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  • 1 hour ago
ट्रंप की पाबंदियों के बीच रूसी राष्ट्रपति का भारत दौरा, क्या हैं मायने? देखें स्पेशल रिपोर्ट

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00:00नवस्कार आज तक पर आपका बहुत बहुत स्वागत है रूसी राश्वपती व्लादेमिर पहुच रहे हैं दिल्ली और मैं उससे पहले पहुच गई हूँ मॉस्को और मॉस्को के ही रेड स्क्वेर से आप हमारी ये विशेश पेशकश देख रहे हैं जहां पर इतिहास हर �
00:30स्क्वेर पर नजानी कितनी करवटे ली हैं यहीं पर सेंट बैसल का ये चर्च है जहां पर हजारों लोग पहुच रहे हैं तस्वीरे लेते हैं यह इतिहासिक जगह है नजाने कितने रूसी राश्वपतियों को यहां पर सत्ता में आते हुए सत्ता से बाहर जाते हुए ग
01:00आप देखिए आज हम यहाँ पर इसले पहुँचे हैं क्योंकि रूसी राश्पती व्लादमिर पूतिन का ये भारत दोरा कई माइनों में बहुत एहम है इम्तिहान वो इम्तिहान जो दोस्ती लेती है भारत और रूस का ये रिष्टा ये बॉंड कई दश्कों का है 70 साल पु
01:30लगा दिये रूस पर और पश्चिमी देशों ने जिस तरह से रूस की अर्थवेवस्था की घेराबंदी की नैतिक रूप से राजनाइक रूप से अलग खलक किया और दूसी तरह भारत जिस पर यह रोप लगा दिया ट्रम सरकार ने की आप कच्छा तेल खरीद कर आप र
02:00अडिग है, मजबूत है और उसी दंखम के साथ आगे बढ़ रहा है अगर चार और पांच तारिक को रूसी राजपती व्लादिमिर पूतिन नई दिल्ली पहुँच रहे हैं मॉस्को से तो ये दोनों देशों के रिष्टों को और भी मजबूत करने की कड़ी में एक बहु
02:30इंतजार के दिन अब खत्म होने को हैं कल शाम दिल्ली पहुच रहे हैं रूसी राशपती व्लादिमिर पुतिन
02:42पुतिन के दिल्ली में कदम रखने से पहले ही उनका विशेश सुरक्षा इंतजाम दिल्ली पहुच चुका है रूस के करीब 50 अफसर उन सभी जग्हों की सुरक्षा ड्रिल कर रहे हैं जहां पुतिन का जाना या तो तय है या संभावित है
02:56पुतिन का दौरा बेहत खास है पुतिन ऐसे वक्त में भारत आ रहे हैं जब भारत अमेरिका के साथ टैरिफ वार में उल्जा है और रूस खुद भी यूकरीन जंग में फसा हुआ है
03:12पुतिन कल शाम दिल्ली पहुँचने के बाद शाम करीब 7 बजे 7 लोग कल्यान मार्ग में पियम मोदी के साथ रात्री भोज में शामिल होंगे
03:21लेकिन पुतिन का अधिकारिक दोरा 5 दिसंबर से शुरू होगा जब राश्टपती भवन में गार्ड आफ ओनर से उनका उप्चारिक स्वागत किया जाएगा
03:28पुतिन 5 दिसंबर को करीब 10 बजे राश्टपती महात्मा गांधी को श्रद्धानजली देने राजगार जाएंगे
03:34इसके बाद शुक्रवार को ही सुबह 11 बजे पियम मोदी के साथ हैदराबाद हाउस में द्विपक्षिय वारता करेंगे
03:40इसमें कई एहम समझोतों की उमीद है इस पैकेज में देखिए बाइलेटरल रिलेशन पे बात होगी आर्मी पे बात होगी पेट्रोल पे बात होगी रश्या एक एगरिकल्चर कंट्री है एगरिकल्चर पे बात होगी टेक्नलोजी एक्सेंज पे बात होगी वर्क हिंदु
04:10परमिक पर ही बात होगी।
04:40या सुविधाओं का इस्तमाल भारतिय नौसेना और वायूसेना कर सकेगी।
04:44इसके अलावा जरूरत परने पर दोनों देश एक दूसरे के इंधन, राशन और स्पेर पार्ट्स के मदद लेने के लिए भी आजाद होंगे।
04:52रश्या के पास सबसे बड़ा प्लस पॉंट है कि टेक्लोजी ट्रांसवर करता है।
04:57ऐसा कोई उसमें माइक्रोचिप नहीं लगा हुआ है कि जरूरत परने पर कहीं पर उसका बटन आफ कर दिया, वो फ्लाइट ओर ही नहीं रही है।
05:06और उसके बार डिक्टेट करेंगे कि आप उस कंट्री पे इसको यूज कर सकते हैं उस कंट्री पे आप उसको नहीं यूज कर सकते हैं।
05:36और आज जब मैं रश्या में मॉस्को के इस रेड स्क्वेर पर मौजूद हैं तो मुझे इस बात का एसास हो रहा है कि भारत और रूस के रिष्टों की जड़े कहां तक हैं जहां ये दो ऐसे देश हैं जिनके बारे में एक आ जाता अंग्रेजी की कहावत है ना फ्रेंड इन
06:06दोस्ती खुद भी इमतिहान लेती हैं आप देखिए कि रूस यूकरेन जंग के बाद ऑपरेशन सिंदूर के बाद इसी के साथ साथ आप देखिए कि ट्रंप ने जो हम रूस से कच्चा तेल खरीद रहे थे जिसकी वज़ा से इतने जबर्दस टारिफ्स हम पर लगाए इ
06:36भारत को कि हम अन्य कई पश्चमी देशों की नाराजगी किस हद तक मोलने को तयार हैं मोलने को वहीं दूसी तरफ रूस इस रिष्टे में कितनी जान डालने की या नए सिरे से और क्या कुछ भारत के लिए करने को तयार है इन सब का इमतिहान होने वाला है लेकिन हाँ वह
07:06साथ हमारे हैं लेकिन जो रिष्टा भारत और रूस के बीच का है उसका कोई सानी नहीं है आप सोचे कि कच्छे तेल की खरीद को लेकर रूस से जो भारत पर जबरदर स्टारिफ्स लगे उसकी वज़ा से एक दवाव बनाने की कोशिश जरूर थी एक एक आम ट्रिस्टिं
07:36जानते हैं कि ये रिष्टा अडिग है ये रिष्टा आगे बढ़ना चाहिए तो उसी भरोसे का ये आधार बनकर आगे ये रिष्टा जा रहा है आए आए आपको अपनी इस रिपोर्ट के जरिए ये समझाने की कोशिश करते हैं कि क्यों कुछ ऐसी भी दोस्तियां दुनि
08:06राश्पती डानल्ड ट्राम्प से एक बहुत बड़ी चूप हो गई वो इस बात का अनुमान लगाने में गलत साबित हुए कि उनके दबाव में मोदी और पुतिन की दोस्ती खत्व हो जाएगी
08:29राश्पती ट्राम्प ने राश्पती पुतिन को अलग खलग करने के लिए भारत पर कई तरह के दबाव बनाएं उन्होंने रशिया से कच्छा तेल खरीदने के लिए भारत का लगातार विरोध किया जबकि युद्ध की शुरुआत में अमेरिका ने ही कच्छे तेल की ख
08:59युद्ध में राश्पती ट्राम्प ने यही सोचा था कि भारत इस टैरिफ के दबाव में आकर राश्पती पुतिन अलग खलग पर जाएंगे लिकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ
09:12राश्पती ट्राम्प से ये समझने में चूख हुई कि भारत और रश्या की दोस्ती टैरिफ के पहार से गिराई नहीं जा सकती ये दोस्ती साथ कशकों से मजबूत हुई है और भारत ने अमेरिका को साफ कर दिया कि हम वही फैस्ता लेते हैं जिसमें हमारे राश्टी यह
09:42कि इसी भी आहितकारी नीती के आगे मोदी दिवार बनके खड़ा है
09:55भारत अपने किसानों अपने पशुपालों को अपने मच्वारों के
10:10समन्द में कभी भी कोई समझ होता नहीं स्विकार करेगा
10:16राश्टपती टरंप इस दावे के साथ सत्ता में आये थे कि वो रश्या और यूक्रेन का युद्ध समाप करा देंगे
10:24लिकिन अब तक वो ऐसा करने में नाकाम रहे हैं
10:27इसके अलावा अमरिका ने पश्चिमी देशों पर दबाव बना कर रश्या पर जो प्रतिबंद लगवाए उनका भी ज्यादा व्यापक असर नहीं है
10:35युक्रेन युद्ध के बाद से रश्या पर 26,000 से ज्यादा प्रतिबंद लगाए जा चुके हैं
10:40जिन में खरीब साड़े 6,000 परतिबंद अकेले अमरिका ने लगाए हैं
10:45लेकिन इसके बावजूब रश्या की अर्थ व्यवस्था आज 188,000,000,000 करोड रुपे की हो चुकी है
10:51जो युद्ध से पहले 150,000,000,000 करोड रुपे की थी
10:55रश्या के GDP growth rate में भी ज्यादा फर्क नहीं आया है और ये अब भी अमेरिका के GDP growth rate से ज्यादा है
11:022024-25 में अमेरिका का GDP growth rate 1.4 प्रतिशक था जबकि रश्या का GDP growth rate 1.5 प्रतिशक था
11:12रश्या की ये सिती तब है जब उसने यूकरेन युद पर पारी की तरह पैसा बहाया है
11:18यूकरेन की सरकार का दावा है कि रश्या 2022 से अब तक इस युद पर 88 लाग करोड रुपे खर्च कर चुका है
11:25जब कि रश्या का कहना है कि उसने इस युद्ध पर 26 लाग करोर रुपे खर्च किये हैं
11:31और इस खर्च और पश्चिमी देशों के हजारों प्रतिबंद के बाद भी रश्या की आर्थिक हालत उतनी खराब नहीं हुई जितना की अनुमान लगाय जा रहा था
11:39सबसे बड़ी बात ये है कि ना तो राश्पती पुतिन किसी दवाव में आए और ना ही प्रधान मंत्री वोधी ने किसी दवाव को भारत पर हावी होने दिया
11:48और मुश्किल वक्त में भी भारत और रश्या की दोस्ती कमजोर पढ़ने के बजाए मजबूत बन कर उभरी
11:54ये वो वक्त था जब रूस और यूक्रेन का युद्ध छड़ चुका था
11:59आप सोचिए कि कूट नितिक रूप से बहिशकार आर्थिक रूप से घेरावंदी नैतिक रूप से चारो तरफ से तरसकार
12:07इन सब का रूस सामना कर रहा था और ऐसे घड़ी पर भारत ने ये तै कि हम रूस को लेकर सख्त रुख नहीं अपनाएंगे
12:15हम ये तै करेंगे कि भारत के हित में क्या है अगर हमें रक्षा सौदे करने है अगर हमें तेल के सौदे करने है तो हम वो करेंगे
12:22क्योंकि वो भारत के हित्मे है और यही रूस के साथ ऐसे वक्त पर हमारा खड़ा रहना इस तरह से काम आया है कि रिष्टे में एक मजबूती आई आई आप सोचें कि अमेरिका ने तो 50 वीज़ डी टारिफ लगा दिया कि आप जो तेल रूस से खरीद रहें उसकी वज़ा से
12:52अपने कूट नितिक फैसले किसी के दबाव में नहीं लेता है लेकिन हाँ अगर कोई देश हमारे साथ खड़ा रहता है तो मुश्किल घड़ी में हम भी उसके साथ
13:02मौरेल लेक्चर कोई कितना भी दे खड़ा रहना जानते है
13:22पिछले 11 सालों में जब-जब रधन मंत्री मोदी और राश्पती पुतिन की मुलाकात हुई है
13:34तब-तब दुनिया में ये दोस्ती एक बड़ी हेडलाइन बनी है
13:38और इसका कारण ये है कि इस मुलाकात में ये दोनों लेता राश्चा धर्चों की भुमिका के साथ
13:44एक दोस्ती भुमिका में नजर आते हैं
13:461 देकब्रे इस्पल्णेट साद्निया प्रिना प्रिनाटिया सावमेस्नों जायवलेने
13:54व कोरें आत्मेचन विह अच्छा नशेग आपनेशने ना उरएंग असोब प्रिलिगिरोओन वा इस्पल्णेटिया प्रिनाटिया
13:59जिसमें पहली मुलाकात सोलह जुलाई 2014 को ब्राजील के ब्रिक समिट में हुई थी
14:20उस वर्ध प्रधानमत्री वोधी ने कहा था कि अगर भारत में किसी बच्चे से भी पूछा जाए कि हमारा सच्चा दोस्त कौन है
14:26तो वो भी ये बता देगा कि रश्या भारत का अस्री दोस्त है जिसने मुश्किल की घड़ी बे भी हमारा साग दिया है
14:33सबस्कों को पूछे ना कि हिंडूस्ताम ना सबकर अच्चा मुट्वान है तो हर हिंडूस्तामी बच्चा बनता है
14:45ये दश्या हमारा सबसे अच्छा दोस्त है आवा हर से इंड़े में कोई ये विदेश
14:55इसके बाद दूसरी मुलाकात नवंबर 2014 में हुई थी जब इस तस्वीर में पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खीचा था
15:10इसमें प्रधानमंत्री भोदी राश्पती पोतिन और अमेरिका के तक कालीन राश्पती परात उबामा को साथ देखा गया था
15:17और इसे उस साल की सबसे ताकतवर तस्वीर बना गया था
15:21तब पश्शिमी मीडिया ने कहा था कि प्रधानमंत्री भोदी और राश्पती पोतिन के बीज अच्छे रिष्टे दिख रहे हैं
15:28और ये दोस्ती आने वाले सालों में सबसे ज़्यादा चर्चा बटोरीगी और बाद में यही हुआ
15:3411 दिसम्बर 2014 को राश्पती पोतिन भारत के दोरे पर आए और फूरी दुनिया ने इस दोस्ती को दमदार मान दिया
15:42प्रधानमंत्री मोदी और राश्पती पोतिन की दोस्ती की सबसे अच्छी बाद यह है कि ये दोस्ती काफी सहज दिखाई देती है
15:53आप साल 2015 का ये वीडियो देखिए
15:56जब राश्पती पुतिन ने कहा था कि वो प्रधानमंत्री मोधी की तरह योगा का अभ्यास करके देखेंगे
16:03ऐसे बहुत कम नेता हैं जिनसे मुलाकात करते हुए राश्पती पुतिन उन्हें गर्म जोशी से गरे लगाते हैं
16:11लेकिन प्रधान मंत्री बोधी के साथ उनका एक अलग बॉंड दिखाई देता है और ये दोस्ती क्यों मानी जाती है और इसकी केमिस्ट्री को लेकर इतनी चर्चा क्यों होती है उसे आप इन तस्वीरों से भी समझ पाएंगे।
16:23प्रधान मंत्री मोधी की सबसे अच्छी बात ये है कि वो राश्पती पुतिन से अपनी साल 2001 की मुलाकात को कभी रही भूते।
16:34उस दौर में नरिंद्र मोधी गुजरात के नए नए मुख्यमंत्री बने थे और रश्या के दौरे पर उन्होंने राश्पती पुतिन से मुलाकात की थी और वो उनके पीछे खड़े थे और आज आप समय का चक्र देखिए कि इन दोनों लिटाओं की दोस्ती पूरी दु
17:04झाल
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