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  • 3 days ago
 रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिन की भारत यात्रा के दौरान सबकी नजरें एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम पर टिकी हैं. भारतीय सेना ने इसका इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान किया था। वायुसेना ने इसे "गेम-चेंजर" बताया था.रूसी अधिकारियों ने बताया कि एस-400 डिफेंस सिस्टम की बिक्री एजेंडे में सबसे ऊपर है. हालांकि, अब धीरे-धीरे सबका ध्यान एस-500 की ओर है. ये एस-400 से कई गुना बेहतर और एडवांस है.एस-400 डिफेंस सिस्टम जहां एयरक्राफ्ट, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को टारगेट करता है, वहीं एस-500 सिस्टम को आईसीबीएम, हाइपरसोनिक हथियारों और यहां तक ​​कि सैटेलाइट जैसे स्ट्रेटेजिक खतरों के लिए डिजाइन किया गया है.इसकी रेंज एस-400 से करीब दोगुनी है, साथ ही इसकी ऊंचाई पर मार करने की क्षमता और स्पीड भी काफी ज्यादा है.2021 में जब इसे लॉन्च किया गया था, उस वक्त रूसी अधिकारियों ने कहा था कि भारत इसका पहला खरीददार हो सकता है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस डील में सिर्फ डायरेक्ट इंपोर्ट ही नहीं, बल्कि पूरी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और को-प्रोडक्शन भी शामिल हो सकता है.रूस के साथ अगर ये डील फाइनल होती है तो ये भारत की एयर-डिफेंस क्षमताओं में नए युग की शुरुआत होगी। आसमान से लेकर अंतरिक्ष तक भारत की ताकत में इजाफा होगा.

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Transcript
00:00S-400 Air Defense System
00:30S-400 Defense System
00:32जहां Aircraft, Drone और Cruise Missiles को Target करता है
00:35वही S-500 System को ICBM, Hypersonic हत्यारों और यहां तक ही Satellite जैसे स्ट्रेटेजिक खत्रों के लिए डिजाइन किया गया है
00:43इसकी Range S-400 से करीब दो गुनी है
00:45साथ ही इसकी उचाई पर मार करने की शमता और स्पीड भी काफी ज्यादा है
00:492021 में जब इसे launch किया गया था उस वक्त रूसी अधिकारियों ने कहा था कि भारत इसका पहला खरेदार हो सकता है
00:55रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस डील में सिर्फ डारेक्ट इंपोर्ट ही नहीं
00:58बलकि पूरी टेक्नलोजी ट्रांस्वर और को प्रोडक्शन भी शामिल हो सकता है
01:02रूस के साथ अगर ये डील फाइनल होती है
01:04तो ये भारत की एयर डिफेंस शमताओं में नए यूग की शुरुआत होगी
01:07आस्मान से लेकर अंतरिक्ष तक भारत की ताकत में इजाफा होगा
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