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खोलिए ताले अपनी जिंदगी के: साहित्य आजतक पर 3 नामी लेखकों संग बातचीत
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00:00सर्जन जी, क्योंकि आप I.S. अधिकारी हैं और कई बार, क्योंकि मेरे पिता जी भी इसी लाइन से हैं, तो मुझे इन लोगों का जिस तरह से ब्रेन फंक्शन करता है, जिस तरह से उनकी कारे शैली होती है, क्या मुश्किल रहा? आपके लिए किताब लेखनी मुश्किल था
00:30आते हैं दफतर, दस बजे दफतर, छे बजे वापस, नौ बजे सोना, खाना, जो भी है, वो एक तार्तम में चलता है, लेकिन एक लेखक के लिए ऐसे नहीं चलता है, लेखक के बन में तो जब थोट्स आते हैं, वो अपना पेन और किताब उठाई और अपना लिखना शु
01:00जाके कई बार आटरिया नो बजे ही पहुँच पाते हैं, लेकिन उसी डिसिप्लिन ने ये सिखाया कि किताब भी लिखी जा सकती है, और किताब भी ऐसे डिसिप्लिन से ऐसा नहीं है कि मैं सोचता हूँ, आज अच्छी हवा चल रही है, आज अच्छा मौसम है, तो आज ही
01:30लिखने के, तो मैं वैसे ही लिखता हूँ, जब समय मिल जाता है, फ्लाइट में लिखता हूँ, वीकेंड पे लिखता हूँ, शाम को रात को घर जाके लिखता हूँ, पर मेरा कोई ऐसा, पर एक इमेज तो आए सदिकारियों की यह होती है, कि खाली समय में गॉल्फ खेलते
02:00गॉल्फ मैं सोचता हूँ, अभी मेरी इतनी उमर नहीं हुई है कि मैं गॉल्फ खेलूँ, इसर कोई उमर ही नहीं होती है, ने, ऐसा नहीं है, गॉल्फ का बिल्कुल मेरे को शौक नहीं है, टेनिस मैं जुरूर खेलता हूँ, आपका लेकनी शौक है, तो यूपी ऐसी की �
02:30सबसे मुश्किल होता है, जब आप किताब लिखने जाते हैं, तो टॉपिक सेलेक्ट करना बहुत मुश्किल होता है, कौनसा आपका टारगेट ग्रूप है, क्या चीज़ पे लिखेंगे, कौनसा आपके इंट्रेस्ट का सबजेक्ट है, तो मैं बताता हूँ कि जब मैंने �
03:00ताला खुलना होता है, वो उसका टॉपिक सेलेक्ट करना, तो मेरी पहली किताब आई थी, इंडियाज वैक्सीन ग्रोथ स्टोरी, जिसमें बहुत अच्छी-ची काहनिया है कि कैसे अलग-लग वैक्सीन बने, और जो मेरी दूसरी किताब है, वो है, स्केलिंग माउंट यू
03:30सो यह किताब में साथ जो ऑफिसर्स हैं, जो रिसेंटली सेलेक्ट हुए हैं, दोजार एकिस, बाइस, तेईस में, और वो ऐसे बेक्ग्राउंड के हैं, जो बिलकुल हमबल, बिलकुल नॉमल, जैसा मैं भी आता हूं, जिस बेक्ग्राउंड से, एक रूरल एरिया से, तो �
04:00इस बात पर तो तालिया बनती है, इंस्पिरेशन खासकोर पर उन लों के लिए, जो बहुत लोग से बहुत हाइए हुटते हैं, और मैंने देखा है प्रशास्निक सिवा में ऐसे जायतर लोगें, जिनके बहुत ही हम्बल बैग्राउंड होते हैं, जो शाहेद लाम्पोस की
04:30कि कि अपने आपको हुए लोग मोडुवे depend कर पाते है अपने आपको इस ज़र्णी इसलिए
04:38स्केलिंग माउंट ऐल्यू ठींक अभीन जिनके अंदर एम आग होती ची आपके पर प्रिचैंज
04:45करने की और सग्म फोसाइटि के अपने नोगों के लिए इस लिए �
04:56प्रशन मैं करती हूँ और खास तो आपर वाक्सिनेशन पर आपकी जो किताब है उस पर भी चर्चा करेंगे और UPSC को लेकर भी लेकिन सर्जन जी क्योंकि आपका और हमारा रापता पहले भी हो चुका है यह मुझे अभी ग्यात हुआ तो उस लिहाज से आपका मैं जो स्केल
05:26क्या पंदरा सूत्र दे रहे हैं इसमें हम सभी क्योंकि जाहतर किसी ना किसी करियर से जुड़े हुए हैं लेकिन हर करियर की अलग चुनौती होती है क्या उन चुनौतियों के बारे में बातचीत है या फिर उन चुनौतियों को कैसे आप पार पाएं उस पर भी चर्चा है
05:56या आप corporate professional है, हम सब के साथ कुछ नो कुछ ऐसी skill set होती है,
06:01जो कि हमें उस area में काम करने के बहुत जरूरी है,
06:05आपके case में अगर हम बात करें, तो being presentable, कितना बढ़ी हाप communicate कर सकते हैं,
06:10यह बड़ा matter करता है, कितनी आपके पास information है,
06:13सर के case में, वो management बहुत matter करता है,
06:26यह ऐसी skill set है, जिसकी जरूरत किसी भी काम में हो सकती है,
06:30अब यह हम चारों के जो अलगना skill set हमारी job के लिए है,
06:34इसको आप change करके देख लीजिए हर किसी की जरूरत पड़ेगी,
06:37तो यहाँ पर जो मैंने कोशिश की है, उन skills की बात करने कोशिश की है,
06:41जिसके थूरू आप better हो सकते हैं, ना सिर्फ career में,
06:45जो कि career focus थी, हमने इसमें career की बात की है,
06:48तो यह दिखा है पंदरा सूतर career के,
06:50लेकिन as an individual भी मुझे रखता है,
06:52कि बहुत सी चीजों को हम यहाँ पर better कर सकते हैं, इस तरीके से.
06:55लेकिन कुछ लोग अपने पुराने वर्जन से ही चिपके रहते हैं ना,
06:58फिर वो better कैसे बनेंगे, क्या उस बारे में भी बात है इसमें?
07:01जो पुराने वर्जन से चिपके हैं, उनके रे किताब रिखी गई है,
07:04ताकि हम जो है, अगर मैं शुरू-शुरूशन से करियर जम्प मिल जाता है,
07:10आप किसी low-level work job से related हैं, या फिर डफतर से,
07:15ऐसे किसी brand से जिसको कोई ने जानता,
07:18अचानक से आपको escalation मिल जाएं,
07:20किसी ऐसी जगह पहुँच जाएं जो
07:22corporate के लिहाद से शेष्टम है
07:25या शेष्ट है उस case में
07:27आप अपने आपको कैसे revise करें
07:28दो बाते हैं अचानक जो
07:31growth कहीं भी आएगी
07:32एक चीज sure है कि दुनिया में
07:35balancing theory होती है
07:36अगर आपकी slow growth है कोई moment आपको मिलेगा
07:38जहां पर किया आप बहुत तेज हाई पाएगी
07:40और कहीं पर आपको कम होगा
07:42तो किसी को अचानक growth मेरी वो एक time पर कहीं ने कहीं
07:44down होगा अगर आप इस growth को
07:47fast रखना चाहते हैं
07:49तो आपके पास वो सारे reasons होने चाहिए
07:51खुद को identify करने के कि कहां पर
07:53किन reasons से ये growth आई थी
07:55और क्या ऐसे factor है जो मेरी इस growth को
07:57sustain रख पाएगा अगर आपके पास
07:59वो एक factor नहीं है तो अचानक वाली growth
08:01अचानक आपको नीचे भी रिखे जाएगी
08:02तो जितने दोगों को आपने देखा होगा बहुत आचानक उपर गए थे
08:05वो बहुत तेजी से उतना ही नीचे भी आए है
08:08बशर्त है कि उन्हाने खुद को
08:10workout नीचे आपने उपर
08:11कि ये skill set थे
08:13इस skill को यहां तक रखना है और इसके बाद
08:16इसको और इसको और लोग self-assessment
08:18भी नहीं कर पाता है जैसे UPSC को
08:20में ले लूँ अपने आपको
08:21analyze करिए ना अगर दसवी बारवी में
08:23number नहीं आए हैं आपके
08:25मतलब आपका caliber आपका
08:28intelligence question self analysis
08:30बहुत ज़रूरी है यह नहीं कि कोई भी उटके
08:32exam देदेगा और qualify कर लेगा
08:34बहले ही इसके attempts भी बढ़ा दिये जाए
08:36क्योंकि limited attempts होते हैं और आपको
08:37limited attempts में clear करना होता है
08:39ऐसे में मुझे लगता है कि
08:41parents का भी
08:44एक काफी हद तक role रहता है
08:46क्या उस पर भी इसमें चर्चा है
08:48parenting इसका part नहीं है
08:50रतनेश्वर जी
08:51मैं जब बातचीत कर रही थी
08:53रतनेश्वर जी से तो मुझे पता चला कि
08:55अपनी latest किताब लिखने के लिए
08:57नोंने डेज साल जंगल में गुजा रहे हैं
09:00आप में से कितने लोग ऐसे हैं
09:02जो अपने जुनून के लिए
09:04ऐसा कर सकते हैं
09:05तो उन्होंने ये किया है और मैं बहुत जादा
09:07उत्सुक हुई है जानने के लिए कि वो डेज साल कैसे थे रतनेश्वर
09:10लगभग डेज साल
09:26यही सित्यां बनती हैं आप जब बच्पन से काम करते हैं
09:32और जिस तरह से आपका एक वातवर्न तयार होता है
09:37फिर वो इस्तिया बनती जाती है
09:39अभी हमारे बीच जो भी बाते हो रही हैं
09:42उसमें बच्पन से हम लोगों को एक करियर के बारे में समझाया जाता है
09:49कि हमारा क्या-क्या अप्रोच हो सकता है जीवन में
09:52और किस तरह से हम अपने करियर में जो हम चाहते हैं
09:57वो एचीव कर सकते हैं
09:59अब यह सारी बातें शुरू यहां से होती हैं कि हम सब कुछ जन्म लेते ही मानना शुरू कर देते हैं
10:07मान लिया है हमने कि यह करेंगे तो यह होगा और इस तरह से करेंगे तो यह करियर में
10:15हम UPSC बन जाएंगे वगरे वगरे वगरे वगरे तो यह जो मानी हुई बाते हैं वो कभी भी आपको आप तक पहुचने नहीं देती क्योंकि सब कुछ मान लिया है आपने
10:26अब चाहे वो शिक्चक हों स्कूल हो माता पिता हों कितावें हों सब मनवा देती हैं आपको यही इस ट्रक्शर है और इसी के आधार पर आपको अपने करियर का चुनाव करना है
10:39आप जब जन्म लेते हैं साड़े साथ अरब आठ अरब की आबादी है पूरी दुनिया में और सब के चहरे अलग है डियने अलग हैं फिंगर्प्रिंट्स अलग है और हजारों ऐसी चीज़े हैं दुनिया में जो किसी के पास नहीं है आप अकेले हैं अजूबे हैं तो फि
11:09यहां संसार में कुछ ऐसा कर गुजड़ने के लिए जैसा किसी ने कभी कुछ नहीं किया और कुछ ऐसा ही मेरे जीवन में चलता रहा और जब मैं जंगल में रहा सवासाल से कुछ अधिक तो उसमें किस दिन मेरे ऐसे थे जब मैं स्थित्प्रग्य हो गया था नेहाजी इस्�
11:39मरन के बीच आप जीवित भी हैं
11:41और मृत भी हैं
11:43और दोनों नहीं हैं और फिर आप नित्त कर रहे हैं
11:45तो जब आप उस भाव में
11:47पहुंच जाते हैं उसको इस तित्व
11:49प्रग के कहते हैं और फिर
11:50आप सब कुछ जान लेते हैं
11:52तो ये जो मैं अभी कह रहा था
12:09से एक परंपरा चली आ रही है से कृष लो वर्सों से कि इस तरह से
12:13जीना है ऐसे रोजी रोटी तयार करनी है कोई नौकरी मिल
12:17जाए कोई सरकारी मिल जाए क्कोई प्राइविट जाए तो ये जो
12:20विवस्था है मैं उस फूरे स्ट्रेक्टर को � after करता हुं अपने
12:25इस पूरे अपने जीवनकाल में जो मेरा ये जीवनकाल रहा है और जो मेरा नया ग्रंथ है मैंने उसी में वो पूरा डिजाइन भी दिखाया है कि वो डिजाइन मत मानो जो मैं बता रहा हूं
12:37सlàता कि जाना चाहती हो बहुत देडर से बुझे इकष्च्या भी है कि जरना है आपकी फैमिली में कैसे रियाक्ट किया सबसे आदा
12:54मने जेंगन क comenz ज�stroke करना एंबस इस तरह की चीज़े भी टो सुनने को
12:59मिलती है जी तो दरसल
13:02जब आप काम कर रहे होते हैं
13:04तो कई बार परिस्थितियां
13:05आपके साथ तैयार होती है
13:07मेरा कोई इरादा फिल्मों के लिए
13:10लिखने का नहीं था मेरी कई किताबे
13:12है उपन्यास भी है परियावरन पर
13:14और ग्लोबल वामिंग
13:16पर कई किताबे हैं मेरी
13:17मोटिवेशनल हैं मैजिक की नहीं हो और जीत का जादू
13:20तो वो
13:21सब मेरा चल रहा था
13:24और
13:24मैंने अचानक एक
13:28जगह से ओफर आया एक
13:29नौटेडेम कमिनिकिसन सेंटर हुआ करता था पतना में
13:32जो 1977 में शुरू हुआ था
13:34और लोग वहाँ वीडियो एडिटिंग, वीडियो ग्राफी यह सब सीखते थे
13:401977 की बात है यह जिस समय इंडिया में वह सब शुरुवात भी थी वीदेश से आई थी वह सिस्टर सब
13:46तो वह सेंटर पर मुझे ओफर किया गया और फिर मुझे डीन बना दिया गया
13:51अब मैं कैमरा मैंने सीखा, मैंने वो पूरा पूरी प्रैक्टिस की और विद्यारतियों को पढ़ाया भी, मैं वहाँ टीन के पद पे था
13:58वहाँ से मेरी इच्छा हुई कि मैं मंबई चला जाओ जाओ सीरियल लिखने के लिए
14:03और जाते ही मुझे मिला भी मानो या ना मानो मैंने लिखा जिसमें इरिफान खान एंकरिंग करते थे
14:09तो वो सीरीज मैंने लिखा लेकिन जादा नहीं लिखा और फिर वहीं से मैं जहाँ पे मैं रह रहा था
14:16वहाँ से मैं चला गया जंगल की ओर और वहीं जाकर रहने लगा जो संजे गांदी उद्ध्यान है नैसनल पार्क तो उसका पीछे का जो हिस्सा है वहाँ पे तेंदुआ सापसर रहता है तो उस तरफ मैं चला गया और फिर वहीं जाकर वहीं रहने लगा वहीं पे खाना खु
14:46देखने को आपको नहीं मिलेंगे तो वहां पे जो मैं रहा वो पूरी इस्थितियां तयार हुई कि मैं उस जंगल तक पहुच पाऊँ और जब मैं इस्थित्प्रग की अवस्था में था और जब तीन दिनों बार जब मैं बोलना शुरू किया मैं तो मौन हो गया था जब मै
15:16क्या ज़रुत थि किताब लिखने के लिए नहीं के था पहले मैंने बताया कि उसके वाद पहली बार इच्छा उई कि मैं सीरियल लिखूं और तब मैंने लिखा मानो यहन अमानो सीरीज के लिए पहला आप देखेंगी तो मैं ही पहला लेखा कुष का इस इप्लेंग प्रा
15:46गट्स लगते हैं ऐसा करने में आप अपने सेड जीवन से निकल कर किसी ऐसी जगह जाएं जहां जीव जन्तु प्राणी सब दिख रहे हैं और फिर आप सब कही रहें कि एक ऐसी अवस्था ही जब ना जीवन की सिती लगी ना मृत्यू की कहीं बीच में ही थे लेकिन दो लो�
16:16है अलग ही होता नहीं है इसमें अलग टाइप के चैलेंज़ है एक कॉर्परेट है जिसमें अलग टाइप के थपेड़े होते हैं उसमें कोई टाइमिंग नहीं होती है उसमें बॉस का अलग ही डंडा होता है तो वो चुनाव कैसे किया जाए इन दोनों से जान लेते हैं क�
16:46में मेरा सेलेक्शन हुआ था, 2025 हो गया, एक दिन भी मेरे को नहीं लगा कि मेरे को किसी और जॉब में होना चाहिए था, और अगर मेरे को दुबारा अभी वापस लिखना पड़े और फिर 30 साल मिलें तो मैं दुबारा UPSC लिखके IS Officer ही बनूँगा, गजब dedication है आपका, लेकि
17:16आज वो वेस्ट बेंगल काडर में है, SDM है, दूसरी एक बहुत अच्छी स्टोरी और है इसमें, एक स्टोरी है अंजली शर्मा की, अंजली शर्मा सिक्किम में रहती थी बहुती रिमोट एरिया में, फादर एक फेक्टरी में छोटा काम करते थे और वो बिलकुल नॉमल �
17:4611-12 किया, पहले तो अपने आपको वापस जोड के, देखिए एक तो होता है, शुरू से आखे नहीं है, तो पता नहीं है, लाइफ किती ब्यूटिफुल है, किती कलरफुल है, लेकिन एक आपकी अचानक आखे चली जाएं जब आप 16-17 साल के हैं, इमेजन कर ये पूरा ल�
18:16सकलीफ हुई, और फिर यूट्यूब से सुन-सुन के उसने इतना बड़ा जो पहाड जसा सलेबस होता है, यूपीएसी का, वो याद किया, यूट्यूब से सुन-सुन के त्यारी की, क्योंकि देख नहीं है, कोई कोचिंग नहीं, सिक्टिम में एक बिल्कुल फेक्टरी व
18:46आपके जीवन में करीब मित देखी आपने, कुछ आपने कहां से इन स्टॉरी स्कोरी देखिए, मैंने सबसे पहले तो क्राइटेरिया बनाए कि किसको सेलेक्ट करना है, पांच जार आइस ऑफिसर हैं, सबकी कानी नहीं लिख सकते, तो मैंने पहला क्राइटेरिया था कि य
19:16जारी करने के हिसाब से है, सो रिसेंट वाले बच्चे थे, फिर मैंने कुछ क्राइटेरिया बनाए, जैसे एक ऐसा मिर कुछ यह था जो एक माँ बनने के बाद, परिवार संभालने के बाद एक लड़की है, जिसने यू प्यसी क्रैक किया हो, तो वो मिन्नू पी है, मैं के
19:46है, मेरी इस बुक में साथ लोग है, उसमें से कम से कम तीन फर्स्ट अटेम्ट में क्लियर हुए है, तो ऐसा बच्चा मैंने सेलेक्ट किया, एक टॉपर ऑफ दे बैच का बहुत क्रेज होता है, वो जिंदगी इभर टॉपर रहता है, जैते हैं कि जो यू पी हैसी की त्या
20:16रात देन बस यही सोचना चाहिए, यही मैं मानता हूँ.
20:46मैं छोटा से इंसरेंड आपको बताता हूँ, फर्स्ट जॉप जो मेरी थी, वो मीडिया हूस में थी, ब्रेंड एग्जिकेटिव के तौर पर थी, तो हम लोग का काम जो है, चुकि हम एग्जिकेटिव हैं तो सब को अलग अलग काम दिये थे, मेरे पास इवेंट का काम थ
21:16उससे हम बधाई नहीं देते हैं, बधाई तो ऐसी देदी, चलिए हसके लेकर अंदर ये अंदर कूड़ जाता है आदमी, लेकिन मैं एक चीज़ और मैं असको काम चोर कह रहा हूँ, लेकिन हम जो तीन थे, हम तीनों ने ये भी डिसाइड किया कि ये बॉस का चमचा है, य
21:46अपनी नौकरी करते थे, नौकरी हमने बहुत अच्छे से की, अपना सारे काम किये, और इसके बद घर जाना है, मस्ती करना है, सटेड़ को अट्टार में बैठना है, दारूपी नहीं है, यह काम होता, लेकिन वो प्रेजेंटेशन स्कल इंप्रूव करने का काम नहीं किया
22:16इंप्रूव करना कि जो नहीं हुआ इसके पीछे क्या फेक्टर है, हाँ हो सकता है कोई बॉस का चमचा भी प्रमोट होगा, यह भी पॉसीबर है, लेकिन बहुत सारे चांसे हैं जहां पर की मेरी अपनी कमी को मैने इंप्रूव किया था, वो हाद इंट्रूव करने के अश
22:46प्रमा सूप खरीदे लो यह ऐसा कोई भी वशिंग पाउडर, उनकी जो ड्रेस है, अगर आपके घर पे कादमी गंदे से कपड़े में आये और बेल बजाए कि भईया जड़ा सुनना, तो आप भी कहेंगे अंदर से यहां क्या है, और वहीं पे हम लोग इस तरह से जो से �
23:16और इसके बाद next part communication है, तैसा नहीं सिर्फ कपड़े अच्छे पहने है, और हम लोग होस्टल में नियाजीव करते थे कि कुछ लोग थे हमारे जिनको हम विक्रम वेताल कहते थे, इतने सुन्दर ड्रेस्ट यामाहा और एक संडर उनके पास, और वो आते थे एक्तम स्टाइ
23:46अगर जीवन में लगातार सफलता मिल रही हो, कुछ भी काम ना कर रहा हो, ड्रेस वेल, स्पीक वेल, कुछ भी, तो दो मैजिक इन यू को कैसे हम सामने लाएं, क्योंकि इसके बारे में आपने कई बार बोला भी है, कहा भी है, और यहां पर बहुत सारे लोग जानना भी च
24:16मतलब दुखद है यह कि आपका यह पूरा जीवन बिना यह जाने निकल जाए, आप जान ही न पाएं कि आपके पास कौन सी शक्तियां थी, और एक आंतरिक तौर पे एक पंख भी था आपके पास, जिससे कि आप उरान भर सकते थे, और आपको पता ही नहीं चला जीवन में
24:46और नौवी दस्मी तक जाते जाते हैं, जो गाइड किया जा रहा है, उसके हिसाब शाफता इत्ता है करने लगते हैं, यह आएटी, यह आएम और वगएरे वगएरे वगएरे, यह सब डिजाइन, आप कभी भी अपने भीतर के उस डिजाइन को नहीं देख पाते हैं, जिन
25:16उन सब ने वही माता-पिता क्यों पाया है, और उनका जन्म वो हुआ, तो वो वही क्यों हुए, इसका बहुत पहले से निर्धारन होता है, उसके नौ कारण हैं, और उन नौ कारणे की वज़ा से आप, आप हैं, कोई और नहीं बन पाये, और नहीं बन पाये, लेकिन अब �
25:46बदलने का प्रयास कर रहे हैं, अपने आपको बनाने, अपने आपको तयार करने का प्रयास कर रहे हैं, कि ये structure है, हम इससे UPSC कर जाएंगे, अपने आपको तो आपने कभी जाना ही नहीं, अपने भीतर तो आप गए ही नहीं, मैं उस बात पे थोड़ा सा और इंगित करना
26:16में कोई ऐसी चीज नहीं इस रिष्टी में इस ब्रह्मान में आप वहीं तक पहुच पाते हैं जहां तक स्ट्रक्चर आपको ले जाता है आपके पास आप सिंपल सा अभ्यास कर लिजेगा घर में अपना हाथ हथेली ऐसे सामने रखिए उसको ध्यान से देखिए तो सारी ची
26:46उन चांद सितारों को आप देख रहे हैं कितना सिंपल प्रैक्टीस है यह कि इन आखों को चांद सितारों तक देख लेने की चमता थी हमने उसके सामने एक हथेली रख और यह सारा स्ट्रक्चर वो हथेली ही है उस से बाहर कुछ नहीं वो हथेली हडाएंगे तभी यह UPSC
27:16कि तांसे निगीत गाए और बारिश हो गई वो जूठी बात नहीं थी मैं आपको बदाना चाहता हूँ
27:22इसका प्रियोग मैंने करके ये बात में अपनी लिखी हैं
27:25तो इसलिए आप कुछ भी कर सकते हैं लेकिन उसके लिए आपको अपने भीतर जाना होगा
27:31बाहर के structure को वहीं रहने देना होगा
27:34उसका पूरा process है
27:39और वो आपकी किसी किताब में mention है शायद वो यही जानना चाह रहे है
27:49वो तो है लेकिन उसका पूरा अब यहां पे तो पूरा बताना संबब नहीं है
27:55लेकिन निश्चे तोर पे एक शब्द में मैं बताऊं कि वो ध्यान ही एक प्रिक्रिया है
28:00ध्यान वो आपको आपके भीतर ले जा सकता है
28:04एक शब्द में अगर बताना चाहूं
28:05मैं पूरा process भी बताता हूं पूरा करवाता हूं वो process
28:09लेकिन आज आपके लिए वो शब्द है ध्यान, हमारे नए बच्चे तो ध्यान वेगरा को समझते होंगे कोई धार्मिक चीज है, वो एकदम अधार्मिक चीज है, धर्म से कोई ले, जिस धर्म को जो संप्रदाय है, जिसको आप धर्म कहते हैं, उस संप्रदाय से उसका कोई
28:39बाँर आने तक की पूरी प्रकृरिया देखी आपके भीतर वो सारे स्मरन हैं आप
28:46अपने अपना यह स्ट्रकशर लिया ऐसा ही क्यूं लिया कोई पशुख और कजैसा क्यूं नहीं
28:51लिया यह सारा श्ट्रक्श्र आप स्मरन के साथ लेते चले आ रहे हैं ऐसे फीनहें
28:57ही लिए आपने जिसम आता के गर्व से आपने जन्म लिया और पूरा कैसे आपका शहरीर वैसा ही डीजाइन लिया वहीं पर आंथ है वहीं पर पे पेट हैं वहीं ही डीजाइन क्यूंось
29:08वो तभी संभव था जब जो तत्व आ रहे थे उनका अपना स्मरण था और उन स्मरण के सहारे वो डिजाइन कर रहा था आप गर्व में जब आते हैं कोशिकाएं बननी शुरू होती हैं तूटती हैं फिर जुरती हैं यह सारा कुछ किसी किताब से नहीं आया वो आपने किया
29:38जावन एक चादर उसके बाद आप उसके बाहर कभी नहीं देख पाए आकास देख सकते थे आप
29:44क्या जन्म पूर्व जन्म जैसा कुछ नहीं होता है और इसका पूरा स्ट्रेक्चर फिर समझाना पड़ेगा क्योंकि वो एक बहुत ही लंबी प्रिकिरिया है समझने की
29:59सर्जन जी मेरा आपसे सवाल है कि जो लोग UPSC अटेम्स करते हैं और उसमें सफल नहीं हो पाते हैं कई वर्ष बरबाद हो जाते हैं तो बरबाद तो नहीं कहेंगे क्योंकि वो उस प्रॉसेस में उस प्रक्रिया में है लेकिन उसके बाद उससे रिकवर होने में कई बार स
30:29बाइस देना चाहेंगे आगे क्या करें वो किस दिशा में जाएं कैसे फोकस उसके बावजूद रहें और बहुत एक्स्ट्रीम में ना सोचें कई बार आत्मात्या तक की नौबत आ चाती है तो पहले तो मैं रतनिश्वर जी की बात से आगे बढ़ाता हूं जब इनोंने क
30:59सेलेक्शन नहीं हो लेकिन ठीक है कई बार होता है कुछ लोग के साथ तो उसमें मैं कहता हूं कि समय बरबाद नहीं मानता मैं इसको क्योंकि जब आप इस प्रॉसेस से निकलते हैं बहुत कुछ सीखते हैं पहला तो नौलेज इतनी बढ़ जाती है क्योंकि त्यारी के दोर
31:29से कम 10 से 12 घंटे पढ़ रहे हैं धान से पढ़ रहे हैं कॉंसेंट्रेशन से पढ़ रहे हैं तो जब आप निकल के आते हैं और उनफॉचुनेटली सेलेक्शन नहीं होता है तब भी बहुत आप एक बैटर परसन हैं दूसरा बहुत सारी ऑपरचुनेटी और खुलती हैं ऐसा
31:59एरिया में जाएं एक बैटर परसन बनेंगे बैटर केरियर में आपका प्रोग्रेशन होगा क्या आप उसके बाद कॉर्परेट सजेस्ट करेंगे देखिए उसके बाद आपके इंट्रेस्ट के उपर है डेफिनेटली कॉर्परेट एक अच्छा एरिया है क्योंकि आप एक
32:29मैं बहुत सारे ऐसे लोगों से रापता होती हूँ जो
32:34कॉर्परेट से एक ताइम के बाद आपका मौ भंग हो जाता है
32:37आपको लगता है एक बहुत ही रूटीन, स्ट्रुक्चर्ड सा और
32:41बहुत सारे प्रेशर में दबाव में खास तोर पर टाइम के लिहाज से लोग रहते हैं
32:46एक अजीब सा उनके दिमाग में उल्जन्स ही रहती है
32:50वो लोग जो कॉर्परेट से खिन हो रहे हैं और उस करियर से बाहर आना चाहते हैं
32:56क्या आप ऐसे लोगों को अडवाइस करते हैं कि वो लेखनी के शेतर में आ जाएं
33:01या फिर और जो उनकी होबीज हैं उसको डेवलप करें हाला कि वो इतनी लुक्रिटिव नहीं होंगी
33:05क्योंकि कॉर्परेट में आपके मोटे पाकेज़ होते हैं
33:10इस तिदी में आप क्या कहते हैं उनसे
33:12मुझे रखता है कि मैंने 2021 में जॉब छोड़ी और जब मैंने जॉब छोड़ी उस समय मैं
33:16Oxford University Press को South Asia head कर रहा था
33:18तो एक चीज जो मुझे पूरे 18-19 सार के करियर में नजर आई
33:22वही आई कि मैं अपने आपको काफी पहचाना
33:24कि मैं क्या चीजें बहतर कर सकता हूँ
33:27और corporate के time हर किसी को डखता है कि छोड़ना है
33:29छोड़ के कोई अपना काम करना चाहता है
33:31वो writing भी हो सकती है
33:32वो आपका business भी हो सकता है
33:34इस पूरे process में मुझे अपने बारे में दो बाते समझ में आई
33:37कि मैं बाते बना सकता हूँ
33:39रिख सकता हूँ उनको
33:40मुझे अपनी writing skill के बारे में नहीं पता था
33:432010 तक मुझे नहीं पता था
33:45बात बनाने के पैसे नहीं मिलते हैं ना सर
33:47यही तो corporate निसका है कि बात बनाने के पैसे आपको कैसे मिल सकते हैं
33:52Hindi में मैंने एक बहुत strong कमी धूंडी कि content का market है अज की तारीख में
33:58लेकिन content market करने वाले लोग English के लोग हैं
34:01Hindi समझने वाले और content को market करने वाले नहीं है
34:04पादे नहीं है और वो एक जो gap है market में मैं इसको फिल कर रहा हूं
34:07तो मेरी अभी जो income है obviously वो मेरी salary से तो बहुत कम है अभी भी
34:10लेकिन मेरे खर्चे आराम से चल रहा है और मेरे पास इतना time है
34:13लेकिन सुकून है
34:14सुकून है
34:15So you are traded, सुकून for पैसा
34:17और मेरे खर्चे के रहे हो रहा है
34:19बहुत कम लोग इस तरह से सोचते है
34:21इस मुझे रखता है कि पहले जो शुरुआती दौर था मैंने इतना तो पैसा बना लिया
34:25किसे जा रहे हैं सुबह से जा रहे हैं
34:27रात में आ रहे हैं
34:28फिर Saturday Sunday भी चले गए
34:30कोई ओफ नहीं ले रहे हैं
34:32किसलिए for money
34:34उसमें गल्टी जो होती है हम जैसे
34:36रोंक साल मिडल क्रास से आते हैं
34:38इन्वेस्टमेंट शुरुआती साल में नहीं करते हैं
34:40जब डंडा पढ़ना शुरू होता है शादी होते हैं
34:42और ambition भी होता है उसमें आप
34:44स्केलिंग करना चाहते हैं आप एक गाड़ी से
34:46और उची गाड़ी पर एक घर से
34:48थ्री भी एच के से उसके बाद पे
34:50यह सब तमाम ambitions होते हैं
34:52जो कही बार आपके corporate career में आपको
34:54उसी तरीके से stick-on रखते हैं
34:56जैसा कि आपने शुरुआत में किया था
34:58अब बुढ़ापे तक रिटारिमेंट तक वैसी करते रहेंगे
35:00भले ही आप सारे सर के बाल खो दें और सारी सेहत आपकी
35:04वहां पर रतनेशुर जी की बुख पढ़नी चाहिए
35:06जब यह स्टेज आजाए ना तो इनकी बुख पढ़के
35:08आप मैं को ढूंडी है और थोड़ा सा शान्ती रखिए
35:10क्योंकि अंबानी को बढ़ता है कि जए बज़ों से तो कमी पैसे हैं मेरे पास
35:16रधनेशुर जी क्योंकि आप यहां पर दो ऐसे बहबान देख रहे हैं
35:19जो कॉर्परेट हैं कि सरकारी हैं
35:21तो एक बड़ा कॉंट्रास्ट होता है दोनों में और मैंने दोनों को अन्भव किया है क्योंकि हमारे घर में अलग महाल था और मेरा अलग तरह का करियर है
35:30और हमारे करियर से तो आपके फैंस में कोई टाइमिंग ही नहीं होता है
35:33होता है. There is no timing, no off and no set routine.
35:38तो ऐसे में कई बार आप अपना mental balance, कई बार आप अपना
35:42cool, calm, बहुत सारी चीजें जो हैं वो हवा हवाई हो जाती हैं. आप भली कितना
35:47ही motivate कर लीजे, आप give up कर देते हैं. ऐसी state में व्यक्ति को
35:53क्या करना चाहिए, क्योंकि यह असान नहीं है, कि आप दिन रात
35:57एक ही set pattern, एक ही धर्रे पे काम कर रहे हैं और उसके बावजूद
36:01आप वही फूर्ती, वही उर्जा, रोजाना अपने काम में लेका रहे हैं, क्योंकि
36:05स्क्रीन पर दिखना होता है, आपको वह passion भी चाहिए, आपको fresh भी दिखना है, आपको knowledge भी होनी चाहिए, आपको पढ़ना भी है, आपको aware भी रहना है, सब कुछ का समावेश कई बार एक ही इंसान के लिए बड़ा
36:17मुश्किल होता है, निया जी, आपके लिए तो ये है कि आप, जब थोड़ा सा भी लगा कि अब आप ठक ठक रहे हैं, वो ठक इसलिए रहे हैं, क्योंकि एक structure दिया गया है आपको, कि आपको अभी ये सब ये सब करना है, और आपको करती हैं, अफरे तो तक दूसरा structure आच�
36:47मैं सभी corporate को ये सला दूँगा, कि एक ध्यान कक्ष बनाए, और 9 मिनट का केबल, एक विशेश ध्यान है, अगर वो उस कक्ष में जाकर 9 मिनट का ध्यान कर ले, तो उसकी सारी कोशिकाएं वापस सफूर्ती के साथ काम करने को तयार हो जाएंगी, तो ये सभी corporate के लिए मेरा
37:17सर आपनों ऐसी चीज बता दी तो संभा भी नहीं है, नौ मिनट का और 9 सेकेंड भी जाने नहीं है, सर प्लस मुझे एक चीज जाने, मैं आउंगी आपके पस माम, माइक बिदलवाएंगे आपको, कई बार आपके emotions आपके काम पे हावी हो जाते हैं, और हमारे साथ अक्सर �
37:47जैसी मैंने वो खबर पड़ी, I couldn't control my emotions, उस state पर आप अपने भावनाओं को कैसे काबू में रखें, क्या उस पर आप थोड़ा हाइलाइट कर सकते हैं, क्या आप स्क्रीन पर भी हैं, आपको इमोशन जाहिर भी नहीं हो देने और आपको अपना composuren maintain करना है, कैसे करें हों?
38:17तो उस स्थिति को देखने के बाद मुझे ऐसा लगता है, कि अब मेरे पास भी समय बहुत कम है और बहुर दूद जाना है सोने से पहले, तो अब आप उस समय अपनी स्थिति को आपकी कोशिका हैं किस तरह से काम कर रही हैं, वो पूरा design आपको तयार करना है, और वो designing आप
38:47समवेधना के जरूरी होने और नहीं होने के बीच नित्र करने लगें, आप तब उस आनन्दी में पहुते हैं, जंगल में जाके सवा साल वाला वर नित्र, वो थोड़ा संभव नहीं, सर्जन जी, यह आपने जो vaccine पर किताब लिखी, कितने सारे भ्रातियां थी vaccines को लेकर, �
39:17वो आपने कितनी closely अनुभव किया और उससे कैसे लोगों को educate किया उसके बारे में, अपनी किताब के मात्र, यह मेरी दूसरी किताब, बलकि पहले किताब थी India's Vaccine Growth Story, जो capture करती है vaccine के पीछे की बहुत सारी कहानिया, लेकिन इसमें एक chapter है जो आपने बात की, vaccine hesitation, और vaccine hesitation के पी
39:47discover किया था, और उसके पीछे काफी बार यह है कि जो दुष प्रचार होता है, या जो आधा प्रचार होता है, उसको लेके लोगों के मन में फैल जाता है, और कई बार वो vested interest से होता है, क्योंकि बोलते हैं कई लोग कि vaccine लगाना इसलिए है कि आपको sterilize किया रहा है vaccine लगा के,
40:17क्योंकि vaccine मैंने लगवाया था, उसके बाद मेरे को बुखार हुआ था, फिर कुछ year में infection हुआ तो मेरे को सुनना कम हो गया, उसको घुमा दिया गया कि आरे vaccine के कारण इनको सुनना कम हो गया, तो इस तरह कि बहुत सारी भांतियां फैलती हैं, मैं बहुत supporter हूँ vaccine का, vaccine जर�
40:47हो जाते थे, कुरूप हो जाते थे, polio होता था इतना, आप उने देखे निये polio के बच्चे, हमने देखे हैं बच्पन में कि चल नहीं पा रहे हैं, सांस नहीं ले पा रहे हैं, अगर पोलियो का, vaccine से eradicate हुआ, COVID से हम लड़ पाए तो vaccine के करण लड़ पाए, तो vaccine ही बोलते
41:17कि शोभा बढ़ाने के लिए, हमाई साथ चर्चा में शामिल होने के लिए, एक माम थी, उनको एक सवाल एना था, जल्दी से अपना सवाल ले लिजेगा, उनको एक बाइंक दे दीजे, ताकि कि किसी को कोई अफसोस ना रह जाए कि उस सवाल नहीं कर पाए, प्लीज माम, �
41:47तो एक और चीज है, जैसे आपने अभी नेहा मैडम को बहला, अपनी सवेदर्शी उसा को हमें कैसे अपने आपको कंट्रोल करना है, बींगे, हुमन बींग, जैसे हम फैमिली में रहते हैं, हम अपने एमोशन को नहीं रोग पाते हैं, जबकि कोशिश करते हैं, हम उनको र
42:17सीधे संभब नहीं है, क्योंकि यहां पे वो अभी पॉसिबल नहीं है, लेकिन उस नौ मिनट के प्रोसेस के बाद, जो मैं बताता हूं, नौ मिनट के प्रोसेस के बाद, निस्चित तोर पर आपकी शुरुवात हो जाएगी, कि आप कंट्रोल कर सकें अपने आपको कही तर
42:47अभी तक मैंने उसे डाला नहीं था, हलाकि यह पूरा प्रोसेस मेरा 2006 में हो चुका है जंगल में रहना और वो पूरा उस प्रोसेस से गुजरना, लेकिन मुझे आदेश नहीं था उसको अभी तक सामने लाने का, जब आदेश हुआ और एक सूरी में हलचल की आवशक्ता �
43:17प्रोसेस भी पूरा शुरू होगा, और लोगों को मैं सीधे संभब है कि आप तक भी मैं पहुंच जाओं और आपको बताओं, क्योंकि मुझे, मतलब कहीं पर भी मैं जा सकता हूं, पहुंच सकता हूं, इतना मुझे पूरा अक्तियार है, मैं वो कर सकता हूं, तो निश्�
43:47ध्यान ही एक रास्ता है, जो आपको हर एक्स्ट्रीम तक ले जा सकता है, आप जो कुछ भी चाहते हैं, नियंतरन से लेकर, स्वानियंतरन, आप अक्सर कहते हैं, कि उसको मैं जानता नहीं हूं कि कैसा आदमी है, जो खुद को नहीं जान पाया, वो दूसरों को भला क्या ज
44:17हमारे खास मैमानों के लिए हो जाएं, बहुत बहुत धन्यवाद आप तीनों का
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