00:00नमस्ते आचारी जी, मेरा नाम तन्वी है, मेरा प्रश्ण ये है कि जैसे बहुत सारे इंस्ट्रुमेंट है जो बक्रियों के मास से बनते हैं, जैसे तबला हो गया और भी बहुत सारे हैं, तो इसमें भी तो एनमल ग्रुयालिटी होती है, तो इसमें हम कैसे…
00:23और वह तो आपकी संसिटिविटी के उपर है, जैसे जैसे आपकी समझ भड़ती है, वैसे वैसे ही आपकी समवेधन शीलता भी बढ़ती है, और एक बिंदो ऐसा भी आ जाता है, जब आपको पता है कि आप जिस पर थाप दे रहे हों किसी की खाल है, तो यह आपसे हो नहीं, �
00:53हो पर उस टेकनोलोजी को नहीं लगा रहे हैं due to the lack of our own will and our own sensitivity and compassion
Be the first to comment