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Ayodhya Ram Mandir Flag Hosting:25 नवंबर को एक बार फिर अयोध्या इतिहास
रचने वाला है. दरअसल, इस दिन विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाएगा और इस दिन
राम मंदिर के शिखर पर केसरिया रंग का ध्वज फहराया जाएगा. इस खास कार्यक्रम
में राम लला के पड़ोसी नूर आलम (Noor Alam) को भी न्यौता मिला है.
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Transcript
00:00हम लोग यहीं पर रहते हैं, कई पीडियों से हम लोग रहते हुए चले आए हैं
00:04और हम भगवान शरी राम के पडोसी के नाम से भी जाने जाते हैं
00:09यह हमारा सौभाग था कि हमको जो है कारिकरम के अंदर में हमको मौका मिला
00:15और हम जाएंगे, बिलकुल जाएंगे
00:18और चुकि एक ऐसा इतियास लिखने वाला है और उसके हम लोग साक्षी बनने वाले हैं
00:23तो इससे अच्छी और कोई बात तो होई नहीं सकती
00:25जीवन के अंदर में यह सब पल हमेशा याद रहेंगे
00:2842 साल के उमर में इतने रूप अज़द्या के देखें हैं
00:32इतने रूप अज़द्या के देखें हैं
00:34और अब जो अज़द्या हो गई है
00:37हम लोगों ने कभी कलपना नहीं किया था कि कभी हमारी अज़द्या इसी हो जाएगी
00:41बिश्म में आज नाम होता है
00:44हर जगा जाते हैं
00:46हर एक लोग के ज़द्या के ही नाम है
00:50और इसका शेद जो है सिर्फ हमारे परदानमंत्री और मुख मंध्री जी को जाता है
00:55अगर किसी का मकान बनता है या किसी का कोई भवन बनता है अगर उसमें कोई सहयोग करता है
01:00तो इस इंसान उसके आहिसान को पूरे जीवन भर भूल नहीं पाता
01:04और यहां तो हमारे परदान मंतरी और हमारे मुख मंतरी जीने पूरी एज़ोद्या को ही बदल डाला
01:08हम लोग पूरे जीवन भर उनके आहिसान को भूल नहीं सकते
01:12फोटे ते शहर में कभी कलपना हम लोगों ने नहीं किया होगा कि हम लोगों को इंटरनेशनल एरपोर्ट मिलेगा, रामपतेसी रोड मिलेगी, इतना बड़ा रिल्वेश्टेशन मिलेगा, बसड़ा मिलेगा, यह यह सोचने वाली बात है कि जो लोग यहां के दिल्ली, मंब
01:42हमारे पास कोई अलफाज नहीं है कि हम आपके सामने बयान कर सकें, हम लोगों को जितना ज़्यादा इसके उपर में गर्व है, वैसे तो आप पड़ोसी कह लीजिए, भगवान श्री राम हैं, अपने महल में हैं, यह सब उनका प्रांगड ही कहलाया जाएगा, यह उनकी प
02:12आप रस रही है, बिल्कुल भंडारा चलाते हैं, प्रांट पतिष्टा में भंडारा चलाते हैं, चलाए थे और यह भी यह हमने हमारे भाव जी जो हैं, हमारे श्रीमान चमपतराय जी का उस दरम्यान में निर्णा हुआ था कि यहां पर भंडारा सब चलेगा, तो यह रसो
02:42और कुम्ब के मेले के अंदर में भी पूरा करीब दीड़ महीने तक समझे कि रोट के उपर में सब पूरा चाय नाश्टा पानी के इंतजाम सब लोग हम लोग बिल्कुल रात दिन लगे हुए थे और यह हमारा भाग है और भाग क्या है यह तो उनकी मर्जी है कि जिसकी जिस
03:12जिनके जहन में जिस तरह का भी जो जैसा माहौल चला है वो अपना चलेगा लेकिन हम लोग तमाम सारी चीज़ों को अपने जहन में लाने का कोई मतलब ही नहीं है
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