लिस्टेड बदमाश ने खुद को मारी गोली

  • 5 years ago
इंदौर. खजराना थाना क्षेत्र में एक लिस्टेड बदमाश ने अवैध पिस्टल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या का प्रयास किया। गोली  उसके पेट में लगी है, उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। मामले में परिजनों ने एक आरक्षक पर उससे रुपए मांगने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। बदमाश पर एक दर्जन से ज्यादा अपराध दर्ज है। पुलिस परिजनों के आरोपों की भी जांच कर रही है।

 

पुलिस के अनुसार मामला आजाद नगर थाना क्षेत्र का है। यहां धीरज नगर निवासी लिस्टेड बदमाश अर्पित पिता विनोद मिश्रा ने अवैध कट्टे से खुद को गोली मार ली। घायल हालत में परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी हालत काफी गंभीर है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर पेट से गोली निकालकर उसे आईसीयू में रखा है। परिजनांे का आरोप है कि खजराना थाने में पदस्थ आरक्षक द्वारा अर्पित से रुपए मांगने जा रहे थे। इसी डिप्रेशन के चलते उसने आत्महत्या का प्रयास किया।

 

थाना प्रभारी प्रीतम सिंह ठाकुर धीरज नगर निवासी अर्पित पिता विनोद मिश्रा थाना क्षेत्र का लिस्टेड बदमाश है। इस पर एक दर्जन अपराध दर्ज है। 2014 में पुलिस ने गुंडा अभियान के तहत इसकी फाइल खोली गई थी। इसके पिता एक निजी स्कूल में गार्ड हैं। बदमाशी के कारण परेशान होकर परिजनों ने इसे घर से भगा दिया था। इसके बाद यह देवास नाके पर रहने लगा था। 2016 में लसुड़िया थाने पर इसकी फाइल भेज दी गई थी। 

 

पिता के अनुसार धीरज नगर के मकान को लड़की और दामाद को बेच दिया था। इसने अवैध कट्‌टे से खुद को गोली मारी है। वह बयान देने की हालत में नहीं है। परिजनों ने एक आरक्षक पर रुपए मांगने का आरोप लगाया है, लेकिन जिस आरक्षक पर आरोप लगे हैं उसने इसी साल मई में उसे मोबाइल चोरी के आरोप में पकड़ा था। जिस पर उसे जेल की सजा भी हुई थी। अारक्षक आरोपी से तीन महीने से नहीं मिला है। हालांकि परिजनों ने आरोप लगाया है तो मामले में जांच की जाएगी।  

अर्पित की पत्नी सुनीता ने आरोप लगाया कि आरक्षक प्रवीण परमार उसे आए दिन रुपए मांगता है और परेशान करता है। इस पर हम सोमवार को टीआई से मिलने गए थे, लेकिन हमें धक्के मारकर बाहर कर दिया गया। पति ने खुदकुशी करने की बात कही तो उन्होंने कहा कि जो करना है करो। मंगलवार सुबह आरक्षक ने रोककर उसे धमकी दी थी यदि मेरे लिए काम नहीं किया तो झूठे केस में फंसा दूंगा, तेरा मकान टुड़वा दूंगा। 

 

सुनीता ने आरोप लगाया कि दो महीने पहले आरक्षक ने मेरे साथ भी मारपीट की थी। मैंने आवेदन दिया तो थाने पर सुनवाई नहीं हुई। आरक्षक ने केस में नहीं फंसाने के नाम पर 10 हजार रुपए की रिश्वत ली थी। मेरे पति कॉल सेंटर पर जॉब करते हैं। उन पर एक दो लड़ाई के मामले दर्ज हैं। वे अपनी मां से मिलने गए थे। उन्होंने फोन कर मुझे बताया था कि प्रवीण ने मुझे रास्ते में रोक लिया है। मुझे बहुत परेशान कर रहा है।

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