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  • 16 minutes ago

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00:00तास बहु का जगड़ा इसलिए होता है क्योंकि न मा के पास कुछ है न पत्नी के पास कुछ है दोरों के पास एक ही चीज है इस पुरुष को कौन कंट्रोल करके रख सकता है उम्हें गाना सुन रहा था बेटा बेटा नाकर सासू अब तेरा बेटा मेरा है ससुर को नहीं बो
00:30मा भी एकदम कुछ नहीं जानती, तो मा की भी दुनियादारी तभी तक चल रही है, जब तक उसने बेटे को अपनी मुठी में रखा हुआ है, उसका डर समझो ना, उसके बास कुछ नहीं है जिन्दगी में, तो क्या करें बिचारी, ना माओं को शौक है बहूं से लड़ने क
01:00साज बहू को होते हैं, वहाँ सामने देखती हैं फिर ऐसे देखती हैं, और डोनों यह दूसरे को ऐसे ही कर रहे हैं, और सीरियल खतम होने दे पहले ही जोटा उखाड लेगे, तास बहू का जगडा इसलिए होता है, क्योंकि दोनों एक ही एसेट के लिए, एक ही रिसोर्स क
01:30बेटा, यह बेटा एकदम नाकाबिल होता, तो साज बहू की लड़ाई नहीं होती, यह बेटा कमाता है, इसलिए होती है, इस बेटे के हाथ में ताकत है, इसलिए होती है, इस बेटे के हाथ में ताकत है, और हमारी पारिवारिक व्यवस्था, परिभाशा से ही ऐसी है कि न
02:00चाहते हैं उससे जिसके पास कुछ है, किसके पास है, वो जो घर का मर्द है, जो बेटा है, मा का बेटा, दोनों उससे चिपकना चाहते हैं, पत्नी उस पर अपना वर्चस हो रखना चाहती है, पत्नी खुद कुछ नहीं कमाती हो, तो वो ये सब तीर तिकडम नहीं चलाएग
02:30पत्नी के पास कुछ है दोनों के पास एक ही चीज है इस पुरुष को कौन कंट्रोल करके रख सकता है जो कंट्रोल करके रखेगा उसकी चांदी है तो दोनों लगी रहती है अपने अपने तरीके से पुरुष को पकड़ने में और इस बात में नहित नर्क को पहचानने की ज�
03:00बेटा बेटा ना कर सासू, अब तेरा बेटा मेरा है, वो शादी में नाच रही है, शादी में बोल रही है, उसको बेटा बेटा मत करो, वो मेरा है, ससुर को नहीं बोल रही है, तास कोई बोलेगी है,
03:21यह पूरा मामला है यह आर्थिक है
03:27इसके पीछे अर्थ की और सत्ता की लड़ाई है
03:31और वो लड़ाई इसलिए क्योंकि तुमने दो ऐसे इंसान खड़े कर दिये हैं
03:37जो दोनों ही सत्ताहीन दुर्बल
03:40जो दुर्बल होगा वो और क्या करेगा
03:51आरी बात समझे यह सब दुर्बलता जनित बीमारियां है
03:57और जिनको यह नहीं चाहिए वो अपने घरों में दुर्बलता को ना पलने दे
04:04मैंने सौ बार बोलाए तुम जिसको गुलाम बनाओगे वो तुम्हे अपना गुलाम बनाएगा
04:07तुम अपनी पत्नी को कमजोर रखोगे पत्नी तुम्हारा जीवन नर्क कर देगी
04:12क्योंकि अब वो कमजोर है तो तुम से चिपकेगी
04:17जो कमजोर हो जाता है और क्या करेगा उसके पास अब चारा क्या है
04:24वो तरीके तरीके से तुम से चिपकेगा तुमको अपने काबू में रखना चाहेगा
04:31कहा ना उसको तुमने गुलाम बनाया वो अपने तरीके से तुमको गुलाम बनाएगी और गुलाम बनाना उसकी मजबूरी है
04:37क्योंकि वो खुद कुछ नहीं कर सकती
04:38तुमने उसको इस लायक नहीं छोड़ाए
04:40कि वो बाहर निकल के 10 रुपए भी कमा सके
04:42तो अपनी जीवी को पारजन के लिए
04:46फिर उसके लिए जरूरी हो जाता है कि पती को
04:48वो अपने उठे के नीचे रखे
04:49और यही हालत मा की होती है
04:51मा भी एकदम कुछ नहीं जानती
04:54तो मा की भी दुनियादारी तभी तक चल रही है
04:57जब तक उसने बेटे को अपनी मुठी में रखा हुआ है
05:00अब मा भी रखना चाहती है
05:01पत्नी भी रखना चाहती है
05:02दोनों मजबूर है रखने के लिए क्योंकि दोनों ही दुर्बल है मा भी और पत्नी भी
05:07तो इन दोनों की फिर क्लासिकल लड़ाई होती है
05:10जिस पर इतने चुटकुले बने हुए है और जिसको हम कहते हाँ हाँ
05:15अरे यही तो ग्रहस्ती का मसाला है न इसी में तो रस है
05:32एक तरव से मा खीच रही एक तरव से बीवी खीच रही है पिस बेचारा पुरुष जाता है
05:37और आप पूछ रहे हैं दोश क्या है दोश यह है कि आपने पहचाना नहीं कि आप किस विवस्था में भागिदार हो रहे हो
05:47वो विवस्था ठीक है आपने नहीं शुरू करी पर आप भागिदार तो हो रहे हो न अब क्यों इसी विवस्था में भागिदार हो रहे हो
05:56जहां औरते घर में बस दुरबल पशुओं की तरह होती है
06:00अधिक सदिक खाना बना देंगी सफाई कर देंगी इतनी उनका काम होता है और अगर पत्नी है तो बच्चे प्यादा गर देगी यही उसका काम है
06:09आप इस विवस्था में क्यों सहभागी हुए आप सहभागी हुए इसी का आपको दंड मिल रहा है
06:15जो भी कोई जाने अंजाने इस विवस्था में सचिदार बनेगा उसे इस विवस्था का फिर दंड भी जहलना पड़ेगा
06:25बहुत खुश होते हो ना हम कैंपस में थे इतने बड़े कैंपसे में भारत के मैंने पढ़ाई करी पर उसके बाद भी हमारे साथ थे लड़के
06:45मुझे बहुत चलाएगी मुझे तो बस बीए वुए कर रखा अपना थोड़ा बहुत बहुत मैंने क्यों
06:57आई एटी करी है कमाने वाला काम मेरा है घर में मेरा मूड अच्छा रखे मुझे बहुत इंटेलेक्शुल वाइफ वगरा नहीं चाहिए
07:09ठीक है कर लो ऐसा अब आज उनकी दुरगती देखता हूँ
07:16दिखा ली न चाला की कि डिपेंडेंट वाइफ चाहिए डिपेंडेंट वाइफ लाओगे वो तुम्हें पकड़ के रखेगी
07:31उसका डर समझो ना उसके पास कुछ नहीं है जिन्दगी में तो क्या करें बिचारी
07:37कोई बिल्कुल दुरबल होता है तो बहुत एग्रिसिव हो जाता है
07:45आपके पास जीने का खाने पीने का एक ही सहारा बचे
07:50तो आप कैसे हो जाओगे
07:53पर आपको बड़ा अच्छा लगता है देखा ना ये मेरी लंबी उम्र के लिए कितने वृत रखती है
08:00वो इसी लिए रखती है कि तुम मर गए तो उस अड़क पे आ जाएगी
08:04कमाती खाती होती तो नहीं रखती
08:08चीन में ऐसा आता है उल लेक मिस्र में भी आता है
08:14कि राणियों को कर दिया जाता था कि ये मरेगा राजा अगर तो इसके साथ तुम भी दफन कर दी जाओगी
08:19और वो इतना फिर प्यार देती थी थी राजा को
08:22इतना प्यार देती थी राजा को लगता था प्यार मिल रहा है प्यार नहीं मिल रहा है
08:27उनको तुम पर आश्रित बना दिया गया, डिपेंडेंट बना दिया गया, बोल दिया गया कि यह मर गया, तुछ भी करके कोशिश करती थी उसको जिन्दा रखने की, यह है तुम्हारे व्रत उपवास की हकीकत
08:38और यही वज़ए है कि पते नहीं पत्नियों के लिए उपवास रखते, पत्नी मर जाये तो क्या हो गया, पत्त जाके दूसरी बेहाल आते हैं
08:47अच्छा संबंध, स्वस्थ संबंध, दो आजाद लोगों के पीछी हो सकता है
09:01डिपेंडेंट वाइफ, चाहे डिपेंडेंट हस्बेंट, नियूरोसिस पैदा होगा बस
09:10हर समय घर में भूचाल चलते रहेंगे, और वातावरण बेहद बीमार रहेगा
09:17किसी को अपने ऊपर आश्रित्मत होने देना, ये प्यार नहीं होता है
09:23मुझे में प्यार इतना है, मैं चालिस साल से उसका बोज ढोरा हूँ
09:27ये प्यार है, ये हिंसा है
09:29वो भी एक वैस्क है, अडल्ट है, वो अपने पैरों पर खड़ी हो सकती थी, अपने पंकों से उड़ सकती थी
09:36तुमने उसके पंक कतर दिये
09:37और अब तुम हैसान बता रहे हो कि मैं इतना प्यार करता हूँ कि मैं उसको अपनी पीट पर ढोरा हूँ
09:42जैसे तुम किसी को लाश बना दो और फिर लाश को ढोते फिरो और एहसान बताओ
09:47कि देखा मैं इसको इतना ढोरा हूँ, उसको लाश भी तुम ही ने बनाया, इसलिए ढोना पड़ रहा है
09:52उसको लाश बनाया क्यों, ये बताओ, उसको जिन्दगी क्यों नहीं दी
09:55प्रेम जिससे करते हैं उसको जीवन दिया जाता है ना उसके पंक नहीं कतरे जाते
10:02उसको लाश नहीं बनाया जाता, उसको आकाश दिया जाता है
10:08उसको सदा के लिए अपने सहारे पर आश्रित नहीं कर दिया जाता
10:13ना माओं को शौक है बहूं से लड़ने का
10:20ना बहूं को कुट्टे ने काटा है कि वो सासों से जाकर के लड़ती रहें
10:25ये उन दोनों की पराधिंता का सूचक है ये उन दोनों की बेबसी का सूचक है
10:30जितने तरीके से हो सके तुम्हारे घर में तुम्हारी जिन्दगी में जो लोग हो उनको सशक्त बनाओ
10:52मारे गए गुपता जी गुलफाम बताओ क्यों गाड़ी घर में रखे थे पात साल से बीवी को चलानी नहीं सिखाई
11:00दिल का दोरा पड़ा एंबुलेंस नहीं आई और बीवी को गाड़ी चलानी आती नहीं घर में गाड़ी है तो बीवी को भी सिखादो चलाना डरो मत बड़ा डर लगता है पता नहीं ससुरी गाड़ी लेकर किधर निकल जाए आज कल की तरिया चरत्त का कोई भरोसा नहीं है �
11:30दोनों को जीवन में कुछ सार्थक दीजिये करने के लिए जो उनको लड़ाई जगड़े सर फुटाउवल से ज्यादा रस देता हो फिर उनी लड़ेंगी
11:55आम तोर पर महिलाओं के जीवने वैसा भी कुछ नहीं होता कमाना धमाना भी नहीं होता और कला साहित ते आदिक एक शेतर में भी उनका कोई दखल नहीं होता कोई मौजूदी नहीं होती
12:08क्रिकेट भी नहीं देखती हैं बहुत सारी तो महिलाएं उत्तर भारत में खास करके उन्हें वो भी नहीं समझ में आता
12:13कजानी काकरत रहता गल्ली डंड़ेट गेंदाई मार दिनों का लट से
12:17चाठे मन से रुआ होके पीछे दावड़त लागा
12:21उन्हें क्रिकेट भी नहीं ठीक से समझ में आता
12:25तो और क्या करेंगी एक ही मन रंजन है
12:28तो तो सास को मस पसंद है कुछ देखना टेनिस देखना पसंद है
12:45लंबा मैच चल रहा है बढ़िया चार घंटे वाला और बहु पद्रव काट रही है
12:49सास मैच छोड़ेगी कभी यह करती रहे जागा बावरी
12:54यह यह समारी यह बाब
12:57ऐसी माएं चाहिए सत्तर की उमर में हो खुश हो रही है
13:02भाई जो भी हो नाडाल की बॉड़ी मस्त है
13:06ऐसी माँ चाहिए
13:09यह यह समारता है
13:11और फेडरर की सिंगल हैंडड बैक हैंड स्लाइस आहा
13:16अब बहु बैठके अनियन की स्लाइस कर रही है
13:21और आखों से आसू बखा रही है कह रही है यह ससुरी
13:24सास को फर्क ही नहीं पड़ रहा
13:26वो टेनिस की स्लाइस देख रही है
13:29जिन्दगी में कुछ अच्छा उंचा आ जाए
13:34अर्थपूर्ण हो जो सोदेश्य हो जो
13:36तो फिर लड़ाई जगड़े में कौन पढ़ना चाहता है
13:38यह लांग लेस्टन फिर कौन करेगा कोई नहीं
13:42हम खुद ही आने नहीं देते हैं महिलाओं के जीवन में ऐसा कुछ
13:55नहीं आने देते हैं अधिक सदी को क्या करती हैं टीवी में देखती हैं
13:58वो सीरियल भी सास बहू क्या होते हैं
14:01वहां सामने देखती हैं फिर ऐसे देखती हैं
14:06और दोनों एक दूसरे को ऐसे ही कर रही है
14:10और सीरेल खतम होने थे पहले ही बाल नुचने शुरू
14:14तो जोटा आओ खाड़ लेब
14:20साहित में कोई रुची नहीं
14:36आप बैठ करके पढ़ रहे हैं कोई किताब और उसमें डूब गए है
14:39कोई आके आपको उकसाई भी लड़ने के लिए
14:41तो क्या आप उत्यजित हो जाओगे लड़ने लगोगे नहीं
14:45आप कहो गया यहां शूर बहुत हो रहा है
14:46मैं बाहर गई जाके पढ़ लेती हूँ
14:48उन्हें किताबे भी नहीं पढ़नी
14:50क्योंकि पुरुष ने उन्हें आज तक किताबों कोई तोफ़ा भी नहीं दिया
14:52फिर अब क्या करोगी तुम पढ़ लिख के
14:56नकल करके बीए हो गया था न
14:58मैं तो डिग्री भी इसलिए थे कि बया हो जाए
15:03बया हो गया क्या करोगी एक किताब अटाओ
15:06चलो इधर आओ इधर आओ इधर आओ इधर आओ हाँ
15:10लाइट बंद कर दो दर्वाजा बंद कर दो इधर आओ किताब उधर रग दो
15:12इताब उधर रगदो, लाइट बंद करदो, दर्वाजा बंद करदो, विस्तर पर आ जाओ, अब तुम उसको पूरा जानवर ही बना दोगे, तो फिर वो बरताओ भी जानवरों जैसा ही तो करेगी न, कुछ महनत करो, कुछ इन्वेस्टमेंट करो, पढ़ाओ, लिखाओ, त
15:42बहुत सारे परवारों में तो पत्नी की आदी बस तभी आती है, दिन भर का काम सामने पढ़ गया है, सब हो गया है, बढ़ी आ है, आजाओ, इधर आजाओ, लाइट बंद करदो, दर्वाजा बंद करदो,
15:57मैं नहीं कहा रहा हूँ, आप के हाँ यह हो रहा है, मैं हमारे देश की विशेशकर उत्तर भारत की कहानी बयान कर रहा हूँ, विशेशकर जो हमारा मध्यमवर्ग है,
16:11इतनी हीन भावना भरी होती है पतियों में, जान बूझ करके पत्नियों को एकदम अशिक्षित गवार रखते है, कि कुछ सीख गई, कुछ जान गई, तो कहीं हाथ से निकल जाए, अब यह हाथ से निकलने का मतलब क्या होता है, सौझ में नहीं आता, हाथ में कैसे रहती है
16:41लड़की, यह हाथ कैसे, कहा थी, हाथ में क्या थे, कहा था, पूरी हमारी संस्कृत ही इसी पराधारित है कि लड़की हाथ से नहीं निकलने चाहिए, वो हाथ से नहीं निकलेगी, तो फिर गुलाम, पशु, गवार की तरह रहेगी, और तुम्हारी जिंदगी नर्क भी ब
17:11हाथ से निकल जाए लड़की, यह दुकाने इतनी देर रात तक क्यों खड़ी रहती है, जिला प्रशासन से बोलके दुकाने जल्दी बंद कर आओ, क्यों, लड़की हाथ से निकल रही है, यह कोचिंग वाले बैच, शाम को क्यों चलते हैं, शाम को नहीं चलनी चाहिए को�
17:41इस बात की हमको inferiority है, यह कौन सा complex है, बड़ा डर लगा रहता है कि कहीं लड़की, बहन, पत्नी हाथ से निकल जाए, इनसान है, और भी और भयानक बदला लेती है, बहुत भयानक बदला लेती है,
18:07वो कोई मुक्त पुरोष, सिद्ध पुरोष नहीं है, वो भी इनसान है, आप उसको जो चोट देते हो, वो तो दिखाई देती है बाहर से, और अजब बदला लेती है और चोट देती है ना, तो पता नहीं चलता, छाती चलनी हो जाएगी, हो रही होगी, और लेगी बदला
18:37वो बदला क्यों नहीं ले, बहुत भारी बदला लेती है, वो तुमको नहीं मार सकती, तो तुम्हारे सामने तुम्हारे बच्चे को पीटेगी, तुम अपने बच्चे को छुडा लोगे, तो तुम्हारे सामने खुद को पीटेगी, उसके तरीके दूसरे होते हैं,
18:59एम लेकिन प्रयत्न भी कर रहे है किसमें कई सालों से साधी से जाधी सिछ साल के
19:10बारी तुरन्सिए कि आप खुछ करिये है कुछ पढ़िये कुछ लिख्यी पुछ भी इसमें भी मन हो डो तीन बार मैंने Auckland with
19:21मैंने खुछ से उनको जॉब दून के दिया है लेकिन उनकी कोई इच्छा नहीं हो रही है कि मैं जॉब करूँ मैं यह करूँ प्यादो रिष्टाई नहीं रखूंगा
19:30या तो आजाद इनसान की तरह मेरे साथ रहो ऐसे तुम आश्रित हो करके चिपक करके जीओगी तो मुझे रिष्टाई नहीं रखना है
19:43भाई उसके उपर भी तो हजारों सालों की परंपरा, रीत रिवाज, कुपरथाएं हावी है ना
19:52वो भी ऐसा थोड़ी है कि वो आजाद होने के लिए छट पटा रही है
19:59उसको भी यही बताया गया है कि कुछ नहीं करना लाइफ में मरद को मुठी में रखवस
20:05तो कहती काई के लिए महनत करूँ
20:08धूप में निकला न करो
20:10रूप की रानी गुरा रंग काला न पढ़ जाए
20:12बाहर जाके महनत काई के लिए करनी है
20:13husband को मुठी में रखो
20:15उसकी सारी salary अपनी है
20:17काई के लिए महनत करे वो
20:19तो आपको बहुत मेहनत करनी पड़ेगी उसके भीतर जो इस तरीके के संस्कार भरे हों उन संस्कारों को काटने के लिए
20:27और इस हद तक मेहनत करनी पड़ेगी कि श prett रख दीजीए
20:30कि अगर तुझे घर में इसी तरीके से रहना है तो फिर मेरे साथ नहीं रह सकती
20:49झाल
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