उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का मिरगपुर गांव 600 साल से नशा मुक्ति की अलख जागाए हुए हैं. इस काम के लिए गांव का नाम गिनीज बुक में दर्ज हो चुका है.यहां के लोग बीड़ी, सिगरेट तंबाकू सहित 36 तामसिक चीजों से कोसो दूर हैं.सरकार ने भी मिरगपुर गांव को नशा मुक्त गांव का सर्टिफिकेट भी दिया है. गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि बाबा फकीर दास ने नशा मुक्ति का प्रण लिया था. आज भी ये प्रण कायम हैं. इस गांव की खास बात ये है कि..यहां दुकानों पर नशे का सामान नहीं मिलता.गांव में हमें एक बुजुर्ग महिला मिली. जिन्होंने बताया कि शादी हुए 75 साल हो गए और आज तक लहसून प्यान नहीं छूआ. गांव के युवा भी गांव के नशा मुक्ति के प्रण का पालन करते हैं.भले ही वो बड़े शहरों में नौकरी करने जाएं. लेकिन नशे को हाथ नहीं लगाते.
00:00उत्तर प्रदेश के सहारनपूर का मिरगपूर गाउं पिछले 600 सालों से नशामुक्ती की अलग जगाए हुए है और इस काम के लिए गाउं का नाम गिनिजबुक में दर्ज हो चुका है
00:15इहां के लोग बेड़ी, सिगरेट, तमबाकू समेथ 36 तामसिक चीजों से कोसों दूर हैं सरकार ने भी मिरगपूर गाउं को नशामुक्त गाउं का सर्टिफिकेट दे दिया है गाउं के बुजुर्ग बताते हैं कि बाबा फकीर दास ने नशामुक्ती का प्रण लिया था �
00:45इस गाउं की खास बात यह है कि यहां दुकानों पर नशे का सामान नहीं मिलता
01:01गाउं में हमें एक बुजुर्ग महला मिली जिन्होंने बताया कि उनकी शादी के
01:1575 साल हो गए और आज तक लेसुन पिया चुआ तक नहीं
01:19गाउं के युबा भी गाउं की नशामुक्ती के प्रण का पालन करते हैं भले ही वो बड़े शहरों में नौकरी करने जाएं लेकिन नशे को हाथ तक नहीं लगाते
01:37इस गाउं के नशामुक्ती कास भारत सरकार और राजे सरकार के तरफ से सर्ट्रिपिकेट वी दिया गया और नीच बूक ओफ वर्ड में भी इसका नाम दर्ज कर लिया गया है
Be the first to comment