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  • 6 hours ago
Aravalli Protection: सुप्रीम कोर्ट और PMO कब-कब आए आगे?

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00:00अरावली परवत माला को लेकर सुप्रीम कोट ने हाल ही में बड़ा कदम उठाते हुए
00:03उसकी नई परिभाशा पर अपने ही आदेश के लागू होने पर फिलहाल रोक लगा दी है
00:0720 नवंबर को केंदर सरकार की सिफारिशों के आधार पर अदालत ने कहा था
00:11कि 100 मीटर या उससे उची जमीन को ही अरावली पहाडी माना जाएगा
00:14इस फैसले के बाद व्यापक विरोध हुआ क्योंकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे खनन को बढ़ावा मिलेगा
00:19और छोटी पहाडियां खत्म हो सकती हैं
00:20अब इस मामले में अगली सुनवाई 21 जन्वरी को होगी
00:23अरावली भारत की सबसे पुरानी परवत श्रिंखलाओं में से एक है
00:26और उत्तर भारत के लिए बेहद अहम मानी जाती है
00:28ये धूल के तूफानों को रोकने
00:29ग्राउंड वाटर रिचार्ज और बायो डैवर्सिडी कॉंसर्वेशन में बड़ी भूमिका निभाती है
00:33इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट बीते दो दशकों में कई बार इसके संरक्षन के लिए आगे आया है
00:37साल 2002 में कोर्ट ने दिल्ली से सटे अरावली क्षेत्रों में खनन और ग्राउंड वाटर एक्स्पोइटेशन पर रोक लगाई थी
00:43बाद में हरियाना और राजस्थान में अवैद खनन के खिलाफ भी सक्त आदेश दिये गए
00:472002 से 2019 तक अदालत ने लगातार ऐसे फैसले दिये जिनका मकसद अरावली को पारिस्थितिक नुकसान से बचाना था
00:53अरावली संरक्षन के मामलों में प्रधान मंत्री कार्यालाय पीमो ने भी कई बार हस्तक शेप किया है
00:572014 और हाल के सालों में NCR के Natural Conservation Zone में निर्मान की सीमा बढ़ाने की कोशिशों को पीमो के दखल के बाद रोका गया
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