Talaq-E-Hasan: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने तलाक-ए-हसन (Talaq-E-Hasan) से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी कर डाली. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक तलाक-ए-हसन पहली नज़र में गलत नहीं है. मुस्लिम महिलाओं के पास भी खुले तलाक का अधिकार है..
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00:00सुप्रीम कोट ने साल 2017 में ट्रिपल तलाग को जानी ततकाल एक के वाद एक तलाग देने को गैर कानून गोशित कर दिया था
00:13और संसद ने साल 2019 में कानून बनाकर के इस फैसलों को पुखता कर दिया था ताकि कोई भी शोहर अपनी बीवी को छोने के लिए वाटसेप, मुबाइल, इंटरनेट और गुस्से में आ करके तलाग न दे सकी लेकिन जहां तलाग बिद्दक को मनमाना और कुरूर बता करके ख
00:43लेकिन ये तरीका जरूर हलका है लेकिन क्या बेवहार में कम असमानता का बेवहार रखता है दरसलों इसमें अभी भी पती को यादिकार है कि वो हर महीने एक बार तलाग कहकर के अकेले ही शादी को खत्म कर देता है
00:59सुप्रीम कोट आखिरकार ये देखने की ओध्यान दे रहा है कि क्या ऐसे एक तरफा प्रक्रिया समवैधानिक लोकतंत्र में चारी रह सकती है जो बराबरी को महत्तों देने का दावा तो करता है आखिर तत्काल और धीरे धीरे होने वाले अन्याय में फर्क सिर्फ प्रक्
01:29प्रक्रियानि साब छलक रही थी कि तलाक हसन और इसके लेंगिक्ता असमानता पर असर को लेकर के दायर याजकाओं पर सुनवाई करने की जरौत क्यों है जजो ने आखिर में ये सवाल पूछ लिया कि जो हम में से कई लोक सालों से पूछते आ रहे हैं कि क्या आधुनिक स
01:59महानता साबित करता है और वो खुद चाहे तो तीन महीने में तलाक दे सकता है इसलिए सुप्रीम कोट ने टिपनी की कि आधुनिक समाज में क्या और कैसे अनुमती इस बात की दी जा सकती है वो भी सर्फ पूरुस होने की वज़े से अब इसी को लेकर के चर्चा में है तल
02:29शरियत यानि हन्फी मजहब में मान तीन तरह के तलाक में से एक तलाक ये भी है पहले वाला जो मैंने आपको बताया कि ट्रिपल तलाक तलाक तलाक तलाक बोल दीए और आपस में संबन ख़त लेकिन तलाक हिसन में तीन महीने का पुखता वक्त है और उसकी कए प्रिक्रिया
02:59करने का फूरा मौका मिलता है और रजद यानि वापस आने की भी गुंजाइश बनी रहती है यानि गुस्से में अगर एक बाद तालाक किसी ने कह दिया तो उसके बाद एक महीने के अंदर अगर दोनों में सुले हो जाती है या फिर किसी वज़े से संबंध मधूर हो जाते ह
03:29आपस में तीन बार पवितर था यानि पीरियड आने की यानि महवारी आने के दौरान तीन बार तलाक वो दे सकते हैं यानि महवारी आवे और उसके खत्म होने के बाद वो एक तलाक दे जा उसके बाद एक महीने बाद जब फिर से महवारी आएगी और पवितर हो जाएगी
03:59अगले तुहर के बाद और तीसरा तलाग भी तीसरे तुहर के बाद फुल मिला करके इसका पैमारा लगभग करीब करीए यही है यह तलाग के सुन्नत प्रकारों में से एक माना जाता है यानि पवित्रता के साथ तलाग देना तलाग हसन की व्याख्या पहला तलाग जब महिल
04:29तलाग देदेता है दूसरा तलाग भी इसी प्रैमाने से जुड़ा हुआ है कि उसे पिएड़ा उसके बाद अगर वो आपस में संबंद नहीं बनाते उसके बाद अगले मासिक धर्म के बाद जब वो पवित्र हो जाती है तो दूसरा तुहर पूरा होता है और तब तलाग द
04:59एक साथ आ जाएं लेकिन इसमें भी पुरुष को ज़्यादा महत मिला हुआ है जब महिला मासित धर्म चक्र या फर गरववस्था से गुजर रही होती है तो तलाक नहीं दिया जा सकता ये भी बात इसमें लिखी हुई है लेकिन अगर पुरुष तीनों तलाक तुहर के बा�
05:29तलाक हसन कैसे अलग है इस बात को भी समस्दी दरसल अगर जब कोई सक्स एक बार में तलाक तलाक बोलता है उसमें मिया बीवी के बीश में सुलह की कोई दियाईश नहीं रहती शादी मौके पर ही खत्म हो जाती लेकिन अब इसे कानून के तहत खत्म कर दिया गया है इसके
05:59अब देख रहे हैं कि सुप्रीम कोट इस मामले में सुनवाई करते हुए कहां तक जाता है क्या पुरिश्रवादी मान सिक्ता से इसमें एक जड़त तो है क्या उसको सुप्रीम कोट खत्म करेगा या नहीं या आने वाले वक्त में पताच जाए फिलाल इस खबर में इतना ह
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