नए जापानी प्रधानमंत्री सनाई ताइकाची द्वारा चेतावनी दिए जाने के बाद कि ताइवान पर किसी भी चीनी हमले या नाकाबंदी की स्थिति में टोक्यो सैन्य प्रतिक्रिया देगा, चीन और जापान तेजी से गहराते कूटनीतिक टकराव में फँस गए हैं। बीजिंग भड़क उठा—जापानी राजदूत को तलब किया और बयान वापस लेने की मांग की, जबकि एक चीनी कॉन्सुल के धमकी भरे वक्तव्य ने टोक्यो में ग़ुस्सा और बढ़ा दिया।
यात्रा चेतावनियों, नौसैनिक गश्तों और तीखी कूटनीतिक झड़पों के साथ दोनों देश अपने-अपने रुख़ पर अडिग हैं। पूर्वी चीन सागर में बढ़ते तनाव के बीच, यह क्षेत्र कई वर्षों में अपने सबसे ख़तरनाक गतिरोध का सामना कर रहा है।
00:00चीन और जापान ताइवान के मुद्दे पर तेजी से बखते टकराव में फस्ते जा रहे हैं और दोनों देशों के पीछे हटने से इनकार करने के कारण ये आशंका बढ़ रही है कि कहीं ये विवाद एक पूर्न युद्ध में ना बदल जाए
00:30ये कूट नेतिक टकराव नवेंबर की शुरुवात में शुरू हुआ जब नई न्यूक्त जापानी प्रधानमंत्री सनाई तकाईची ने ये टिपणी की कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो जापान कैसे प्रतिक्रिया देगा
00:42साथ नवेंबर को संसद में बोलते हुए तकाईची ने कहा कि अगर चीन नौ सैनिक नाकाबंदी करता है या ताइवान पर किसी भी तरह की कारवाही करता है तो इसका जबाब जापानी सेना देगी ये बयान उनसे पहले की किसी भी जापानी नेता ने कभी नहीं दिया था
01:12चीन के उसाका स्थित काउंसल जेनरल ने तो एक हद पार करती धमकी भी दे दी एक अब डिलीट किये गए पोस्ट में लिखा और मैं उध्रित करता हूं हमारे पास उस गंदी गर्दन को काटने के अलावा कोई विकल्प नहीं है जो बिना हिच किचाहट हमारी ओर बढ़ी
01:42चीनी राजदूत को तलबगर काउंसल के बयान पर कड़ा विरोथ चताया।
02:12चीनी जहाजों निर्जन वीपों के पास गश्थ देखे गए जिन पर दोना देश दावा करते हैं। इसके जवाब में जापान ने इन चीनी जहाजों द्वारा जापानी समुदरी सीमा के छोटे लेकिन अव्याद उलंगन की निंदा की।
02:42ऐसे में क्शित्र में सैने टकराव की आशंका लगातार गहराती जा रही है।
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