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ये वीडियो बोध प्रत्यूषा 21st सितंबर के लाइव सत्र से लिया गया है।
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Transcript
00:00तो बुद्ध कोई लेके एक कहानी है कि सब सुन्दर सुन्दर जितनी कन्या आए थी वो बुद्ध के लिए खास तोर पर मगाई जाती थी कि आप इंसे मित्रता करिए इन्हीं के साथ रहिए खाएं पिएं
00:10तो ऐसी ही एक रात थी अपना वो सब आई थी वो उन्होंने नाजगाना करा होगा खाना पीना हुआ होगा और उसके बाद अपना खापी कि जो भी था चीजें रही हो वो सब वहीं पर पढ़के सो गई और बुद्ध भी ठक गए होंगे तो बुद्ध भी वहीं पर सो गई �
00:40किसी की लार बह रही है किसी की कुछ हो रहा है किसी का मूँ खुला हुआ है किसी कपड़े अस्तवेस्त हो गए हैं सारा सुंदर रहे हैं उनका पुल्टा पुल्टा हुआ है बाल विखरे हुए हैं मूँ पर बाल आ रहे हैं बुद्ध ने का ये मुझे तो सुख की कहानी स
01:10दुख
01:11दूसरों का दुख दिख गया
01:14तो आपका दुख मिट सके
01:17इसलिए ये सारी बाते है
01:18बुद्ध अपने लिए जंगल नहीं गए थे
01:21बुद्ध आपके लिए जंगल गए थे
01:22बुद्ध को अपना क्या दुख था बताईए
01:24अपर बुद्ध ने कहा कि ये दुख जो पूरे जगत में व्यापत है इसका कुछ तो समाधान खोजना पड़ेगा
01:30तो जो बाते हैं ये हमारे दुख को हटाने का इंतजाम है
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