पश्चिमी सीमा के अंतिम छोर पर बसे जैसलमेर को देश के दिल यानी राजधानी दिल्ली से सीधे तौर पर जोडऩे वाली स्वर्णनगरी एक्सप्रेस मंगलवार सायं 5 बजे जैसलमेर रेलवे स्टेशन से पहले फेरे पर उत्साहपूर्ण माहौल में रवाना हुई। गौरतलब है कि इस ट्रेन का उद्घाटन गत 29 नवम्बर को जैसलमेर से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने किया था। उसके बाद गत 1 तारीख को यह ट्रेन व्यावसायिक रूप से पहली बार शकूरबस्ती (दिल्ली) से रवाना होकर मंगलवार सुबह निर्धारित समय पर जैसलमेर पहुंची। वापसी में यह ट्रेन शाम 5 बजे जब रवाना हुई तो उसमें सवार यात्रियों के चेहरों पर पहली यात्रा का साक्षी बनने का उत्साह साफ नजर आ रहा था। पत्रिका टीम ने शाम को टे्रन की रवानगी से पहले स्टेशन पहुंच कर हालात का जायजा लिया। एसी डिब्बों से लेकर स्लीपर क्लास कोच में बैठे हुए यात्री सुकून के साथ बैठे नजर आए। जैसलमेर से जयपुर जा रहे यात्री रूपचंद और उनके दो अन्य साथियों ने बताया कि व्यापारी समुदाय सहित सभी वर्गों के लिए यह ट्रेन एकदम मुफीद समय पर जोधपुर, जयपुर या दिल्ली ले जाने वाली है। इसका इंतजार विगत कई वर्षों से किया जा रहा था। गौरतलब है कि कोरोना काल में बंद किए जाने से पहले जैसलमेर-दिल्ली के बीच चलने वाली इंटरसिटी ट्रेन जिसका नाम बाद में बदल कर रूणिचा एक्सप्रेस किया गया था, इसी समय जैसलमेर से दिल्ली के लिए रवाना हुआ करती थी। पहले दिन जैसलमेर से रवाना हुई ट्रेन में सैन्य बलों के जवान भी सफर करते दिखाई दिए।
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