गुजरात का ऐसा गांव...जहां न पान मिलता है, न पान मसाला मिलता है, न सिगरेट मिलती है. यहां की दुकानों पर ये सब कुछ बेचना 25 साल से बैन है. साल 2000 में एक नौजवान की मौत ने इनकी आंखे खोल दी. मेहसाणा के वडनगर के बदरपुर के लोगों ने नशा छोड़ दिया. पूरे गांव को नशा मुक्त बनाने का फैसला छोटा नहीं था. ग्राम पंचायत ने तंबाकू बैन का प्रस्ताव पास किया. जिससे फिर किसी की नशे से जान नहीं जाए.जिसके बाद तय हुआ कि कोई नियम का उल्लंघन करते पाया गया तो जुर्माना लगाया जाएगा.गांव वालों ने फैसले का साथ दिया आज तक इस गांव के किसी भी शख्स ने नशे को हाथ नहीं लगाया.एक तरफ जहां सरकारे नशे के खिलाफ विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च करती हैं. गुजरात का ये गांव नशा मुक्ति की मिसाल बना हुआ है.
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