00:00एकदम से मुझे काम से मत निकलो मालिक, मैया परिवार, हम सब ना खाकर मार जाएंगे मालिक
00:08निकलन के अलवा मेरे पास कोई उपाई नहीं है, धन्दा मंदा चल रहा है, काल से काम होने का कोई जरुवत नहीं है, बेतन जो बाकी है महीना कतनों इसे लेकर जाना
00:21दया करके ऐसा ना करो मालिक, सालो साल से दिन रात मेहनत करके काम किया है आपके लिए, इतनी मुसिबत में भी मैं ये काम नहीं छोड़ा
00:31ये सोप सुनके मेरा कोई काम नहीं है, धन्दा तो मुझे बचाना होगा
00:36क्या ही कर सकता हूँ, हो सके तब बेतन कम ही कर दो, फिर भी एकदम से मत निकलो मालिक, नया काम दूलने के लिए भी बहुत समय लगेगा, और मालिक इतना जल्दी काम मिलने में बहुत मुश्किल है
00:52ना ना, मैं और कुछ नहीं सुनना चाहता हूँ, महिना ख़त्म होने से तुम बाके का बेतन लेके जाना, अब जाओ
01:05अरे जी, तुम कब आये, अंधेरा में भूत की तरह बेटे हुए हो जो
01:12अरे कुछ नहीं, एसे ही
01:15एजी, क्या हुआ है आपको, तबियर ठीक है तो
01:24थोड़ी बेटो भी बास में
01:27क्या हुआ है, बोलो तो तुमे
01:29अब भी जो तुम बोले, अंधेरे में भूत की तरह बेटा हुआ हूँ
01:34अरे बाबा, वो तुमें एसे ही बोल दिया, तुम गुस्सा होगे क्या
01:40मैं करूँगा गुस्सा, अरे मैं तो एक उपाई हिंद बेक्ती हूँ
01:47तुम जेसे आभी बोली, अंधेरा का भूत, मेरी जीवन भी एसे ही अंधेरों से बढ़ा हुआ है
01:54चिंता में मेरी सार फाट रहा है
01:57ये सब क्या बोल रहे हो, क्या हुआ है तुमे
02:01और किस बात का चिंता
02:05मेरे लिए कोई चिंता नहीं है, चिंता तो है बस तुम्हारे लिए
02:10एजी, क्या हुआ है आपको, इससे बात क्यों कर रहे हो
02:16मैं एक उपाई हिंद, बस्पन, बस्पन से हिंद
02:22मेरी जनव लेते ही ममी चल बसे, उसके बात पापा
02:25इतना महनत करके, इतना कोशिश करके, थोड़ा जिन्दगी को आगे बढ़ने का कोशिश कर रहा था
02:32सब, सब खत्म हो गया, मेरे पास कोई नोक्री नहीं है, आज में बेकार
02:39एजी, क्या बोल रहे हो आप, मुझे तो बिस्वास ही नहीं हो रहा है
02:45अरे मेरे को खुद ही विश्वास नहीं हो रहा है, सालो सहाल लगातार में काम किया, काम चुटना जाए कारण मैं काम चुटके भी लेता था, आज, आज मालिक ने एक ही बात पे काम से निकल दिया, यू, यू, बोलो तो लक्षमी, मैं तो सारा काम का बोस अपनी उपर ले
03:15चिन्ता कर लेंगे, वो दीदी, दूद रखे जा रहा हूँ, सुनो रघू, काल से कम दूद देना, और ना दो तो कोई दिक्कत नहीं है,
03:41ना, ना, वो क्यों, दूद क्यों करोगे, समझ नहीं रहे हो तुम लक्षमी, मैं क्यों बोल रहा हूँ, मैं साब समझ गई, और रघू, आज दो लीटर दूद जादा दो तो,
03:57क्या सोच रहे हो, मैं पागल हो गए हूँ, नहीं जी, आप अपनी लक्षमी के ओपर भरोसा रखो, पर, अरे, बचपन में मेरी दादी ने मुझे एक पर रसकुले बनाने के लिए सिखाया था, उसके बाद मैं कभी खुछ से बनाने का कोशीश ही नहीं किया, दादी का अन
04:27तो भी बनाए थे रसकुले, नहीं, आज बनाओंगी, देखते हैं कैसे बनते हैं, उसके बाद आप उसको बजार लेकर जाना, ठीक है बाबा, मैं लेकर जाओंगा बजार, अब चलो, मुझे काम में मदद करो, चलो, बताओं मुझे क्या करना होगा
04:57आओ, आओ, आओ, मेरे प्यारे गाओ वस्यों, रसकुले खाओ, एक बार खाओ गे, आओ, आओ, आओ, मेरे प्यारे गाओ वस्यों, रसकुले खाओ, एक बार खाओ गे, आओ, आओ, आओ, मेरे प्यारे गाओ वस्यों, रसकुले खाओ, एक बार खाओ गे, आओ, आओ
05:27गे, बार बार आओ गे, आओ, आओ, आओ
05:34अरे रसकुले, मेरे तो मुझे पान ही आ गया, देखके तो बहुत स्वादिस लग रहा है ये
05:41अरे भईया, ये रसकुले कितने का दिये हो?
05:44एक रसकुले दस का है, एक दो तो मुझे
05:49बारे वा, इतने स्वादिस रसकुले, मेने तास तक नहीं खाया, इन्हां मज़ेदार? बाईया, एसा करो आप और दो रसकुले दे दो, और पास रसकुले पेंग भी कर दो हाँ?
06:11क्या जी, अब इतना जल्दी घर वापस आगे?
06:14अरे लक्ष्मी, क्या बताओ, सारा रसकुले जो मैंने बेच दिया, लोगों को तुम्हारे हाथ का रसकुले इतना पसंद आया.
06:22आपने देखा, मैं तो बोल ही रहे थी कि दादी का अनूखा तरिका किसी को नहीं बता.
06:40कल तो मेरा चिंता में सर फाटी जा रहा था.
06:43मैं कहाँ जा रही हूँ, मैं तो आपके साथ ही हूँ.
06:49पता है लक्ष्मी, तुम ही तो मेरी दुनिया हो.
06:54आ लक्ष्मी, कल रगू से बोल कर पूरा पास लीटर दूद लेना, लोगों को हमारे रस्कुले बहुत पसंद आ रहे है.
07:03ठीक है जी.
07:23और इस तरह से दोनों पती पत्नी रस्कुले बना कर रोज बाजार बेचते हैं और सुखी सुखी अपना जिन्दगी गुजार रहे है.