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धर्मेंद्र, राज कपूर के किस्से, खुद के करियर और निजी जिंदगी के राज, शत्रुघ्न सिन्हा ने आजतक पर सब किया बयां
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00:00नमश्कार, आवाज खामोश को कैसे आप कहेंगे? खामोश कैसे होगा? ओडियन्स का रिस्पॉंस तो कुछ होना चाहिए, सरस्क्राइब. ओडियन्स तो पहले सही है, खामोश. यह तो खामोश है यह लोग. अच्छा लगा, बहुत अच्छा लगा. अगर आपकी शुरुव
00:30तो शुरुवात कर सकता हूँ यह कहते हुए, कि लम्हे लम्हे की सियासत में नजर रखते हैं, हम से दीवाने भी दुनिया की खबर रखते हैं. इतने नादा भी नहीं हम कि भटक कर रह जाएं. कोई मन्जिल ना सही राह गुजर रखते हैं.
00:51बार ही डाले जो बेमौत ये दुनिया वो है, हम जो जिन्दा है तो जीने का हुनर रखते हैं. इस कदर हम से तगाफल भी ना बरतो साहिब.
01:05एक बिहारी सब पर भारी और आपके सामने दो बिहारी हैं
01:34बिलकुल श्वेता और हम दोनों बिहार से हैं सेम कॉलेज और सेम स्कूल में पढ़े हैं और आप हमारे लिए बहुत ही प्राउड बिहारी जुन्हों ने हमेशा बिहारी बाबू बन करके हिंदुस्तान की सियासत में भी अपनी पहचान बनाई और बॉलिवुड में तो आप
02:04प्रीडेट करता है लोग जब अपनी क्षेत्रिय पहचान को छुपाया करते थे पर शत्रुण सिना नहीं आप हमेशा वही बागल वही रिबेलियन जो आपकी आखों में उस सिनमा के परदे पर दिखता था वही इरादा लेकर शत्रुण सिना निकले थे पटना से इसको थ
02:34किंग आफ सक्सेस वो जिनका अभी निदन हुआ हमारे बड़े भाई समान मित्र धरमेंद्र जिनको आज हम श्रदा के सुमन अर्पित करते हैं और वो जब फिल्मों में आए पंजाब के गाउं से सानिवाल गाउं से मैं उनके गाउं भी गया था उनके घर भी गया था दे
03:04बगएर किसी जान पहचान के बगएर किसी जुगार के सोर्स के वो आँ आते हैं मुंबई में और फिल्म फिल्म टैलेंट कॉंटेस्ट में उनको जब भेजा जाता है कि फर्स क्लास में आप आएं और आपका सब खर्चा और चाह हम बेर करेंगे दर के मारे वो थर्ड क्ला
03:34हो स्ट्रगल करने की इतनी जबरदफ मन्शा और तमन्ना लेकर जवाया हो और उसको ये कहके रिजट कर दिया गया हो पहली बार में कि हमें फुटबॉलर की ज़रूरत नहीं है हमें हीरो चाहिए हीरो उनका बिल्ड वैसा था इसलिए पिर उनको कहा कि अब तुम तो फुट�
04:04हैंसम हैंसम मैं विथ हैंसम डीड वो धर्मंदर जिनको एक जमाने में एक साल उनको दुनिया के दस सबसे हैंसम लोगों में से माना गया उनको फुटबॉलर कहके निकाल दिया गया बिगनी में अलाकर फुटबॉलर होना बहुत फखर की बात है कोई शर्म की बात नहीं ल
04:34कि सही मैनों में
04:36ड्रीम गल जिसे भी कहा जाता हो
04:39और सही कहा जाता है
04:41लेकि सही मैने में
04:43ही मैन जो बने
04:45वो धरम जी बने
04:47और ही मैन के साथ साथ
04:49गर उनको ड्रीम मैन कहा जाए
04:51तो घलत नहीं होगा
04:53कि हर आत्मी का यही सोच थी
04:55हमारी बेही सोच थी
04:57कि जब धरम जी बन गए है हैं, यहां पे तो मुझे भी कोशिश करनी चाहिए
05:03मेरे भी खानदान में दूर दराज के रिष्टदार का साया भी नहीं कोई फिल्मों में
05:08मेरे भी जैसा मारिया ने कहा, सियासत में, पॉलिटिक्स में
05:12दूर दराज के रिष्टदार का साया भी नहीं पॉलिटिक्स में
05:16कोई एमेले नहीं
05:18कोई कांसलर नहीं
05:20पार्शब नहीं
05:21कुछ नहीं हो फिल्म में कोई मुजिट डिरेक्टर नहीं
05:24कोई डिरेक्टर नहीं
05:24कोई जूनियर आटिस भी नहीं
05:25खानदान में
05:27उस खांदान में जहां सब भाईों के आगे, चार भाई हम राम, लखन, भरत, शत्रुगन, तीन भाईों के आगे डॉक्टरेट का खिताब लगा, डॉक्टर राम सिना, डॉक्टर लखन सिना, डॉक्टर भरत सिना, अब मैं तो कंपॉंटर बने लाइक नहीं था, बड़ी को
05:57होगा, पाई कर गया, वहाँ पहली बार सेलेक्शन हो गया, लेकिं सेलेक्शन होने के बाद, ये तो डर लगा रहा, कि आगे क्या करूंगा मैं, आगे कैसे तो एक नाम आता था, धर्मिंद्र का, कि धरम जी जो हैं, वो कर सकते हैं, तो उन्होंने युआ पीडी को यंगर �
06:27टैलेंट है, कॉंफिडेंस है, कंविक्शन है, डिडिकेशन है, डिवोशन है, तो शायद यह शायद नहीं, यकिनन मनजिल हासिल होगी, तो सच में हेल्प किया करते थे धरम जी, जो कहा जो गुड़ी फिल्म में भी दिखाते हैं ना, कि वो मतलब हालें की फिल्म की पढ�
06:57राजकपूर बहुत सीनियर थे, आज तक उनके अलावा मैं किसी और को शोमेन मानता ही नहीं हो, हलाकि वो सुभाज गई, बहुत अच्छे डिरेक्टर, बहुत अच्छे मेरे फैमिली फ्रेंड है, उनके बाद कोई अगर शोमेन हुआ तो हमारे अपने सुभाज गई हु�
07:27मारिया, आपको बता हूँ, मेरे किताब में एनीफिंग बड़ खामोश जो मेरी बायोग्राफी है, उसमें उसका जिकर भी है, मैं अफ्टी आई आई में था शोयता, तो पहली बार मैंने धरमंदर जी को ही देखा था, और धरम जी वहां आय थे, एक और महान कलाकार थे, �
07:57और आयतों में देखके गदगद रहो गया है, एक दम मंतर मुग्द हो गया कि, धरमंदर इतना खुबसूरत गोरा चिट्टा घने बाल उनके, और देखके, और मैंने का मैं बहार का हूँ, पटना का हूँ, किसी तरह नजदीक पहुँचो इनके, और किसी तरह कुछ बात क
08:27कि अधर मैं धरम जी से क्या कहाया पहले पहले तूं को देखते ही अधर नजदीक पहुच गया, तो मैंने कtså कुछ भोलना चाहिए, क्या बूलूँ तो मैंने का धरम जी सर-सर- आप बालों में कॉन सा तील लगाते हैं ।। उन्होंने मुझको यूँ देख़ा, उन्हों क
08:57पहुँचा उनके पास, धक्नुम धुक्की में स्टूरेंट्स लोग छात्र लोग इतनी भीर लगाए वे थे, वहां फिर पहुँचा, फिर पहुँचके मैं तीर मारी दिया, तीर मैंने निकाल दिया और मैंने कहा कि धरम जी, आप मुंबई में बॉंबे, बॉंबे में रेस
09:27भी कहा, नहीं, ये बाते मैं धरम जी को याद दिलाता था, धरम जी के साथ जब मैं काम करने लगा, बहुत सारी फिल्म में काम के, हम तो बहुत अंतरंग होगे उनके, मेरा साहबा के था, कि धरम जी का बहुत प्यार मिलता था, बहुत साथ मिलता था, हम लोगों कई लोग
09:57के साथ बैठता रहे फिल्मों में और कई बार कहता थे धरम जी मुझको अपने आपको बिहार में कहते हैं च्छी कोटी चूटी कार्टी पड़ी मुझे कि मुझे यकीन नहीं आ रहा है कि मैं वाकी आपके साथ काम कर रहा हूं आपके साथ बैठा हूँ ऐसा होता था यह मैं �
10:27इस अपनी बेनूरी पे रोती है बड़ी मुझकिल से होता है चमन में दीदा वर पैदा ऐसे धर्वंद्रभ एक सवाल हमेशा यह रहेगा कि आपने भी जो शुरुवात की आपका जो करियर रहा है काफी सालों का आप कभी टाइप कास्ट नहीं हो पाए आप विलिन से शु
10:57पाला हीरो जो देखा फिल्म इंडस्ट्री ने क्योंकि आपने धर्मेंद्र जी की लुक्स पर काफी बात की है उनको पस्नालिटी टोटैल्टी संपुर्ण व्यक्तित तो उनका बड़ा जबदत था बहुत काइन थे बहुत अच्छे हुमन बिंग थे अच्छे कलाकार तो
11:27आदमी हर घर के हर मिडल क्लास के लिए उनके दुआई नहीं करता था उनको याद करता था उनसे आइड़िटिफाई करता था अपने आपको धर्मेंद्र चाहे उनकी यो भी हर करते हो यानि जो लोग बातें करते थे सुनी सुनाई खबरें आती थी उनके रोमांस की और क�
11:57पकड़ा बनाई गृप ऐसी रही उनकी कि नहीं सुना है कि आज तक के एक बार जाते आप टाइटल एक बार किसी स्टीडियम में मैं जब बोल रहा था तो मैं बोलते बोलते कुछ ज़्यादा बोल गया हो सकता है और मैंने कह दिया और धर्म जी बाद में मैंने कोई भाश
12:27कि तो साफ कहता हूँ ना हिंदी हूँ ना उर्दू हूँ ना हिंदू हूँ ना मुस्लिम हूँ अब मैं इस पर एड़ कर दिया कला है जिंदगी मेरी कला का मैं पुझारी हूँ यहाँ इसके बाद एड़ कर दिया मैंने जो नहीं करना चाहिए था कला है जिंदगी मेरी कल
12:57के बाद सब लगाया किस आप देखिये आप हैं आप और एक कल का छोकरा ये बिहारी पटना सा आया हुआ ये कहता है मैं सब भारी हूं हलाकि मैंने शेर में तुगबंदी कर देती है वहां पर भुलाया फिर मैं एक होराइजन होटल वहां गए बहुत गुस्ता आया ने मेरे म
13:27गाली भी नहीं थे पर रहें धांट भी नहीं आइभ ठीक से मार भी नहीं मार सकते देघी थे माने मार सकते ते बड़े भाही थे लेकिन उतना उन को यह रा था यह तुने किस तर क्या क्यों क्याipों तू पारी है और मैंनू तू क्यं दा है अधर
13:57उन्होंने भी कहा फिर आके गले लगा दिया बात यहां खतम नहीं हुई बात यह खतम हुई कि रात के साड़े गया रहा बारे बज़े यह करीब हुआ होगा यह गटना बहुत पहले बीस पचीस साल पहले और उसके बाद नेक्स डे उससे मुबाइल तो था नहीं वह स्टू
14:27यह खाड़े ज़ए जड़े माफ कर दें अबसे बड़े आदमी वह हमसे छोटे भाई से कहरा है माफ कर दे अपना बहुत आपना लुद भूत वर्या बढ़े बढ़े इस्टार सा है मोस सक्सिस्फुल स्टार अगर आप हैं अभी तक सबसे जादा फिल्म में और सबसे जा
14:57तो पुलिटिकल पिछ की अगर बात करें धर्म जी एक बार चुनाओ लड़े और उसके बाद उन्होंने पॉलिटिक से एक्जिट किया शात्रुगन सिना अभी भी पुलिटिकल पिछ पे खेल रहे हैं इस मामले में होसा था कुछ लोगों को मैंने भी इंस्पार किया शायद
15:27सामाजिक जमेदारी के तहट रादनीत में आया मैं था और सबसे पहले भारती जन्ता पार्टी में कोई कलाकार आया तो मैं था सबसे ज़्यादा रादनीत में जो आज तक टिका रहा उतार चड़ाओ के बावजूद ए छटा टर्म है वो आज भी फिल्म इंडिस्ट्री मे
15:57सक्सेस्फुल के हैं बड़ इतना सारा इतना इतना लंबा रिकॉर्ड किसी का नईवा फिल्मों में इसके पहले बहुत महान कलाकार बहुत अच्छे इंसान थे सुनील दत साब उनका था वो उनसे भी ज़्यादा अभी हुआ चुक्कि दत साब हमारे बीच में है नहीं और
16:27फॉर्चुनेटली कैबिन मिनिस्टर आफ हेल्थ और फैमिली वेलफेर कैबिन मिनिस्टर आफ शिपिंग तो मैं इस पे आना चाहता हूँ कि आपने का धरम जी वो पॉलिटिक्स में आया और शायद कुछ लोगों के नजरों में उतने उनको रुची नहीं रही या छोड�
16:57अच्छा कहा उनको उनका भीहाद इस फिल्म से अच्छे अच्छे लोगों को लाते हैं उनको ब्रीफिंग नहीं दे ठीक से उनको ठीक से बताते नहीं आप से कभी उन्हों ने कंफाइड किया क्यों पॉलिटिक्स में मतलब एक चुनाओ के आगे वो नहीं रहना जाहे हाल
17:27हमारे अपने लोग हैं जो लोग लेकर आए मैं उनकी शिकायत नहीं कर रहा हूँ लेकि उनको मेरे वक्त में तो मुझे टीचर मिले मुझे बलाल के शरवानी जी ने अचल बिहारी वाजपई भारत के भुतपूर और अभुतपूर प्रधान मंत्री थे उन्होंने हमेरे ट
17:57बहुत ही बड़िया इंसान थे और भारती जन्ता पार्टी के अधर्च थे कहलाशपती मिश्रा जी स्वर्गिया कहलाशपती मिश्रा जी उनके हवाले किया गया है यहां से ट्रेनिंग मिली धीरे फिर हमें तो मेरे फ्रेंड फिलोसफर गाइड और गुरू अल्टिमेट �
18:27एकटी को मिलता रहा लेकिन यहां पे इन लोगो जो बेकर आते हैं और भी लाम नहीं लेंग लेकर आएं यह वे लिया है तो थो कि तो बताईए तो सही उसो उनको कहिए तो सही देश कब आज़ाद हुआ था झाल तो इतना तो बताईए ही उसा हुए अग्ये ज़ने शच �
18:57कुछ लोग कहते हैं लोग तंग हो कर गए
18:59कि एक बार आप ले आते हैं
19:02हेमा जी कितनी अच्छी हैं
19:05कितनी सीनियर हैं कितनी है अभी उनको भी
19:09मुझे लगता है जो अस्थान उनको हासल करना चाहिए था
19:12जो अस्थान मिलना चाहिए था
19:13वो अस्थान उनको नहीं मिला भी था
19:15उसमें थोड़ा हमारा भी कसूर होगा, थोड़ा उनका भी होगा, थोड़ा समाज का आने
19:20और थोड़ा सा पाटी के लोगों का भी होगा
19:22समालना चाहिए, समालना चाहिए, आपके पास आपके बहुरों से लोग आ रहे हैं, करना चाहिए, धर्म जी आये थे, धर्म जी को अपने बीका ने भेज दिया, बीका ने भेजा, वहां कितना तकड़े मारजन से जीत करा है, तो उनको बोलना चाहिए था, उनको थोड़ा सा
19:52भरा हुआ था, आज तक किस कारकर में निकालने का और कहने का मौखा मिला, थैंक यू फिल्म।
19:58आज एक तरह से, मतलब आपकी बातों के साथ, हम एक ऐसे ग्रेट नकेवल आक्टर वल्कि एक आदमी को याद कर रहे हैं, आप उनकी सबसे पसंदीदा फिल्म, मतलब आपकी कौन सी है, जिसमें आप धरम जी को मतलब देख के जूम उठते थे।
20:15बहुत सारी हैं, जब मैं स्कूल में था तो शायद देखी दी मैंने फिल्म बंदनी, वो बिमन राइजी की, बंदनी देखी थी, रिशिकेश मुकर जी की कमाल की थी, श्वेता आपने देखी होगी, फिर सर्तेकाम थी रिशिकेश मुकर जी की, एक फिल्म उनकी नहीं दे�
20:45टीवी पे आप लोगो पास देखता हूँ, कभी को शॉर्स देखता हूँ, चुपके चुपके, वो और हमारे दोस्तामिताब बच्चन दोनों थे उसमें, और वो घजब की फिल्म थी चुपके चुपके, शोले मैंने नहीं देखी है, दो एक फिल्म में जो है, मैं समझो �
21:15दीवार हमारे पास, हमारे लिखी गई थी, तो उसका यह नहीं मुझे बहुत खुशी है, कि वो किया, देश के एक महान कलाकार ने किया, नैशनल आइकॉन ने किया, मिताब बच्चन ने किया, और उसको इतना बड़ा प्लेटफॉर्म मेरा शोले से, अब मेरा दोस्त है, स
21:45खुले डेट्स चाहिए थे, मैं खुला दे नहीं सकता था, तो मैंने का, पश्याताब में ही हुआ, और सलीम जावेद मेरे बड़ा इच्छे दोस्तों खासका, सलीम साहब, सल्मान के वालिद साहब, बहुत ही अच्छे मेरे, कल परसों भी मेरे साथ थे वो, तो उनकी वज
22:15लेकिए, लेकिन और एक और फिम थी शक्ति, जो दिलिप साहब की और अमिताब की थी, वो भी नहीं देखी, वो सब्जेट मेरे पाथ था, शिवा जी गानेशन जो बहुत ग्रेट आर्टिस्त हैं, उन्हों हमें प्ले दिखाया था, चन्नाई में जो उस वक्त मदरास था,
22:45दोस्त, देखी थे, कभी कभी तो तो तारीफ कर दिया करो, अभी तो शुरुआत ही आपकी तारीफ से की, और मारिया एक और चीज मुझे लगती है ने, कि ये वो दोर था, जहां पर डायलोग में जान फूंक देते थे, ये अग्टर, चाहे हम धरम जी की बात कर रहे हैं,
23:15वो डायलोग हम लोग आज भी आम बातचीत में इस्तेमाल करते हैं, वो आज भी आप देखते होंगे, सोशल मीडिया पर मीम्स बनते हैं, आपकी कहिए डायलोग के, तो क्या वो शत्रुगन सिना, जो धरमेंद्र को आइडलाइज कर रहा था, वो कभी धीरे से चुपके से
23:45क्या क्या नहीं में उनको बोल जाता है, वो सो अफिक्शने टोर्स में, हम लोग इतनी अच्छी दोस्ती थी, तो छेड़ चाड में तो मैं उनको, और सेंस अफ यूमर के साथ चेड़ चाड में, और एक बहुत कम लोगों को शत पता होगा, कि धरम जी में, धरम जी का भी स
24:15अच्छी थी, बहुत, कि अफिक्शने की फिल्में साथ की, बहुत अच्छी दोस्ती रही, उनकी कोई फिल्म होती थी तो कि इस मेरा होना जरूरी है, और उनका अध्यादेश मानता था, तो तो डिरेक्टर को बोला जा था था कि काम करना है, यः प्रोड्यूसर को ये बो
24:45अच्छी उनके दोस्त ने बनाई थी, बल्दी उखोसा ने मिलके एक बड़ी सुपर हिट, जबर्दस फिल्म होई, और जिसके मज़के बहुत बेनिफिट भी मिला, पुत जट्टा दे, पुत जट्टा दे, पुत जट्टा दे, पंजाबी फिल्म थी, और उनके कहने बे �
25:15कभी कोई पिक्चेर आपके जान बचाने के काम भी आती है, मेरे जिन्दगी में ऐसी घटना कभी नहीं घटी, कि एक बार हमारी कोई फ्रेंड थी, जिनके खाना खाने निव और्क में गया था, और मैं रेडिसन होटल में कहीं ठारा हुआ था, निव और्क में, और वो कहे
25:45देती हूँ तुमको, यह जगर चले जाओ, वो है रेडिसन होटल, हमने कहा चला जाओंगा, उतर गया और मेरे ऐसा शॉपिंग का बहुत सामान था, यानि सारा मिटी डियल था मगिंग के लिए, शॉपिंग का सामान था, मैं अकेला था, एक लंबा आदमी छे फुर दो इ
26:15और सब बड़ी बिल्डिंग एक तरह रखती है, और उसके बाद मैं तो परशान होगया, हमने कहा अभी हुआ आज या आखरी, आज कतल की रात है, आज कुछ हो जाएगा, आज हो जाएगा, और मैं एक देखा, एक बलैक आदमी था सामने, उससे मुने कहा कि, सार, विस सा�
26:45अचाना के गाड़ी आई, रात के अपकरी दो बज़े, सनाटा, और मैं मौत का इंदार कर रहा था, किया अब कुछ हुआ, इतनों सामान मिरे साथ, और एक गाड़ी गई आगे, गाड़ी गई वहाँ से, और वहां ब्रेक लगा, और हमने का आगई, मौत का इंदार कर रहा
27:15पुछ जट्टा थे, एक मिनट, ठारा, वहीं पुछ नगा रुको, और रुक के उसने रेडियो किया, उसने का कहां फ़स गया है तुसी, मर जाओगे, क्यो रहा है, तुसी हते, कमाल है, और से करके एक मिनट रेडियो के और एक सर पचीस-तीस गाड़ी आगे आगे वहाँ
27:45हमने आपको देख लिया, पुछ जट्टा दे, और साहब मुछ को होटल तक छोड़ते आए, मैंने कितना ओफर दिया उनको, कि आप लोगाए है, ये रख लिजिए, उनको रहता है, तुसी साल्डे हीरो, तुसी साल्डे पुछ जट्टा दे, नहीं जी, नहीं, और करके व
28:15जट्टीन है बिल्कुल, मैं इक आणडा तक भूल नहीं सकता हूँ, घटना नहीं बूल सकता हूँ, अधी खुबसूरत आपने कहानी सुना ही हमें, सर आप इतना आपने कोशिश किया आने कि हमारे मंज को आपने इतना खुबसूरत बनाया, अपनी बातों से, शत्रुगन
28:45से डिफाइन करते हैं?
29:15विश को, या किसी भी प्रारंब को, या किसी भी अंदोलन को समापन तक लाने से पहले, आपको चार दोडसे गुजरना ही पड़ेगा, चाहette politics हो, film हो, business हो, पत्रकारिता ओ, आपको चार दोडसे
29:37पहला दौर आप डिसाइड करेंगे, कुछ करना है, यह नया कुछ करना है, तो पहला दौर होगा उपहास, आप कहेंगे मुझे निता बनना है, मुझे संगीतकार बनना है, मुझे कलाकार बनना है, तो कहेंगे आप कलाकार बनेंगे, आप, आप बनेंगे कलाकार, आप निता
30:07अगर आपके अंदर conviction है, confidence है,
30:11तो फिर दूसरा दौर होगा आपका, उपेक्षा,
30:15आपको ignore करेंगे,
30:17कहेंगे बहुत ज़्यादा बकबकतला है,
30:20इसको कलाकार बनना है, इसको पत्रकार बनना है,
30:23यह साहब अरुन शोरी बनेंगे, यह फलाने बनेंगे,
30:25तो इनको तो यह करो, अब मजा कुराएंगे आपका,
30:29तो पहला उपहास, दूसरा उपेक्षा,
30:33इससे भी अगर आप निकले, आपका passion जो है,
30:37आपको जोर दे रहा है, आगे बढ़ो,
30:41तो आगे बढ़ोगे तो उपहास उपेक्षा के बाद,
30:43तीसरा दौर होगा तिरसकार,
30:47contempt, गालियां देंगे,
30:50आप मान करेंगे,
30:51आपने किसी से कुछ नहीं मांगा है,
30:53आप किसी से कुछ नहीं कह रहे हैं,
30:55बढ़ आपका इतना वो लोग तिरसकार करेंगे,
30:58इतना contempt, इतना आपका आप मान करेंगे,
31:02कि आप कहेंगे कि ये कहां
31:04लेकि उसके वो भी आपकी इम्तहान की घड़ी होगी
31:07उससे भी दर आप आगे बढ़ते गए
31:09उपहास, उपेक्षा, तिरसकार
31:13तो चौता होगा दमन, दमन
31:15दमन, गन पावर, गून पावर, मनी पावर, मसल पावर
31:19बन कर दो, टांगे तोड़ दो, ये का बनना चाहती है, ये क्या बनना चाहता है
31:23खास निकले कोई निगरानी करो, बाहर न जा इसको
31:26तो पहरा तिरे उपहास, दूसरा उपेक्षा, तीसरा तिरसकार, चौता दमन
31:32और इन चारों को अगर अपने पार कर लिया
31:34पैशन है, कॉन्फिडेंस है, कन्विक्षन है, डिवोशन है, डेडिकेशन है, और टैलेंड का तड़का है
31:41तो सम्मान, चार दौर के बाद, अवश्च आपके कदम चूमेगा, यह ना भूलने लेजंड से हमने यह सीख ली है, यहाँ पर बहुत-बहुत धन्यवाद आपने सब्सक्रा निकाला, श्ट्रचुचुचुचुचुचुचुचुचुचुचुचुचुचुचुच�
32:1126 का अजंडा, 26 का अजंडा पूछा आ है, बस अभी फिलाल इतना ही कह सकता हूँ,
32:34कि 26 में आप तमाम लोगों के सहयोग से और आशिरवाद से मेरी बायोग्रफी, मेरे उपर फिल्म बन रही है, और वो डिरेक्ट वही करेंगे, आई-टी-ए के जो चेर्मन है, शशी रंजन, वही कर रहा है, बनाय था रोशन पर फिल्म, अब उसके बाद मुझ पर बन रही
33:04कि वहाँ, सम Korea रुझाओ के टकारि मुझा हि है, चैश के टकी रही भी है, ऑि बन रख सबीलत, के लेच हीग मेरे के डasm बन में युझ पड्याओ, इसम जो ऑनाय प्या है, यहाँ, ध। रख से बनाय है, काँ मुझा है युझाख, पर जीए क्या है, युझा से इसुर्�
33:34तक रिटन परेट रहको बागा ऑचे लगाए थांक यू बेरी नियु पैस्ट
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