कर्नाटक के दावणगेरे में इंजीनियरिंग के छात्रों ने तीन महीने की मेहनत से हवा से पानी बनाने वाली मशीन बनाई है, जो एक दिन में 8-10 लीटर पीने लायक शुद्ध पानी बना सकती है. बापू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की छत पर इस यंत्र को लगाया गया है. इस प्रोजेक्ट के लिए BIET के छात्रों, स्टाफ और प्रोफेसरों ने सहयोग किया है. यह यंत्र पानी में मौजूद नमी को शुद्ध पानी में बदल देता है. इस तरह से बने पानी को फिर से फिल्ट्रेशन की जरूरत नहीं होती है और ये पीने के लिए पूरी तरह सुरक्षित है. मौजूदा सेटअप में एक कंडेसर, ब्लोअर और हीटर की जरूरत होती है. प्रोजेक्ट से जुड़े छात्रों का कहना है कि इस डिवाइस में 2 से 3 वाट बिजली की जरूरत होती है और इसके लिए वो सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करते हैं. यह सिस्टम तेज हवा और लू वाले क्षेत्रों में भी काम कर सकता है. फिलहाल इससे सीमित मात्रा में पानी बनता है.. लेकिन इस मात्रा को आसानी से बढ़ाया जा सकता है.. फिर यह सिस्टम पानी की समस्या को समाधान करने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा.
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