The Mystery of Past Lives – Can Vedic Astrology Reveal Them? | Beyond The Veil
क्या आप जानते हैं कि वैदिक ज्योतिष आपके पूर्व जन्म के रहस्यों को खोल सकता है? 🌌 बियॉन्ड द वेल पर हम जानते हैं पूर्व जन्म के कर्म, जन्म कुंडली, और वैदिक ज्योतिष के अद्भुत रहस्यों को! 🔍
इस वीडियो में जानिए: ✅ पूर्व जन्म और वैदिक ज्योतिष – क्या यह सचमुच काम करता है?
✅ जन्म कुंडली के भाव – नवम, पंचम, और द्वादश भाव क्या बताते हैं?
✅ ग्रह और कर्म – शनि, राहु, और केतु का पूर्व जन्म से संबंध!
✅ पंचम भाव में केतु – गुरु या कलाकार के रूप में पूर्व जन्म का असर!
✅ उपाय – शनि के लिए तिल का तेल दान, मंत्र जाप, और बहुत कुछ!
✅ अपने भविष्य को कैसे सुधारें – कर्मिक बंधनों को संतुलित करें!
👉 वीडियो को अंत तक देखें और कमेंट में बताएँ – क्या पूर्व जन्म के रहस्य ने आपको हैरान किया? अपनी जन्म कुंडली के बारे में क्या जानना चाहेंगे?
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00:29कैसे आपके पिछले कर्मों को दर्शाती है, कौन से घर और ग्रह इसमें शामिल है और कार्मिक बाधाओं को दूर करने के उपाई क्या है?
00:41क्या वैदिक ज्योतिश वाकई हमारे पूर्व जन्म के बारे में बता सकता है?
00:47वैदिक परंपरा के अनुसार जवाब है हाँ.
00:59जो हमारी वर्तमान जिन्दगी को आकार देता है.
01:04जन्म कुंडली में संचित कर्म, प्रतिबिम्बित होते हैं, जो आज की चुनौतियों और आशीरवात के रूप में प्रकट होते हैं.
01:13जोतिशी आपकी जन्म कुंडली का उप्योग, इन कार्मिक छापों को उजागर करने के लिए करते हैं.
01:22आईए इसे और समझते हैं.
01:26वैदिक जोतिश में जन्म कुंडली के कुछ खास घर, पिछले जन्म के कर्म को समझने की कुंजी हैं.
01:33नवम भाव, जिसे धर्म का भाव कहां जाता है, आपके पिछले जन्म के पुन्य और पाप को दर्शाता है.
01:42मजबूत नवम भाव, अच्छे कर्मों को दिखाता है, जो सौभाग्य लाता है, जबकि कमजोर भाव, पिछले जन्म की चुनोतियों को इंगित करता है.
01:53पंचम भाव पूर्व पुन्या को दर्शाता है जो रचनात मक्ता और संतान से जुड़ा है
02:00द्वादश भाव पिछले जन्मों से गहराई से जुड़ा है जो छिपे कर्म और आध्यात्मे क्रिणों को प्रकट करता है
02:09इन भावों में मौजूद ग्रह खासकर यदी वे पीडित हों पिछले जन्मों की अनसुलजी समस्याओं की और इशारा कर सकते हैं
02:21लेकिन कौन से ग्रह इसमें मुख्य भूमी का निभाते हैं
02:25वैदिक ज्योतिश में शनी, राहू और केतु जैसे ग्रह पिछले जन्म के कर्मों से सबसे ज्यादा जुड़े हैं
02:34शनी कर्म का स्वामी है जो आपके पिछले कारियों के परिणाम लाता है
02:40शनी का कमजोर या पीडित होना पिछले जन्म की गल्तियों के कारण वर्तमान जीवन में कठिनाईयों को दर्शाता है
02:49राहू और केतु जो चंद्रमा के नोड्स हैं पिछले जन्मों की इच्छाओं और आध्यात्मिक पाठों को दर्शाते हैं
02:58केतु विशेश रूप से पिछले जन्मों से जुड़ा है जो मुक्ति की ओर ले जाता है जबकि राहू वर्तमान जीवन की इच्छाओं को बढ़ाता है
03:09आईए एक उदाहरण से समझें कि पंचम भाव में ग्रा होने का क्या मतलब है
03:16मान लीजिए किसी की कुंडली में केतु पंचम भाव में है
03:22केतु पंचम भाव में होने का मतलब है कि पिछले जन्म में व्यक्ति ने आध्यात्मिक या रचनात्मक कारियों में गहरी रुची दिखाई हो सकती है
03:33जैसे की एक गुरु, कलाकार या विद्वान के रूप में सेवा की
03:39यदि केतु शुप स्थिती में है तो यह वर्तमान जीवन में रचनात्मक प्रतिभा, बुद्धिमत्ता या आध्यात्मिक जागरुकता के रूप में सौभाग्य ला सकता है
03:52लेकिन अगर केतु अशुप ग्रहों जैसे मंगल या शनी के साथ पीडित है तो यह पिछले जन्म में रचनात्मक्ता के दुरुपयोग या संतान से संबंधित कर्मों जैसे उपेक्षा या स्वार्थ को दर्शा सकता है
04:08इसका परिणाम वर्तमान जीवन में संतान प्राप्ती में देरी या रचनात्मक्त रुकावटों के रूप में हो सकता है
04:17उदाहरण के लिए एक व्यक्ति जिसकी कुंडली में केतु पंचम भाव में है और शुप प्रभाव में है वह एक लेखक या शिक्षक बन सकता है जो पिछले जन्म की विद्या को आगे बढ़ाता है
04:33लेकिन पीडित केतु वाला व्यक्ति रचनात्मक्त कारियों में असफलता या संतान से संबंधित चुनौतियों का सामना कर सकता है
04:44तो पिछले जन्म के कर्मों से उत्पन्न बाधाओं को कैसे दूर करें?
04:51वैदिक ज्योतिश कई उपाय सुझाता है
04:54शनी के लिए शनिवार को तिल के तेल का दान करना या हनुमान चालीसा का पाठ करना लापकारी हो सकता है
05:03राहु और केतु के लिए नियमित रूप से ओम रा रावे नमह या ओम के केतवे नमह मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है
05:14इसके अलावा, गरीबों को भोजन दान करना और आध्यात्मिक प्रथाएं जैसे ध्यान या तीर्थ यात्रा पिछले कर्मों को संतुलित करने में मदद करती हैं
05:27कुछ जोतिशी रत्नधारण करने की सलाह भी देते हैं
05:32जैसे शनी के लिए नीलम लेकिन यह केवल किसी अनुभवी जोतिशी की सलाह पर करना चाहिए
05:39वैदिक जोतिश हमें यह समझने का एक अनूठा तरीका देता है कि हमारे पिछले जन्म, हमारे वर्तमान को कैसे आकार देते हैं
05:52नवम, पंचम और द्वादश भाव, साथ ही शनी, राहु और केतु जैसे ग्रह हमारी कार्मिक कहानी को बया करते हैं
06:02उपायों के माध्यम से हम इन कर्मों को संतुलित कर सकते हैं और अपने भविश्य को बहतर बना सकते हैं
06:11अधिक जानकारी के लिए Beyond the Vale को सब्सक्राइब करें, लाइक करें और कमेंट करें कि आप अपने कार्मिक मार्क को कैसे समझना चाहेंगे
06:23अगली बार तक अपने भीतर के रहस्यों को खोचते रहें
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