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Transcript
00:00बताया ही नहीं कि आदा हूँ
00:02क्यों ऐसा?
00:05क्योंकि क्लास टीचर से चुट्टी नहीं मिलती पर
00:07टीचर यही है वो शाक्स
00:10में को तो मिल जाती है
00:12मेरी बेल को नहीं मिलती
00:14तो यह देखिए यह खुबसूरत जैन जी, जैन आलफा
00:20आपको यहां दिखाई दे रहे हैं
00:22जो चट के उत्सव को मनाने के लिए
00:24अपनी जडों से जुड़ने के लिए आए है
00:27कौन कहता है कि भारत का युवा
00:29इतना तेजी से दोड़ा है
00:30कि वो हवा में है और जमीन पर उसके पैड नहीं है
00:33यह बिहार के युवा हैं जो बता रहे हैं
00:35कि हम अपने पंक फैलाना भी जानते हैं
00:38और अपनी जडों को मजबूती से पकड़ना भी जानते हैं
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