Skip to playerSkip to main content
  • 54 minutes ago
आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा के साई गोपी ने आईटी जॉब छोड़कर अपना परंपरागत पेशा अपनाया. वो चाक पर मिट्टी के बर्तन बना रहे हैं. आईटी जॉब के प्रेशर के चलते उन्होंने वो करियर छोड़ा और फैमिली क्राफ्ट को जीवित रखने  ने अपना परंपरागत पेशा अपनाया. इस पेशे में उनकी आमदनी दुगुनी हो गई है. साई गोपी के मुताबिक, सॉफ्टवेयर में वो पचास हजार रुपये कमाते थे, लेकिन अब वो एक लाख रुपये कमा रहे हैं. हालांकि साई गोपी को पैसे से ज्यादा... यहां शांति, बेहतर सेहत और वर्क-लाइफ बैलेंस जैसी चीजें मिलीं. पॉटरी का काम इन्हें एक्टिव रखता है और परिवार वाले भी सुकून से रहते हैं. साई गोपी की कहानी बताती है कि सफलता सिर्फ ऊंची-ऊंची इमारतों और कॉर्पोरेट दफ्तरों में ही कैद होकर नहीं रहती है.. कभी कभी वह लोगों के जुनून और हिम्मत के पीछे भी रहती है.

Category

🗞
News
Transcript
00:00अंध्रप्रदेश के विजेवारा के साई गोपी ने IT जौब छोड़कर अपना परमप्रागत पेशा अपनाया वो चाक परमिट्टी के बर्तन बना रहे हैं
00:12IT जौब के प्रेशर के चलते उन्होंने वो काईरियर छोड़ा और फेमली क्राफ्ट को जीवित रखने के लिए अपना परमप्रागत पेशा अपनाया इस पेशे में उनकी आमदनी दुगनी हो गई
00:42हाला कि साई गोपी को पैसे से ज्यादा यहां शान्ती, बेहतर सहत और वर्क लाइफ, बैलेंस जैसी चीजें मिली
00:50पौटरी का काम इन्हें एक्टिव रखता है और परिवार वाले भी सुकून से रहते हैं
00:56साई गोपी की कहानी बताती है कि सफलता सिर्फ उची-उची इमारतों और कॉर्परेट दफ्तरों में ही कैद होकर नहीं रहती
01:18कभी-कभी वो लोगों के जुनून और हिम्मत के पीछे भी रहती है
01:23प्योरो रिपोर्ट ETV भारत
Be the first to comment
Add your comment

Recommended