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00:00आपकी बाते सुन सुनकर हमारी दोफ्ती तूटती जाए। जिश्टा रोड़ा सा किरकिरा हो रहा है।
00:06बकरा भाई और मुर्गा भाई तुम कह रहे हो दात से अगर मैं मास खा सकता हूं तो खाऊंगा।
00:11तो हाथ से तुम घुसा मार सकते हो तो मार दो गुद्धी भी तो दीव है। बुद्धी नहीं लगाओगे।
00:15क्लाइमेट चीन को रोकने के लिए बकरा भाई और मुर्गा भाई दूसरे कदम उठा रहे हैं।
00:20इन्होंने बोला कि मैं कार पूलिंग करता हूं और इन्होंने कहा कि यह ट्रीग प्लानटेशन करता हम थोaments्क्राइमेट वारियर्स हैं।
00:26लेकिन हमारी मर्दी से ऊपर तो भगवान की मर्दी होती है।
00:29उपर वाले की दोहाई दे रहे हो, उसने तुमको सिर्फ दात ही दिये हैं, गया और हाथ ही दिये हैं, यह किसलिए दिया है, थोड़ा सा, अपनी चेतना का इस्तिमाल करिए ना, इंसान है आप, कुर्सी नहीं है आप
00:40हम दोलों दोस्त बहुत पाटियां करते हैं, और बढ़ी है, बहुत खर्चा करते हैं, और उनक पाटियों का तो फांडेशन ही रहता है, कि आपनों बटगा, अज़ा ही था बात है तब चिकन पड़ा जाए भाई की साथ, तुम सबजी खाते हो तुम यह नहीं कहते हैं, कि मै
01:10सबसे बहुत दो मेरा इंट्रोड़क्शन, मैसल्फ बकरा भाई, और ये मेरा दोस्त, मैसल्फ मुर्गा भाई, नाइस्टो मीटी आज़ा, समस्या कुछ ऐसी आ गई है कि हमारी दोस्ती तो बनी ही बकरे और मुर्गे पर आए, और आपकी बाते सुन सुनकर हमारी दोस्ती
01:40बकरे ना खाओ तो फिर हमारा रिष्टा कैसे चलेगा तो मुर्गा भाई एक बार अपना सवाल रखो
01:47आप से बहुत ना राध है सर, हमारी हमारी तो संवरक्शना ही ऐसी होती है कि मुर्गा खा सकते हैं, बकरा खा सकते हैं, कैसे जैसे
02:02मेरे दात, मेरे दात, के नाहिन दात, नुकीले दात, तो अगर मुझे सिर्फ फलाहार ही करना होता है, तो मेरे दात नुकीले क्यों होते हैं, नुकीले किसलिए हैं, ताकि मास चबा सकें, फाड सकें, तो तुमारे जो दात हैं, इनसे तुम फल, सबजी, अन्न भी खा सकते
02:32चबाएं मस अगर
02:34मैं इससे मास चबा सकता हूं तो क्यों न चबाँ
02:37तुम देखो तुम्हारा लॉजिक क्या है
02:39लॉजिक पर आए तुम कह रही हो श charm74
02:40कि जिस हिस्से से जो कुछ भी करा जा सकता है
02:43मैं वो करूंगा
02:44तो तुम कह रही हो कि
02:48किसी भी काम का
02:49validation ये है कि
02:52वो अगर करा जा सकता है तो ठीक है
02:54मेरे दाथ से
02:56अगर मास खाया जा सकता है तो मास खाना ठीक है
02:58यही कह रहा हूँ ना
02:59अब यह तुम्हारे दो हाथ है
03:01यह दो हाथ है
03:04इनसे तुम अपने दोस्त बकरा भाई को
03:05घुसा मार सकते हो कि नहीं
03:07बेखुल, तो फिर घुसा मारना ठीक होना चाहिए, भई दाथ से जो करा जा सकता है, वो करना ठीक है, बिना दिमाग लगाए, जो कुछ भी मेरे दाथ से करा जा सकता है, मैं वो करूँगा, वो ठीक है, तो हाथ से घुसा मारा जा सकता है, न मार दो, वो ठीक होना चाहिए, �
03:37तुम आरे हैं डिस्क्रीशन, इसके तुम बात ही नहीं कर रहे हैं, तुम कह रहे हो दात से, अगर मैं मास खा सकता हूँ तो खाऊंगा, तो हाथ से तुम घुसा मार सकते हो, तो मार दो, हाथ से घुसा क्या नहीं मारते हैं, इसी हाथ से, इसी हाथ से, तुम किसी को आशरवा
04:07उतना ही बेहूदा है ये कहना कि ये जो हमारे दाथ हैं, इससे हम मास फाड़ सकते हैं, तो हम फाड़ेंगे, मैं इस दाथ में अपने हाथों से कपड़े फाड़ सकता हूं गिसी के, तो फाड़ दूँ, एक दूसरे फाड़ दो कपड़े, इन हाथों से कपड़े भी फाड�
04:37अंतर समझो
04:39जानवर वो सब कुछ करेगा
04:42जो करा जा सकता है
04:43उधारण के लिए तुम अपने घर में
04:46एक अपना कुटा रखते हो
04:47ये जो जगह है
04:52यहाँ बीच में फर्ष
04:53तुम्हारा इतना बड़ी है साफ फर्ष है आपने बुलाया है
04:55मुझे यहाँ पर धन्यवाद
04:56क्या साफ जगह है आपकी
04:58आपने घर में कुटा पाल रखा है
05:01वो यहाँ पर आकर टटी कर सकता है
05:02कुटे का तर्ष बिल्कुल वही है जो आपका तर्ष
05:06कुटा कह रहा है ये फर्ष है इस पर टटी करी जा सकती है
05:09तो मैं कर दूँगा पर जो ऐसा तर्ष जो कुटा हो गया ना
05:12कुटा गह रहा है इस फर्ष पर टटी करी जा सकती है तो मैं कर दूँगा
05:16क्या इनसान ये करेगा कि फर्ष पर टटी करी जा सकती है तो मैं कर दूँगा
05:20इनसान कहता है नहीं नहीं
05:21नहीं मैं यह नहीं कहूंगा कि कहां क्या करा जा सकता है मैं यह कहूंगा कि क्या करा जाना चाहिए तो फिर इंसान ने अपने लिए शौचाले बनाया है कुट्टे नहीं जाते शौचाले आम तो पर तो यह जानवरों का तर्ख है कि जो कुछ भी करा जा सकता है मैं कर दूँ
05:51मेरे दान्थ है, वैसे एक बात बता दू, इसे तुम कच्चा मास फाड़ भी नहीं सकते, जो मासाहारी जानवर होते हैं, उनके ये जो दान्थ हैं, ये बहुत लंबे और बहुत पैने होते हैं, तो सच्छी बात तो ये है कि तुम अपने इन दातों से मास नहीं खा सकते, त
06:21किसी यंग से कर सकते हो, वो सब कुछ करोगे क्या, तुम्हें तो छीक भी आती है, तो तुम एक तरफ को करके छीकते हो, तुम क्यों नहीं कहते हैं, कि ये नाक दी गई है, मुझे छीक आ रही थे, मैंने छीक दिया खुल ले में, आप ये क्यों नहीं करते हो, आप कहते हो
06:51तरक क्यों देते हो कि दान से माज फार सकता तो मैंने फार दिया, हाथ से में कपड़े फार सकता तो मैंने फार दिये, ये कोई तरक है, कितनी पागल पने की बात है न, मुह मिला हुआ है, मैं कहीं भी थूक सकता तो मैंने थूक दिया, ये कैसा तरक हो, तुम दोनों ये थू
07:21इसके कब लगा होगे
07:23देखो थोड़ा आगे बढ़ा हूँ
07:27या अभी से नाराज होगे तुम लोग
07:29ठीक है
07:31सुनते हैं थोड़ा बहुत
07:33ठीक है तो समझो
07:35बात को यह जिस कुरसी पे तुम
07:37बैठे हो और तुम में
07:40एक अंतर है
07:40अंतर यह है कि यह कुरसी
07:43किसी और ने बनाई है और
07:45उसने तै कर दिया है कि इस कुरसी का
07:47परपस क्या होगा कुरसी स्वयम
07:49नहीं बनी कुरसी
07:51अपने होने का उद्देश्य स्वयम नहीं
07:53निर्धारित करती आप
07:55कहते हो साब मुझे
07:57बैठना होगा और मुझे इतनी उचाई पे बैठना है
08:13इनसान खुद तै करता है कि उसे क्या बनना है।
08:18इनसान के होने का परपस अगर कोई और डिसाइड करने लग जाए तो वो इनसान नहीं गोलाम है।
08:24वो मशीन हो गया ना फिर जैसे कुरसी हो गया वो।
08:27कोई बोले मुझे तो बनाया इसलिए गया है कि मैं मास खाऊँ।
08:31तो तुम कुरसी हो ना कुरसी को बनाया गया है एक खास परपस के लिए।
08:36इनसान वो है जो जो चितना का इस्तेमाल करके खुद जानता है, खुद समझता है।
08:41इंसान में और कुर्सी में अंतर करना सीखो,
08:43तुम मारा परपस कोई और नहीं डिसाइड कर सकते,
08:45तुम यह नहीं कह सकते कि मेरे दात मेरा परपस डिसाइड करेंगे,
08:50कुर्सी कहां रखी है, यह कोई और तै करता है,
08:52कुर्सी स्वयम नहीं तै करती,
08:53इसी तरीके से तुम क्या खाओगे, क्या नहीं खाओगे
08:56ये बात तुम्हारे दाट नहीं तै कर सकते
08:58या प्रक्रते नहीं तै कर सकते
09:00ये बात तुम तै करोगे
09:02तुम एक चैतन ने, conscious जी वो
09:04तुम कुरसी नहीं हो
09:05सर लेकिन हमारी मर्दी से उपर
09:10तो भगवान की मर्जी होती है
09:11तुम्हें भगवान की मर्जी कैसे बता
09:14बताया गया है
09:16किसने बताया, भगवान ने बताया
09:17नहीं, महले में
09:20लोगों ने बताया है, तुम्हें कैसे
09:22पता कि भगवान
09:24की क्या परिभाशा है और भगवान की क्या
09:26मर्जी तुम्हें कैसे पता यह जो बार-बार बोलते हो
09:28कि हम तुम आसे इसलिए खाते है क्योंकि
09:30हमारे भगवान ने इश्वर ने अल्लाह ने
09:32गौड ने उपर वाले ने हमको
09:34आदेश दिया है या अनुमती दिया है हम इसलिए खाते है
09:36तुम बताओ तुम्हें कैसे पता
09:38कि वो जो बात है
09:39वो किसी उपर वाले क्या है
09:42और उपर वाला होता क्या है तुम्हें ये भी कैसे पता
09:44कैसे पता क्योंकि ये जितनी भी बाते हैं
09:48वो कोई उपर वाला आके तो कर नहीं रहा
09:49ये बातें तो तुम कर रहे हो ना
09:50मैं तुमसे पूछ रहा हूँ तुम्हें कैसे पता
09:55हमारे गृंथों में लखिये एक किताबों में लखिये
09:57जो कुछ भी लिखा है वो पढ़ा किसने
09:59मैंने
10:01या गृंथ खुद अपना अर्थ बता रहा है तुमको
10:04तुम्हारी किताब में जो कुछ भी लिखा है
10:07वो पढ़ा किसने है
10:08तुमने पढ़ा है न तो उसका अर्थ भी तो तुम ही करते हो
10:13अब अगर मैं जबान का हवसी
10:17आदमी हूँ तो किताब में जो कुछ भी लिखा है
10:19न उसका अर्थ अपने अनुसारी तो करूँगा
10:20और किताब मेरे कान तो पकड़ेगी नहीं
10:24कि तुम मेरा गलत अर्थ कर रहे हो
10:25किताब तो बिचारी बेसहारा है
10:27सारे गरंथ बेसहारा होते हैं
10:28तुम उनका कुछ भी उल्टा पुल्टा अर्थ कर लो
10:30और फिर
10:33गरंथ में जो बात कही गई थी
10:36वो जिस समय कही गई थी क्या आज भी वही समय चल रहा है
10:38जब गरंथ में बात कही गई थी
10:41ज़ो गरंथ हो
10:42हिंदू, मुसल्मान, इसाई, बौध किसी का गरंथ हो
10:46जिस समय वो गरंथ लिखा गया था
10:49उस समय दुनिया के अबादी 800 करोड थी क्या
10:51उस समय
10:53climate change था क्या
10:55उस समय mass extinction था क्या
10:57उस समय biodiversity
10:59depletion था क्या
11:01बोलो
11:03उस समय प्रत्वी का forest cover उतना ही कम
11:05था क्या जितना आज है
11:06तो फिर ये क्यो
11:09बोलते हो कि हमें बुला गया है
11:11कि बकरा खाओ
11:13मेरे उपर वाले ने मुझे आदेश दिया है कि तुम तो बकरा खाओगे ही
11:16या कह देते हैं कि
11:17कृष्ण दूध पीते थे तो हम भी पिएगे
11:20उस समय की स्थितिया वही थी जो आज की
11:22स्थितिया है तो तुम
11:24वही काम कैसे कर सकते हो जो उस समय बोला गया
11:26बहुत सारी चीज़ें ऐसे होती है
11:28जो गरंथों में
11:31टाइम डिपेंडेंट होती है
11:32और बहुत सारी ऐसी चीज़ें होती है
11:34जो टाइम इंडिपेंडेंट होती है
11:36बहुत सारी बाते ऐसी होती है
11:39जो हमेशा वैलिड होती है उनकी
11:40हमेशा till the end of time
11:41और बहुत सारी बाते ऐसी होती है
11:43जो सिर्फ उस समय के लिए
11:46valid होती है तो वो कही गई थी क्योंकि
11:47situations बदल गई है फिर पूछ रहा हूँ
11:50दुनिया की अबादी तब 800 करोड थी क्या
11:52जितनी species
11:54आज प्रतिदिन विलुप तमाने
11:56extinct हो रही है उतनी तब हो रही थी क्या
11:58तो जो बात तब कही गई थी
12:00उसको आज क्यों लागू कर रहे हो पागल
12:01सिस्तिया तो इतनी बदल गई है
12:03situation पूरी बदल गई है
12:04हाँ उसमें ऐसी भी बाते होंगी
12:07grant में जो तब भी
12:10valid थी आज भी है
12:11उनको आप बेशक मानिये
12:13पर थोड़ा सा
12:15थोड़ा सा अपनी चेतना का
12:17इस्तिमाल करिये ना इंसान है आप
12:18कुरसी नहीं है आप
12:20सर मैं आपकी बात बुलकुल
12:23समझ रहा हूँ कि climate change हो रहा है
12:25मगर मैं climate change के लिए करता तो हूँ
12:27मैं non wage के लिए नहीं करता
12:29मगर मैं
12:31बहुते पैड लगाता हूँ
12:32बकरा भाई ने कली 10 पेड लगाए
12:3410 पेड लगाए
12:35और मैं कार नहीं चलाता
12:37मैं कार पूलिंग करता हूँ
12:38तो ये सब करके तुम कह रहे हो
12:41कि मासाहार से जो climate change होता है
12:44तुम उसकी भरपाई कर दे रहे हो
12:46ये ही कह रहे हो ना
12:47कुल मिला करके जो तुमारा पूरा तरख है
12:50वो ये है कि साहब
12:51आप कहते हैं कि मासाहार
12:54दुनिया में climate change का
12:56पहला या दूसरा सबसे बड़ा कारण है
12:58ठीक है
13:00तो आप बार बार कहते हैं
13:02मासाहार मत करो
13:03क्योंकि मासाहार से ही
13:04तो climate change हो रहा है
13:05लेकिन climate change को रोकने के लिए
13:08बकरा भाई और मुर्गा भाई
13:09दूसरे कदम उठा रहे हैं
13:12क्या कदम उठा रहे हैं
13:13इन्होंने बोला कि मैं कार पूलिंग करता हूं
13:14मैं कार कम चलाता हूं
13:16और इन्हों ने कहा कि यह tree plantation करते हैं, आप करते हैं यह करते हैं, इन्होंने पेड लगा, अभी 10 थे, तो तुम दोनों मिल के पेड लगा रहे हो और यह बोल रहे हैं कि मैं car कम चलाता हूं, तो फिर अगर मैं mask खा भी लेता हूं, तो climate change कहा हुआ?
13:31एक बार बीफ खाने से
13:37उतना कारवन एमिशन होता है
13:39जितना 176 किलो मीटर
13:41कार चलाने से होता है
13:42एक बार पॉर्क खाने से
13:48उतना कारवन एमिशन होता है
13:49जितना 80 किलो मीटर कार चलाने से होता है
13:52और मटन खाने से भी लगभग उतन नहीं
13:54और एक बार चिकन खाने से 60 km, अंडा खाने से 30-30 km,
14:00ओमिलेट खा लो, और जाके कार चलाओ,
14:05कार चलाने में कम हुआ है, कारबन एमिशन, ओमिलेट खाने में ज्यादा हुआ है,
14:10तो जो लोग अपने आपको बार-बार बोलते हैं न,
14:12कि सहाब हम तो क्लाइमेट वारियर्स हैं, कैसे हैं क्लाइमेट वारियर्स?
14:18कि मैं इलेक्टरिक कार यूज कर लेता हूँ,
14:21या मैं कार पूलिंग कर लेता हूँ,
14:24या मैं 10 km की जगे, 8 km ही कार चलाता हूँ, मैं तो क्लाइमेट वारियर हूँ,
14:27या कुछ कहते हैं कि मैं electricity का कम इस्तिमाल कर रहा हूँ
14:31मैं तो climate warrior हूँ
14:32इन सब चीज़ों से कुछ नहीं होना
14:33आपने थाली भरके मास खा लिया
14:36वो
14:38second kilometer गाड़ी
14:40न चलाने के बराबर हो गया
14:42आपने
14:44second kilometer गाड़ी नहीं चलाई
14:46लेकिन आपने
14:48मास खा लिया तो गाड़ी
14:50न चलाना वेर्थ गया
14:51मास खाना गाड़ी
14:54न चलाने
14:56पर भारी पड़ता है बहुत बहुत जया
14:58यह अच्छे समझ लो
15:00अभी इसमें एक आगड़ा और
15:02जोड़ देता हूँ उसका संबन
15:04मासाहार से नहीं है
15:05जैसे हमने कहा कि
15:07एक बार आपने
15:08बढ़िया भर के
15:10बीफ, पॉर्क, मटन, चिकन, अंडा
15:13कुछ खा लिया
15:13तो यह बात पचास
15:17या डेढ़ सो किलोमीटर गाड़ी चलाने के बराबर
15:19हो गई उतना ही आपने
15:20कार्बन एमिशन कर डाला
15:21इसी तरीके से
15:24अगर आपने संतान पैदा कर दी
15:25तो वो बात
15:29दसो लाख किलोमीटर गाड़ी चलाने के बराबर हो गई
15:32आप कितना भी बनते रहें
15:37मैंने इतने पेड़ लगा दिये
15:38मैंने चार
15:39बिजली के बल्व अपने आखम कर दी
15:42मैं एक घंटा एसी कम चलाता हूँ
15:44मैं दस किलोमीटर गाड़ी कम चलाता हूँ
15:46अगर आपने संतान पैदा कर दी
15:48वो चीज
15:50इन सब चीजों पर लाखों को ना भारी है
15:52क्लाइमेट चेंज का
15:54जनसंख्या नियंतरन के अलावा
15:57कोई प्रभावी समाधान नहीं है
15:59आप बाकी सब बातें
16:01करते रहो अपने दिल को बहलाने के लिए
16:03आप बोल दो मैं जाकर के वरिक्षार उपन करता हूँ
16:05मैं दस पौधे लगाड़ाई
16:06कुछ नहीं होगा उससे
16:07कुछ भी नहीं होगा
16:09आप कहते रहो कि मैं
16:12ये कम करता हूँ, वो कम करता हूँ
16:14से कुछ भी नहीं होगा
16:15मैं सिगरेट पीता हूँ
16:17तो मुझे ही कैंसर होता है
16:19उसका जिम्मेदार मैं होता हूँ
16:21मगर मैं जो चिकन खाता हूँ
16:23उस कारण से जो मुझे कैंसर होता है
16:26उससे मुझे ही नहीं हो रहा
16:27सबी को हो रहा है और जो तुम सिगरेट पीते हो
16:30वो जबरदस तरूप से
16:32टैक्स्ट होती है
16:33नहीं तो सिगरेट इतनी महंगी गयोंगी उसमें है ही क्या ऐसा
16:36पर मास पर वैसा
16:38टैक्स नहीं लगता जबकि
16:39एक आदमी जो मास खा रहा है वो सो और
16:42लोगों को बरबाद कर रहा है
16:43मैं मास नहीं खाता है लेकिन जो मास खा रहा है
16:45मुझे ही बरबाद कर रहा है लेकिन वो वेक्ति
16:48इस बात का कोई हरजाना नहीं भरता
16:49मुझे कोई कंपंसेशन नहीं देता
16:51वो बलकि यह बोल देता है कि मैं क्या खा रहा हूँ
16:54यह तो मेरा personal matter है, भाई तुम्हारा personal matter कैसे है, तुम जो कर रहे हो, उससे किसान बरबाद हो रहा है, तुम जो कर रहे हो, उससे गरीब बरबाद हो रहा है, तुम जो कर रहे हो, उससे भुखमरी फैल रही है, वो तुम्हारा personal matter कैसे है तुम जो तुम कर रहे हो, जैसे मैं छ
17:24आपको हिंसा करनी है, आपको खून पीना है, तो फिर तो क्या कह सकते है?
17:28सर, मोहले में फिर नाग भी कटती है, क्योंकि कोई मास ले के आता है,
17:33तो उसकी एक बात होती है, कोई फूल पत्ती खाता है,
17:37मतलब कोई उसमें कोई पता चलता है, कि अच्छे घर आने से आ रहे हो, पैसा आए घर में,
17:43इसका मेरे पास कोई जवाब नहीं है, सब कुछ तो मोहले आओ लोगों को देख के करते हो, क्या बात है, कोई जवाब नहीं होता है,
17:52हम दोनों दोस बहुत पाटियां करते हैं, और बढ़ियां बहुत करचा करते हैं,
17:58और उन पाटियों का तो फांडेशन ही रहता है, कि आपनों मतला है,
18:03जखही था बात है तो चिकन पड़ा जाए भाई की साथ, तो,
18:06किसी का कतल करके तुम पार्टी करो
18:11तो ये तुमारी मरसी है
18:14दोखो और तुम अच्छी तरह जानते हो
18:16उसके पास एक चीतना है
18:21जो बहुत खास है
18:22तुम सबजी खाते हो तुम ये नहीं कहते है कि
18:26मैंने सबजी की हत्या कर दी
18:28पर जब तुम बकरा खाते हो
18:31तुम खुद जानते हो तुम खुद कहते हो
18:33मैंने उसको स्लोटर कर दिया
18:34तुम कभी कहते हो बकरी को स्लोटर किया
18:36गुभी को स्लोटर किया
18:38कभी कहते हो कि
18:39अंतर है
18:41कतल करके पाइटी करना
18:43कतल करके दावत करना
18:44जशन करना इंसानियत में है
18:46जो जीव का
18:51कतल करके खुशी मनाए
18:52ये तो छोड़ दो कि
18:54वो धारमिक आदमी है
18:56मैं कहा रहा हूँ वो आदमी ही नहीं है
18:58फिर तो ये जो मैं लेदर जैकेट पहनू
19:03या फिर मैं जो जूते पहनता हूँ
19:04लेदर के ये भी मासार ही हो गया
19:06तो और क्या है
19:07जानवरों का शोषण नहीं करना
19:11ये बात इतनी सी थोड़ी होती है कि
19:12मास नहीं खाऊंगा
19:14तुमने बेल्ट कौन से पहन रखी है
19:17तुम नीचे यहाँ पर
19:18जूते कौन से पहनते हो
19:21रूटी में घीच बढ़ के खा रहे हो गया
19:24ये सब बाते भी देखनी पड़ती है न
19:26ऐसे ही थोड़ी है
19:28यहाँ तक कि तुम जाओ कहो
19:33मुझे तांगे की सफारी करनी है
19:35ये भी कोई बात अच्छी थोड़ी है
19:38तुम कहीं पे जाओ बोलो मुझे
19:39Elephant सफारी करनी है
19:42ये कोई अच्छी बात है
19:43यह कोई भली बात है, हाँ, आपको वीडियो देखा था के दारनाथ पे जो, तुम घर में पिंजड़े में तोता रखे हुए हो, यह कोई अच्छी बात है, वो देखा तोता, पिंजड़े में तोता, अच्छी तो मुर्गा भाई आज तो मतलब सर के साथ बैठ के, कुछ तो
20:13अच्छी वीडियो के लिए यह नाटा करना पड़ा, शमा की ज्यागा का गुस्ता की हुए, दर्शुकों कोई बता दें कि, यह सब मजाग था, काश कि यह सब मजाग ही होता, मजाग से बहुत आगे की बात है, है ना,
20:35नमस्कार आप सबीको, मुर्दा भाई और पत्रा भाई की तरफ से छोटी सी बात है, इस वीडियो को, जिकार्ड जिनोंने किया है, वही उस वीडियो में अचारी जी के सामने बैठे जी थे, क्यूंकि यह बहुत बहुत ज़रूरी थी, तो इसलिए हमने खुदी किसी तरी
21:05और किसी तरीके से यह बात आप पर पहुचाई, तो क्यामरे के सामने भी हम थे और क्यामरे के पीछे भी हम थे, इस तरमें भी क्यामरे के पीछे कोई नहीं है, तो जाब
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