Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 2 days ago

Category

😹
Fun
Transcript
00:00एक गाव में छोटु नाम का एक युवक रहता था
00:10छोटु 19 साल का था
00:13लेकिन वह कुछ करता ही नहीं था
00:16केवल उन बच्चों के साथ खेलता था
00:19जो उसकी आधी उम्र के थे
00:20लुका छुपी
00:22पटकना
00:29और साथ पत्रों के साथ
00:32अन्य अन्य बच्चों का खेल खेलता था
00:34छोटु के माता पिता ने
00:38छोटु को शिक्षा देने के लिए
00:40अपनी सारी बचत खर्च कर दी थी
00:42लेकिन छोटु ने कभी
00:44अपनी पढ़ाई की परवा नहीं की
00:45और सिर्फ बच्चों के साथ
00:47खेलने पर ध्यान दिया
00:49अपने व्यवहार के कारण
00:55उसके माता पिता
00:57उसके भविश्य के बारे में चिंतित थे
00:59एक दिन गाउं में
01:01बहुत बड़ा केलों का व्यवसाई
01:03खुला गया
01:04और छोटू के पिता
01:13उन्होंने एक बोड पर ध्यान दिया
01:16जिसमें लिखा था
01:18कार्य करताओं की जरूरत है
01:20कार्य करताओं की जरूरत?
01:22हाँ
01:23अरे मुझे तो अंदर जाना चाहिए
01:25इस नौकरी के बारे में
01:27मुझे बहुत कुछ जानना है
01:28उसने ऐसा सोचा और केले की दुकान के अंदर चला गया
01:32अंदर जाते ही
01:33उसने देखा कि एक दो लोग लाइन में खड़े हैं और एक एक कर केलों की टोक्रियां लेके जा रहे हैं
01:41जैसे ही सभी ने टोक्रियां लेना पूरा किया, सभी ने जगा छोड़ दी
01:45राकेश ने उस टेबल के सामने दुकान के मालिक को देखा और सीधे उसके पास गया
01:51ताकि नौक्रि के बारे में पता चल सके जैसे ही वै, उसके करीब गया, उसने पहचान लिया कि मालिक उसके सबसे करीबी दोस्तों में से एक है
02:01अरे राकेश, तुम कैसे हो यार? हम मिले हुए, हमें मिले हुए कितना समय हो गया?
02:07हाँ यार अच्छा हूँ तुम कैसे हो तुम इतने अमीर कैसे हो गए यार
02:12शुरू में मैं भी इसी तरह केले के कारुबार में शामिल हुआ था
02:17मैंने अपनी तनखा बचाई उस बचत के साथ मैंने एक छोटी सी जमीन खरीद ली
02:23उस जमीन पर केले के पेड़ुगाने शुरू कर दिये अपने खेत में पूरे दिन के काम के बाद मैं बचा कर खर्चा करता था
02:32मैंने अपनी नौकरी के साथ अपने खेत का प्रभंद भी किया उस जमीन पर केले के पेड़ुगाने शुरू कर दिये
02:39अपने खेत में मैं पूरे दिन काम करता था और बचत करता था
02:45मैंने ये काम अपनी नौकली के साथ किया और एक खेत का प्रभंध किया
02:51और हाँ मैं तो तुम्हारे बेटे के बारे में पूछना भूली गया
02:56वो कैसा है और क्या कर रहा है
02:58जैसा कि पटेल ने पूछा राकेश ने अपने बेटे और उसके व्यवहार के बारे में सब कुछ बता दिया
03:07छोटू के बारे में पता चलने के बाद पटेल ने राकेश को अपने बेटे को केले के कारोबार में काम करने का सुझाओ दिया
03:16राकेश अपने बेटे को नौकरी के बारे में बताने के लिए इंतजार कर रहा था
03:21जब राकेश पटेल की दुकान से आया
03:24तो वह अपने बेटे को इस नौकरी के बारे में बताने का इंतजार कर रहा था
03:29जैसा कि उसने इंतजार किया
03:32कुछ तेर बार छोटू कुछ अन्य बच्चों के साथ आया
03:35राकेश ने गौर किया और उसके पास गया
03:40छोटू मुझे बात करनी है
03:44क्या पिता जी मैं इतना ठक गया हूँ
03:46कल बात करेंगे
03:48मुझे बहुत महत्वपून बात करनी है
03:50चलो यहां आओ
03:51ठीक है बोलो मैं यहीं से सुनूंगा
03:53मैं जो बात तुमसे करने जा रहा हूँ
03:56वो केवल सुनने की नहीं है
03:57तुमें काम भी करना है
03:59तुमें नौकरी करनी पड़ेगी
04:00अपनी उम्र तो देखो
04:02तुमें पैसा कमाना है
04:03तुम्हें उन बच्चों के साथ नहीं गूमना चाहिए, जो तुमसे 10-15 साल छोटे हैं
04:08हाँ हाँ हाँ, पिता जी, आप मुझसे क्या काम करवाना चाहते हैं?
04:13तुम्हें केला बेचना होगा, जितना तुम बेच सकते हो, उतने केले तुम प्राप्त करो
04:17छोटू ने यह सोचना शुरू कर दिया, कि उसके पिता ने क्या कहा, उसे लगा, रोज केले खरीदने के लिए उसके पास आएंगे, तो उसने सोचा कि काम करना चाहिए
04:28ओ, तो सिरफ केले बेचने हैं? यह तो बहुत ही आसान है, मेरे मित्र रोज मुझसे केले की खरीदारी करने के लिए काफ ही है
04:40हाँ हाँ, चलो देखते हैं, कल सुबा आठ बजे, चौथी गली में जाना, वहाँ तुम केले की एक बहुत बड़ी दुकान देखोगे, वहाँ जाकर अपना नाम बताना
04:49अगले दिन छोटू अपने पिता की बात मान कर वहाँ गया
04:53जैसे ही चोटू केले की दुकान में पहुचा, पटेल ने उसे देखा और सोचा
04:58चोटू तो एक लड़का है, जिसके पास केले से भरे तीन टोकरे बेचने की शमता है
05:04और वह उसे केले की तीन टोकरियां देता है
05:08चोटू तुम्हें डेर सो रुपे मिलेंगे, यदि तुम इन सब को तीन सो रुपे में बेचते हो तो
05:14पटेल ने ऐसा कहा और उसे साइकल दे दी
05:17चोटू केले की तीन टोकरियों के साथ साइकल पर गया
05:21जब वह साइकल से जा रहा था तो उसने केले बेचने के लिए कुछ आवाज नहीं निकाली
05:27थोड़ी देर बाद वो ठक गया और उसे लगा कि उसे पेड के पास सोना चाहिए
05:40उसने केलों की तीन टोकरियां नीचे रख दी और वहीं आराम करने लगा
05:44जब वह आराम कर रहा था छोटू ने सुना कि कुछ बच्चे आसपास खेल रहे हैं
05:50इसलिए छोटू ने पेड के नीचे सब कुछ वैसे ही छोड़ दिया और खेलने के लिए चला गया
05:56जब वह खेल रहा था तो दूसरी तरफ बंदर आया जो पेड पर था
06:02उसने टोकरी से खेले खाने शुरू कर दिये
06:05फिर छोटू ने उस पर ध्यान दिया और वहां बंदरों का पीझा किया
06:11अरे नहीं इस केले को कैसे बेचा जाएगा? मैं ये नहीं कर सकता
06:16हम जैसा कि मैने सोचा था,
06:19मैं उन सभी केलों को अपने दोस्तों को बेचूंगा,
06:22ये सोचकर वैं अपने दोस्तों के पास चला गया,
06:25जैसे हैं वैं वहाँ जा रहा था,
06:27उसके दोस्त उसके सामने आकर खड़े हो गए,
06:30और उसे रोख लिया,
06:31अरे आज सुबा हमारे साथ खेलने केले क्यों नहीं आए और उन टोक्रियों में क्या है? वाँ वाँ बहुत सारे केले
06:38अरे हर केले की कीमत दो रुपए है क्या? दो रुपए? उन सभी ने ऐसा कहा और वहां के सभी छे बच्चों ने केला खत्म करना शुरू कर दिया
06:49यहां तक कि छोटु अपनी लालच के साथ उन्हें लगातार एक के बादे केला खिलाते ही जा रहा था
06:56केले की एक और पूरी टोकरी देख कर अरे दोस्तों कृपया इसको भी खतम करतो और तीन सो रुपय का भुगतान करो
07:04फिर मेरा आज का काम हो जाएगा फिर बाकी बचा हुआ दिन मैं तुम्हारे साथ बिता सकता हूँ और खेल भी तो सकता हूँ
07:12क्या तुम ये हमसे उमीद कर रहे हो कि हम इतना पैसा खर्चेंगे जाओ कम से कम केले की आखरी टोकरी तो बेच दो और पैसा कमाओ
07:23छोटू को समझ नहीं आया कि उसे अपने दोस्तों का सामना कैसा करना है शुरू में तो उसने सोचा था कि ये आसान काम होगा
07:31सभी केले वे अपने दोस्तों को बेच देगा लेकिन अब वे जानता था कि ये कितना मुश्किल है
07:37हे भगवान अब क्या करूँ उन्होंने दोसो रुपई के केले खा लिये है अब केवल एक टोकरी बची है मैं पटेल अंकल को क्या जवाब दूँगा अगर मेरे पिता जी को इस बारे में पता चल गया तो ठीक नहीं होगा
07:51हाँ तो मैं एक काम करूँगा हाँ मैं पडोसी गाओं में जाओंगा और केले से भरी इस टोकरी को तीन सो रुपई में बेचूँगा तब केवल मैं अपने पिता और तब ही मैं अपने पिता जी और पटेल अंकल का सामना कर सकता हूँ
08:07लेकिन इतने महंगे केले कौन खरीदेगा वे कुछ समय के लिए ऐसा सोचता रहा और जैसे ही उसे विचार आया उसने तुरंट दूसरे गाओं में जाने की तयारी शुरू की और वहां जाकर चिलाना शुरू कर दिया
08:22पतले मोटे हो जाओ मोटे पतले हो जाओ आओ स्वादिष्ट केले सिर्फ 6 रुपए में खरीदो आओ आओ सहब मैडम जी सब आओ इस स्वादिष्ट केले को 6 रुपए में खरीदो इस तरह से उसने गाओं में बेचना शुरू कर दिया
08:41यहां तक की छोटू की बात सुनकर गाउवालों ने उसकी बात का विश्वास किया
08:47और सभी पतले और मोटे लोग 6 रुपए के केले खरीदने केले आ गए
08:52इस तरह छोटू ने केलो को 300 रुपए में बेच दिया और पटेल साहब के पास चला गया
08:59जैसा की पटेल ने उमीद की और छोटू पर विश्वास किया वहे केले की टोकरी को बेचने में सफल हो गया
09:06उसी तरह से छोटू ने अपना काम किया और पैसे लेकर आ गया इस बात से पटेल बहुत खुश हुआ
09:13और छोटू की प्रशंसा की छोटू को एहसास हुआ कि उसने इतना काम किया और पैसे भी कमाए
09:24इस वज़े से उसने उन बच्चों के साथ समय बिताना छोड़ दिया उसने अपना समय बरबाद नहीं किया और उसने मन लगा कर काम करना शुरू किया
09:35तो बच्चों इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है बिना किसी संगर्ष के कमाई करनी असान नहीं है
09:49हमको समझना चाहिए जहां मेहनत और संगर्ष है उसके बाद परिणाम भी अच्छा मिलता है
09:56अंजना पूर नामकिक सुन्दर गाउं था
10:01उस गाउं में चंटी नामक एक आदमी एक छोटे गर में रहता था
10:07वो घर के यहाँ ही सब्जियों को उगा के उन्हें गाउं में बेचता था
10:12वो बहुत ही अच्छा इंसान था और इतना ही नहीं उसे तर्बुस से बहुत पयार था
10:19इसलिए वो हमेशा तर्बुस बहुत खरीदता था एक दिन वो सब्जियों को मार्केट में बेचने गाउ जाता है सब्जियां सब्जियां ताजा ताजा सब्जियां आईए बाबू आईए घर पे उगाये हुए ताजा ताजा सब्जियां है जल्दी आईए बाबू उसकी �
10:49एक आवाज सुनाए देती है
10:50तर्बूज तर्बूज
10:52ताजा ताजा तर्बूज
10:54मीठा मीठा तर्बूज
10:55एक तर्बूज का सिर्फ 50 रुपए
10:58आईये बाबू, आईये
10:59अरे लगता है यही कही
11:02तर्बूज कोई बेच रहा है
11:03मुझे जल्दी वहाँ जाना होगा और पता लगाना होगा कि कौन तर्बूस बेच रहा है
11:08ये सोचकर वो अपने आसपास देखते रहता है
11:12इतने में उसे दूर में एक आदमी दिखाई देता है जो तर्बूस बेच रहा है
11:16आह गर्मी का मौसम आ गया तो इसका मतलब ये है कि मेरे पसंदीदे तर्बूस वापस आ गये है
11:24मुझे पिना देरी के जल्दी वहाँ जाकर तर्बूस खरीदना होगा और आज से हर रोज में तर्बूस खरीदूँगा
11:31हाँ ये फैसला करके वो खुशी खुशी उस तर्बूस के दुकान के और बढ़ने लगता है
11:37एक तर्बूस का सिर्फ पचास रुपए है साब लीजिए
11:41दो तर्बूस असी में दे दोगे जी साब लीजिए
11:45ये कहके वो आदमी उसे दो तर्बूस देता है
11:48तर्बूस खरीदने की खुशी में चंटी ये भी भूल जाता है
11:52कि उसके खुद के सबजियां है और वो खुशी खुशी दुकान बंद करके उसके घर चले जाता है
11:58तर्बूस खाने
11:59तर्बूस से बहुत लगाव होनी के कारण
12:01वो हर रोज सबजी बेच कर आए हुए पैसों को सिर्फ तर्बूस खरीदने में लगा देता था
12:07उसी समय में गाव के सारे अमीर लोग इस डर में जी रहे थे
12:12कि अगली बार किसके घर में चोरी होगा
12:14क्योंकि उस समय में चोर बहुत थे
12:17और अमीर लोगों के घर में बहुत चोरी करते थे
12:21एक दिन एक अमीर आदमी की पतनी कीर्तना
12:25चोर और चोरी के बारे में सोचते हुए इधर उधर घूंती रहती है
12:29इतने में उसे चंटी दिखाई देता है तर्बूस लेके जाते हुए
12:34उसे देख वो सोचती है
12:36आरे इस आदमी का घर तो इस गाव में सबसे छोटा है
12:40अगर मैं अपने गहने, सोना और सेवर इसके घर में डालतूं
12:44तो किसी को शक भी नहीं आएगा
12:46और किसी को कभी भी पता नहीं चलेगा
12:49इसके छोटे घर में तो चोर भी नहीं गुसेंगे तो मेरे गहने सारे सुरक्षत रहेंगे
12:55और क्योंकि ये आत्मी अकेले रहता है मुझे इसके घर में गहने डालने और निकालने में भी कोई दिकत नहीं होगा
13:02और मुझे उस चोरों के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी
13:06जैसे ही वो चोर यहां से चले जाएंगे
13:08मैं अपने गहने, सोना और जेवर उससे वापस ले लोगे
13:12हाँ, यही अच्छा तरकीब है
13:15इस सब के होने के बाद, जब मैं अपने गहने और जेवर अपने घर वापस लेके जाऊंगी
13:20तब मैं अपने पती को बताऊंगी
13:22मुझे ये सब सुबर के समय में करना होगा
13:25जब चंटी उसके घर से बाहर सबजी बेशने जाएगा
13:28तब किसी को कोई शक नहीं आएगा
13:31यहाँ तक कि उसे खुद भी पता नहीं चलेगा
13:33ये फैसला करके वो अगले दिन सुबह चंटी के घर के बाहर जाने का इंतजार करती है
13:40जैसे ही वो चला जाता है
13:42वो उसके सारे सोना, सब उसके घर लेके जाती है
13:46पर उसे समझ में नहीं आता कि वो सब वो कहां चुपाएगी
13:50हाँ, मैं इस सब को एक बड़ी डिबे में डाल कर जमीन के नीचे चुपाऊंगी
13:56ये फैसला करती है
13:58तब वो उसके फैसले के मताबिक जमीन में खोद कर
14:02उसमें ये बड़ा डिबा डाल कर
14:04उसमें उसके सारे, सोना, सब कुछ भरके
14:08उस डिबे को बंद करके
14:10उस पे मिट्टी डाल कर
14:12उसके जमीन के टाइल्स को वो वापस लगा देती है
14:15उसके बाद वो वहां से चले जाती है
14:18ऐसे बहुत दिन बीजाते हैं
14:20हर रोज के तरह एक दिन जब चंटी तर्बूस खरीद कर
14:25उसके घर आता है
14:27तो उसे कहीं नीचे रखने की जग़ देखता है
14:30इतने में उसके हाथ से वो तर्बूस नीचे गिरकर तूट जाता है
14:35और उसके साथ ही जमीन का टाइल भी तूट जाता है
14:39अरे रे मेरा तर्बूस तूट गया
14:43एक और तर्बूस खरीदने के लिए मेरे पास पैसे भी नहीं है
14:46अब मैं क्या करूँ
14:48ऐसे गम में वो तर्बूस के तुकडों को
14:51और उसके नीचे ताइल के तुकडों को फेकने के लिए एक खटा करता है
14:56अरे ये क्या तूटे होए इस टाइल के नीचे मिट्टी पर हाथों का निशान है? क्या सारे टाइल के नीचे ऐसे ही हाथ के निशान होंगे? खोल कर देखना ही बैतर होगा. ये फैसला करके वो उसके बगल के टाइल को भी निकाल कर देखता है, पर उसके नीचे मिट्टी प
15:26जब वो मिटी को इधर उदर करता है तो उसे एक डिबबा नजर आता है और उसे देख वो दंग रह जाता है ये इतना बड़ा डिबबा कहां से आया होगा मैंने तो नहीं रखा इसे या ये सोचते हुए वो इस डिबबे को बाहर निकालने की बहुत कोशिश करता है पर उतन
15:56वो एकदम चौंग जाता है वाप रे इतना सारा सोना मैंने तो अपने जिंदगी में कभी नहीं देखा है और ये सब मेरे घर के नीचे मिलना तो एकदम आश्यर रिचकित है ये सब देखकर तो मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा है कि मेरे घर के नीचे ये सब मिला है तर
16:26साथ तो मैं आराम से जी पाऊंगा मुझे सबजी बेचने की कोई ज़रूरत नहीं पड़ेगी और मेरा मन पसंद तर्बूस मैं हर रोज खरीद पाऊंगा लेकिन अगर मैं एकी बार में बहुत चारे तर्बूस खरीदूंगा तो लोगों को मुझे पे शक आ जाएगा इसलि
16:56वो कुछ पैसे उस डिपे से लेकर उस पे वापस स्टाइल लगाकर तर्बूस खरीदने जाता है तबसे वो हर रोज सबजियों को बेचना बंद करके सिर्फ तर्बूस खरीदते हुए खुशी-खुशी जीता है ऐसे बहुत दिन दीच जाते हैं एक दिन वो पैसे लेकर �
17:26ज्यादा उगाएंगे भी नहीं कोई भी तो हो इनका मिलना कम हो जायेगा, अरी हाँ, अगर घर्मी का मौसम खतम हो गया तो मैं अब तर्बूस खरीद नहीं पाऊंगा, इसलिए एक तो रही बलकि सारी तर्बूस खरीदूंगा मैं, कम से कम इन सारे तर्बूस को तो खा�
17:56बिना चंटी ये कहकर वहां से जल्दी चले जाता है ये सब वही मौझूद एक अमीर आदमी सुन लेता है हां सबजिया बेचकर आए हुए पैसों से एक दो तर्बूस खरीदने वाले चंटी के पास इतने सारे पैसे कहां से आ गए कि वो सारे दुकान में मौझूद तर्ब�
18:26उसके फैसले के मुताबिक है वो चंटी को दिखे बिना उसका पीछा करके उसके घर पहुँचकर खिड़की से वो जो भी कर रहा है देख लेता है इसका गर दिखने में इतना छोटा है मगर इसके घर के अंदर इतने बड़े डिबबे में बहुत सारा सोना और पैसा है ये
18:56मतलब क्या वो एक जादूई डिबबा है इसके घर के बाहर जाने के बाद मुझे तुरंत उस डिबबे को खोल कर देखना ही होगा थोड़ी देर बाद उस डिबबे से पैसे लेकर चंटी तर्बुस खरीने दुकान जाता है और उसके जाने के तुरंत बाद अमीर आदमी �
19:26जिब्बा भारी होने के कारण नहीं आता है। जितना भी कोशिश करूं इस जिब्बे को मैं उठाने ही पाँगा। इससे बतर ही है कि सारे पैसे को मैं ले कर जाओं यहां से। इसलिए वो एक के बाद एक सोने को और पैसे को उठाते लेते जाता है।
19:46लेकिन बहुत सारे पैसे और गहने लेने के बाद भी उस डिब्बे में और भी बचकर रहना देख वो चौंक जाता है और तंग रह जाता है। जरूर यह कोई जादूई डिब्बा है। इसलिए मैं ऐसे उठा भी नहीं पाया हूँ। और ऐसे ही एक के बाद एक पैसों को औ
20:16तब मुझे यह जादूई डिब्बा में मिल जाएगा और इस गाव में सबसे ज्यादा अमीर बन जाओंगा मैं। यह फैसला करके वो वहाँ से तुरंट तर्बूज के दुकान जाता है चंटी से मिलने। चंटी मैं सिर्फ इस दुकान के ही नहीं बलकि बाहर से भी तर्�
20:46तुम्हारे नाम कर दूंगा अगर तुम नहीं माने तो मैं ऐसा करूंगा कि तुम्हारे पास रहने के लिए घर भी नहीं होगा सोचकर मुझे जवाब दो इस गाव में सबसे आमीर आदमी तो यही है कि कुछ भी कर पाएगा इसलिए बहतर यही है कि मैं इसकी बात मान ल�
21:16कर अपना काम कर सकता हूं और उसी पैसों से मैं तर्बूस खरीद पाऊंगा यही मेरे लिए अच्छा है साथ आपके कहें के प्रकार ही मैं करूंगा मैं आपका घर ले लूँगा और आप मेरा ले लिजीगा यह सुनकर अमीर आदमी खुशी से पगला जाता है और तुरंत
21:46दे लेता है और उसके बाद उसकी पत्नी को लेकर वह चंटि के उस छोटे घर में जाता है अरे यहां क्यों लेके आए की तना अब से यह घर हमारा है हम यहीं पर रहने वाले हैं मुझे पता है कि यह घर बहुत छोटा है पर इसमें एक चादूई ठिपा है उसमें बहुत स
22:16हाई भगवान मुझे बताये बिना आपने क्या कर दिया जी ये कोई जादूई डिपा नहीं है इस सब में जो सोना गहने और जेवर मौजूद है ये सब हमारे ही है मैंने ही इस डिपा को यहां लगाया है जी गाउ में हो रहे चोरी से बचने के लिए मैंने ये सब किया है मैं
22:46पे, ये क्या हो गया, मैंने भी पैसों की लालच में अपना घर उसके नाम और उसका घर मेरे नाम कर दिया, अब मैं उसे वापस कभी नहीं ले पाऊंगा।
23:16और फैसले नीजे और मैं भी आपको बिन बताए कुछ भी नहीं करूंगी। ये फैसला करके दोनों हार मानकर उनके पास मौजूद पैसों से एक और बड़ा घर खरीद कर उसमें रहना शुरू करते हैं। और जब भी वो चंटी को देखते हैं, दुख से निराश होते हैं।

Recommended