00:00आप अगर एक बड़े होटल में खाना खाते हो ना, तो वहाँ यह नहीं होता है कि आपको एक जबरदस्त जाइका मिलेगा, जाइके हो गयरा कि अब बात नहीं है, आप अगर अब महंगा वाला खाना खाते हो, हजार दो हजार चार हजार उपे प्लेट वाला, तो उसमें खा
00:30आप कहीं पर जाकर के सड़क के नारे 50 रुपे, 100 रुपे, 200 रुपे वाला खाना खाए, तो उसमें जहर होता है, अब खाने और खाने में अंतर यह नहीं है, कि जिस खाने में जहर नहीं होगा, वो खाना महंगा होगा, और महंगा होगा तो आम आदमी की पहुंच से बाहर
01:00अगर तुम गरीब हो तो जहर खाओ।
01:06और साफ चीजें उनको मिलेंगी जिनके पास पैसा है।
01:15आहम आदमी ने बहुत बड़ा गुनाह कर दिया।
01:19उसने बिना सोचे समझे बस यूही किसी को भी अपनी चेतना का केंदर बना लिया।
01:28अपने रोल मॉडल्स, अपने आदर्श, अपने महापुरुष, अपने नेता बहुत विवेक से चुनने चाहिए।
01:43हमने चकाचॉंध में आकरके अपने मन की, जीवन की, समाज की, धर्म की, सत्ता की बागदोर।
01:57यूही किसी को भी स्वापड़ी। उरेतिहास में यही हुआ है।
02:02धर्म की, समाज की, समाज की, समाज में यही हुआ है।
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