00:00क्रिश्न समझाते हैं कर्म वास्तव में कैसे काम करता है जैसा आप सोचते हैं वैसा नहीं
00:08अधिकतर लोग सोचते हैं कि कर्म बराबर तुरंत फल अच्छा किया अच्छा होगा बुरा किया बुरा होगा
00:18लेकिन श्री क्रिश्न कहते हैं कर्म ऐसा नहीं चलता
00:221. कर्म सिर्फ काम नहीं भावना है
00:27एक ही काम दो लोग करें कर्म अलग होगा
00:31किसी की मदद सिर्फ दिखावे के लिए बंधन
00:36किसी की मदद सही समझ कर शुद्ध कर्म
00:39कर्म का असली आधार, नियत, इंटेंशन है सिर्फ काम नहीं
00:462. कर्म का फल तुरंथ नहीं मिलता
00:50कर्म कोई मशीन नहीं है
00:53फल कभी देर से आता है
00:55कभी किसी और रूप में आता है
00:57और कभी बाहर नहीं अंदर असर करता है
01:00इसलिए कई बार बुरे लोग सफल दिखते है
01:04और अच्छे लोग संघर्ष करते
01:07तीसरा, फल की आ सकती ही बंधन है, कृष्ण का सबसे प्रसिद्ध वाक्य, तुम्हारा अधिकार कर्म पर है, फल पर नहीं, जब हम फल से चिपक जाते हैं, दर पैदा होता है, अंकार बढ़ता है, तनाव आता है, निश्काम कर्म इक्वल तो स्वतंत्रता, फल की लालसा इक
01:37आपके स्वभाव में है, बार-बार सच बोलना, आत्मबल, बार-बार गुस्सा, अशांती, अनुशासन, स्पष्ट सोच, दुनिया बदलती रहती है, लेकिन आपका मन ही असली कर्म फल है, पांच, नया कर्म बनना रोका जा सकता है, कृष्ण जीवन छोडने को नहीं कहत
02:07जब कर्म किया जाए, बिना स्वार्थ, बिना घ्रिना, बिना घमंड, तो वो कर्म बंधन नहीं बनता, सरशब्दों में कर्म भाग्य नहीं है, कर्म है, आपके कामों का आपके मन पर प्रभाव
02:25आज का कर्म तै करता है, कल आप कैसे सूचेंगे, आप अंदर से कितने मजबूत होंगे, आप कितने शांत और स्वतंत्र महसूस करेंगे
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