
02:39यूनो प्रेडिक करता रहता है कि अगले पल क्या होने वाला है
02:42तो जब असलियत जो सच में हुआ, वो दिमाग की भविश्य वानी से एकदम मैच कर जाए
02:48तो दिमाग थोड़ा चौंक जाता है
02:50अरे वा, ये तो मैंने सोची लिया था
02:52और ये ऐसास भी कभी-कभी deja vu जैसा लग सकता है
02:55ये वैज्यानिक व्याख्याए तो कासी दिल्चस्प है
02:58पर कई बार लोग ये भी कहते हैं कि उन्होंने कोई सपना देखा था बहुत पहले
03:03और सालों बाद वो सपना सच हो गया और तब उन्हें deja vu हुआ
03:08क्या सपनों और deja vu में भी कोई गहरा connection है
03:11ये एक बहुत ही interesting सवाल है और इस पे अठकले बहुत है
03:16कुछ सिद्दान्थ ये कहते हैं कि हमारा जो अवचेतन मन है
03:20subconscious mind
03:21वो सपनों में भवेशे की अलग-अलग समभावनाओं को शैड़ टटोलता है
03:26और जब असल जिंदगी में वैसी ही कोई स्थिती सामने आती है
03:30तो वो जानी पहचानी सी लगती है
03:32deja vu की तरह
03:33पर हाँ इसे साबित करना बहुत मुश्किल है
03:35ये तो है
03:36अचा और अगर विज्ञान के दाइरे से थोड़ा बाहर निकले
03:40तो बात पहुचती है पुनर जन्म तक
03:43हाँ अध्यात्म और पिछले जन्म
03:45क्या deja vu पिछले जन्मों की कोई धुंदली सी याद हो सकती है
03:50कई अध्यात्मिक परमपर आये तो मानती है ऐसा
03:53देखिए ये तो फिर व्यक्तिकत विश्वास का शेतर आ जाता है
03:56डॉक्टर इयान स्टीवंसन का काम है इस पर
03:59हाँ मैंने सुना है उनके बारे में
04:02उन्होंने ऐसे बच्चों पर शूद किया था जो दावा करते थे
04:05कि वो अंजान जगह हैं या लोगों को पहचानते हैं पिछले जन्म से
04:09तो क्या ये deja vu का ही एक रूप है
04:13सवाल तो यही उठता है पर विज्ञान के पास फिलहाल इसका कोई ठोस जवाब नहीं है
04:18ये अभी भी रहस्य है
04:20और आजकल एक और बड़ी क्या कहते है वाइल्ड थियोरी चल रही है
04:24सिम्यूलेशन थियोरी
04:26हां कि हम सब एक कम्प्यूटर सिम्यूलेशन में जी रहे है
04:30बिल्कुल तो क्या deja vu उस सिम्यूलेशन का कोई ग्लिच या बग है
04:36जैसे वीडियो गेम में कभी कभी डेटा रिपीट हो जाता है
04:40ये सोचने में तो बड़ा मज़ेदार लगता है
04:42बिल्कुल साइन्स फिक्षिन जैसा
04:44अगर हम वाकई सिम्यूलेशन में है
04:47तो हां deja vu शाए प्रोग्रामिंग की कोई गड़बड़ी हो सकती है
04:51लेकिन इसका कोई सबूत तो है नहीं
04:52नहीं बिल्कुल नहीं
04:54ये फिलहाल सिर्फ एक कल्पना है एक विचार
04:57अच्छा तो ये होता कितना आम है
04:59मतलब कितने लोगों को होता है deja vu
05:02एलन ब्राउन का जिक्रत है रीसर्च में
05:04हाँ प्रोफेसर एलन ब्राउन
05:06उनकी रीसर्च के मुताबिक
05:08दुनिया में लगभग 60% से जादा
05:10लोगों ने अपनी जिंदगी में कभी न कभी
05:12deja vu महसूस किया है
05:1460% से जादा
05:15ये तो काफी common है फिर
05:17और ये 15 से 25 साल के युवाओं में
05:20सबसे जादा देखा गया है
05:22और एक और दिल्चस बात
05:24जो लोग जादा travel करते हैं
05:26या बहुत पढ़ते हैं
05:27या creative कामों में लगे रहते हैं
05:30उनमें ये अनुभव थोड़ा जादा पाया जाता है
05:32शायद इसलिए कि उनका दिमाग नए अनुभवों
05:36और पैटर्न को पकड़ने लिए जादा खुला रहता है
05:38ये बात तो logical लगती है
05:40अच्छा, deja vu से मिलते जुलते
05:42और भी तो अनुभव होते हैं न
05:43जैसे वो यमेवू
05:45हाँ, बिल्कुल, यमेवू मतलब कभी नहीं देखा
05:48ये deja vu का उल्टा है
05:50उल्टा, कैसे?
05:51इसमें कोई जानी पहचानी चीज, जैसे
05:53आपका रोज का देखावा चेहरा
05:55या कोई शब्द, वो अचानक बिल्कुल
05:58अजनभी लगने लगता है
06:13जब कोई बात या नाम बस
06:15जुबान पर अटका हो, लगराओ कि
06:18बस याद आने ही वाला है, पर आये नहीं
06:20हाँ, हाँ, हाँ
06:21तो ये सब, deja vu,
06:23जमाई vu, प्रेस्क वू, ये दिखाते हैं
06:26कि हमारा दिमाग कितना
06:27कॉंपलेक्स है, और कभी-कभी
06:29कितना अजीब ढंक से काम करता है
06:32बिलकुल, लेकिन
06:34कुछ लोग इसे सिर्फ दिमागी
06:35गरबडी या ग्लिच नहीं मानते
06:37नहीं मानते, वो इसे एक
06:39तरह का संकेत मानते हैं
06:42शायद युनिवर्स का कोई
06:43मेसेज, या आपकी आत्मा
06:45कुछ पहचान रही है
06:46हाँ, आध्यात्मिक नजरिये से देखें
06:49तो इसे ऐसे भी समझा जा सकता है
06:50कि शायद ये एक इशारा है
06:53कि आप सही रास्ते पर हैं
06:55या आपकी आत्मा किसी पुरानी
06:57गहरी याद को पहचान रही है
06:59तो इसे कंट्रोल तो नहीं कर सकते
07:15कब हुआ, कहां थे, किसके साब थे
07:18उस वक्या सोच रहे थे
07:19हो सकता है इससे अपने
07:22अवचेतन मन को समझने में थोड़ी मदद मिले
07:24हम, ये दिल्चस्प है
07:26तो कुल मिलाकर
07:27डेजावू एक पहेली जैसा है
07:30बिल्कुल
07:31विज्यान कहता है मेमरी ग्लिच
07:33दिमाग के प्रोसेसिन में छोटी सी चूक
07:36और अध्यात्म
07:37या कुछ लोग इसे आत्मा की पहचान
07:40या कोई गहरा संकेत मानते हैं
07:42और शायद सच
07:43इन दोनों के बीच में कहीं हो
07:45या शायद कुछ ऐसा जिससे
07:47समझने के लिए हमारे पास
07:48अभी सही टूल्स ही नहीं है
07:50तो दोस्तो अगली बार जब आपको डेजावू हो
07:53तो एक पल रुकिएगा
07:54सोचिएगा जरूर
07:56ये सिर्फ दिमाग का एक खेल है
07:59या इसमें कोई गहरा मतलब छिपा है
08:01क्या पता?
08:02बिल्कुल
08:03और अगर आपको ये बातचीत पसंद आई
08:06तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेर जरूर करें
08:08हाँ
08:09और हमें कमेंट्स में बताइएगा जरूर
08:11क्या आपने कभी डेजावू महसूस किया है
08:14और कैसा था वो अनुभव?
08:16क्या सोचते हैं आप इसके बारे में?
08:18हमें आपके विचारों का इंतजार रहेगा
08:21जरूर जुड़िएगा
08:23आज के लिए बस इतना ही
08:24धन्यवाद, नमस्कार
08:26और याद रखिए
08:28कुछ रहसे तब तक रहसे बने रहते हैं
08:31जब तक हम उन्हें समझने की कोशिश ना करें

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