00:00मेरा सवाल है कि जिंदगी में इंसान खुश कैसे रहे ये सब जानने के बावजूर की हर साल आठ हजार करोड पश्वों को मारा जाता है इंसान की स्वार्थ की मांगे पूरी करने के लिए
00:12रेस्ट्रों में जाके बैठो वहाँ मेन्यू आता है उसमें लाल निशान वाले इतने सारे होते हैं क्या बुरा नहीं लगता सड़क पर गाड़ी लेकर निकलता हूं ये सोचके भी कि तो वहाँ पर जटका मीट और हलाल मीट और अब तो कम होता है वैसे अभी भी है छोटे �
00:42अब ये मुझे पता है और मुझे ये भी पता है कि संस्था आप लोगों तक पहुँचेने के लिए फेस्बुक का भी इस्तेमाल करती है इंस्टाग्राम का भी करती है आदर्श इस्थिति तो ये होती कि मैं कहता बंद करो पर नहीं कर सकता उसका अफसोस रहता है उसी अ�
01:12अगर दुनिया को अपने उपर इतना हावी होने दिया कि तुम भी दुनिया ही जैसे हो गए तो तुम्हारी देने की काबिलियत ही खतम हो जाएगी तो उतना सा अपने आपको बचा के रखो बाकी और कुछ
Be the first to comment