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Transcript
00:00तो ये चो डैवाज की केसिस हैं, ये क्यों बढ़ते जा रहे हैं?
00:03बढ़ते इसलिए जा रहे हैं क्योंकि प्रक्रति ने इनसान को ऐसा बनाया नहीं है कि कोई भी दो व्यक्ति ता उम्र एक साथ चल सकें
00:12चाहे वो दो बच्चे हो, चाहे दो पुरुष हो, दो इस्त्रियां हो या फिर इस्त्री और पुरुष हो
00:17तो ऐसा कोई प्रक्रति में न बंधन है न व्यवस्था है कि दो लोगों को साथ हमेशा चल नहीं है
00:24पहले चल जाता था क्योंकि बहुत तरीके के डर होते थे
00:27तो क्यों बढ़ने लगा है क्योंकि अब लोगों को हक आ गया है कि वो अलग हो सकते हैं
00:34और लोगों को अर्धिकार रहेगा कि वो अलग हो सकते हैं तो अलग होंगे
00:38मैं बिलकुल मानता हूँ और अच्छी तरह मैंने देखा भी है कि जब माबाप अलग होते हैं
00:44तो उसका परिवार पर, विश्यशकर बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ता है, यह बिलकुल देखा है, लेकिन मैंने यह भी देखा है, कि उतना ही बुरा असर है, उससे ज्यादा बुरा असर उन परिवारों में भी पड़ता है, जहां माबाप में दिनरात की कलह रहती
01:14तो ऐसे किया जाता है कि बातचीत करी, रिष्टा बचाने की ओशिश करी, वो भी सुधार का ही एक तरीका है, लेकिन अगर वो तरीका नहीं चलता, तो आवश्यक नहीं है कि एक दूसरे के साथ बंधे रहकर के यंत्रणा भोवो जीवन भर.
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