लोकसभा में चुनाव सुधारों पर बहस के दौरान माहौल तब गरमा गया जब विपक्ष लगातार सवालों की बौछार करता रहा। इस पर अमित शाह ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा,'आपकी मनमर्जी से संसद नहीं चलेगी।' ईवीएम पर उठ रहे सवालों को लेकर शाह ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब से चुनावों में चोरी बंद हुई है, तभी से विपक्ष के पेट में दर्द शुरू हो गया है। वोटों की चोरी के आरोपों पर पलटवार करते हुए शाह ने कांग्रेस सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया और कहा कि असली गड़बड़ियां तो उनके समय में होती थीं।
00:00जब इनके जमाने में चुनाव होते थे बिहार और यूपी में सरकारे बनाती ही होती थी पूरे के पूरे वाट के बक्से हाईजेक करने हो गया
00:09लीडर ओपोदीशन का बाशन स्वयम यहां बैटकर सुना है
00:26पूरा बाशन उनका धागों में उलज गया है
00:32मानेवर मैंने सोचा कि भई कुछ गल्ती नहीं है
00:38मानेवर कोई गल्ती नहीं है तो यह लोग विरोध क्यों करें
00:44फीर मुझे याद आया कि मानेवर जब इनके जमाने में चुना होते थे
00:49बिहार और यूपी में सरकारे बनाती ही होती थी पूरे के पूरे वोट के बक से हाईजेक कर लोगा
00:56EVM आने से यह बंद हो गया
01:00EVM आने से बंद हो गया
01:04और मानेवर चुनाव की चोरी बंदूई है इसलिए पेट में दर्द हो रहा
01:10EVM का दोस्त नहीं है
01:13चुनाव जितने का तरीका जनादेश नहीं था
01:17करब ट्रेक्टिसिस थी इसके कारण चुनाव जितते थे
01:21अब आज यह पूरे एक्सपोज हो चुके है
01:24जब जनादेश पर चुनाव होता है
01:27तो आप जीत सकते हो जीतो स्वागत है उसका
01:30वागर जब हारते हो तो अन्य कारण बताना
01:34जैसे पहले मैंने कहा एसा बताना यह ठीक नहीं है
01:39मानेवर कल मैंने लीडर ओपोजीशन का बासन स्वयम यहां बैटकर सुना है
01:46पूरा बासन उनका धागों में उलज गया है
01:52त्रेड्स में उलज गया है
01:55मानेवर एक खहते है पीम का सेडियूल देखकर
02:00चुनाव आयोगा चुनाव तई करता है
02:04मेरा सभी संसद महोदवएसे
02:07करबद निविदन नहीं
02:08कि चुनाव होने के पहले एक महीन के सेडियूल
02:14और पीम को लगबग लगबग
02:1724 और 16 कितना होता है
02:2140 महीना हो गया
02:23इसमें से किसी भी एक महिने का सेडूल दिखाओ, प्येम की घती ही इतनी है, कोई भी महिना उठाओगे तो इतने ही प्रवास करते हैं, मैंने बर इसको चुनाओ का कोई लेंदे नहीं है, हमारे प्रदान मंत्री जन संपर्क में आजादी के बाद सबसे ज्यादा प्रवास कर
02:53दोजार एक से मैं बता सकता हूँ, एक दिन, एक भी दिन की छुक्ती नहीं, एक भी वेकेशन नहीं, लगाकार जनता का काम करने, मैंने कभी नहीं रखा उनको वेकेशन देखा, वाई बार इंका अनुकरन करने का प्रयास करते हैं, तो बीपी बढ़ जाता है, इतना ये फ
Be the first to comment