Skip to playerSkip to main content
🧔🏻‍♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:
https://acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00021

📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?cmId=m00021
➖➖➖➖➖➖
पूरा वीडियो : अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का दोहन? || आचार्य प्रशांत (2024)
➖➖➖➖➖➖
#acharyaprashant
#JeevanKiRaahein
#LifeChangingWisdom
#MindOpeningTruth
#RealityCheck

Category

📚
Learning
Transcript
00:00आपको एक बताता हूं महताब
00:01पहले जब मैं खेला करता था
00:03आज से साल दो साल पहले भी
00:05तो मैं स्कोर गिनता था
00:06अभी मैंने हाल में शुरू करा है कि मैं स्कोर नहीं गिनता
00:09मैं सेशन गिनता हूं
00:11यह कहता हूं हर सेट के साथ
00:13या हर पॉइंट के साथ
00:14उन सत्रों की संख्या बढ़ रही है
00:17जो मैं अब जीते जी ले पाऊंगा
00:18मैंने एक घंटा खेल लिया
00:20शायद मैंने अपनी जिंदगी
00:22एक सत्र के लिए और बचा ली
00:24नहीं तो खेलना भी गुना है न
00:26दुनिया में आग लगी हुई है
00:29चिला चिला के मर रहे हैं सब जानवर
00:32वहाँ आप खेल रहे हैं
00:35इससे बड़ा क्या आप राध हो सकता है बताओ
00:37मैंने कर दो मैं स्कोर नहीं गिन रहा हूँ
00:40यह सेशन है मैं एक और ले पाऊंगा
00:42एक घंटा खेल लिया तो जिंदगी बच जाएगी
00:45एक सेशन और ले पाऊंगा
00:46हो सकता मैं अपने आपको फुसला रहा हूँ
00:48पर इतनी खराब हालत हो गई है ना
00:52दुनिया की यह नर्क ही है
00:54कि यहाँ जिधर देखो वहाँ बस दुखी दुख है
00:56जिस इनसान में थोड़ी भी जागरती है
01:00वो जैसे इस दुनिया को देखेगा
01:02वैसे वैसे बिलकुल पगलाता जाएगा
01:05यह यह दुनिया है यह जीने की जगए है
01:08यहाँ क्यों जीएं
01:09पर जीना है
01:10दुनिया में आग लगी हुई है तो आग बुझाने के लिए जीना है
Be the first to comment
Add your comment

Recommended