पश्चिम बंगाल के SIR अभियान के दौरान बड़ा विवाद तब खड़ा हो गया जब 70 वर्षीय मायारानी गोस्वामी का नाम राज्य की 44 अलग-अलग मतदाता सूचियों में दर्ज पाया गया। इस खुलासे ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। भाजपा का आरोप है कि यह संगठित चुनावी गड़बड़ी का संकेत है, जबकि तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि यह चुनाव आयोग की तकनीकी त्रुटि है जिसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। मतदाता सूची में ऐसी अनियमितताओं ने आगामी चुनावों से पहले बंगाल की चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
00:00पश्चिम मंगाल में चल रहे SIR विवात के बीच एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है।
00:30इतने अधिक अस्थानों की मद्दाता सूची में दर्ज मिला है। बता दे कि इस महिला का नाम माया रानी गोस्वामी हैं। जो बैदनात्पुर पंचायत के डीवी सी पाड़ा की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि ये जानकारी उन्हें तब मिली जब उन्होंने SIR फ�
01:00माया रानी ने कहा कि वो हमेशा से एक ही जगा पर वोट देती आई हैं और उन्हें ये पता ही नहीं था कि उनका नाम इस तरह से कई सूचियों में मौजूद हो सकता है। उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है और ये भी कहा है कि उन्हें समझ नह
01:30उदाहरन है और इसी तरह की गड़बडियों के आधार पर तिर्मूल कॉंग्रेस चुनाव जीत्ती आ रही है। भाजपा का दावा है कि 44 सूचियों में नामदर्ज होना कोई साधारन तुटी नहीं है बलकि एक विवस्थित प्रयास का संकेत है जिसे गंभीरता से जाचा
02:00का कहना है कि ये मामला चुनाव आयोग की तकनीकी या प्रशाशनिक गलती के कारण हुआ है और इसका किसी राजनितिक पार्टी से कोई भी संबंध नहीं है। तिर्मूल कॉंग्रेस साथ किर्ती आजाद ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वो इस मुद्धे को राजनिति
02:30इस नई घटना ने पूरे मामले को और अधिक जटिल बना दिया है। मद्धाता सूची सुधार के दोरान सामने आई ऐसी गड़वडी ने राज में मद्धाता पहचान की सटीकता और चुनावी मौसम नजदीक है और इसी कारण ये मामला राजनितिक रूप से और अधिक
03:00बीच बढ़ती बयान बाजी और मद्धाता सूची में सामने आई इस गड़वडी ने बंगाल की राजनिती का तापमान और बढ़ा दिया है। आने वाले समय में ये मुद्धा चुनावी बहस का प्रमुक हिस्सा बन सकता है। क्योंकि दोनों ही प्रमुक दल यानी सत्ता
03:30दोनोग नीचिन आपन रट नापन नापन चुनाएप नापन चुनावी दोनाओन चुनावी इस प्रमुक दानी सकता है।
Be the first to comment