00:00रूस के राश्रुपती व्लादिमेर पुतिन भारत आने वाले हैं, उन्हें लेकर अल हर भारतिये के मन में है कि वो कैसे काम करते हैं, कैसे सोचते हैं, तो से कुछ गिने चुने लोगों से ही घिरे रहते हैं, कुछ खास लोगों के अलावा और कोई उनके करीब नहीं जा सकत
00:30उनको घेरे रहते हैं और उनके महत्वपूर्ण फैसलों में सलाह देते हैं, इसमें पहले नमबर पर हैं, निकुलाई पेत्रुशेव, जिन्हें पुतिन का सबसे करीबी माना जाता है, पुतिन का भरूसा ही उन्हें सबसे शक्तिशाली सहयोगी का दर्जा देता है, वो र
01:00पुतिन के साथ क्रेमलिन में रह चुके हैं, प्रभावी पदाधिकारी और कुशल वक्ता हैं, पुतिन के संभावित उत्तराधिकारियों में शामिल हैं,
01:30पुतिन की टीम के तीसरे सबसे शक्तिशाली सदस्य का नाम है अलेक्जांडर बॉर्टनिकॉव, रूस की घरेलू खुफिया एजनसी एफसबी के निदेशक हैं, देश में पुतिन का नियंतरन बनाये रखने में भूमिका है, पुतिन को 1970 के दशक से जानते हैं, पुतिन क
02:00पुतिन के जाते हैं, रूसी सेना, सेनिय खुफिया एजनसी, जी आर्यू का जिम्मा है, साइबेरिया में पुतिन के साथ शिकार पर जाते हैं, पुतिन की शक्तिशाली टीम के सबसे चर्चित चेहरे का नाम है सरगेई लावरोव, 2004 से रूस के विदेश मंत्री हैं, मतलब
02:30पुतिन के जितने भी सहयोगी हैं, उन सभी में एक बात समान है, और वो है पुतिन का भरोसा, यही वो गुण है जो पुतिन की टीम में शामिल होने की पहली शर्त है, क्योंकि बरसों से रूस का हर आक्शन पुतिन के इनी करीबियों की सलाह पर निर्भर रहता है
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