असम के बिस्वनाथ जिले के गोहपुर के मूर्तिकार दिगंता गोहेन ने नारियल के छिलकों, पेड़ की छालों, बांस, पत्तों और दूसरी बेकार पड़ी चीजों से ऐसी-ऐसी मूर्तियां तैयार की हैं.. जो बरबस ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेती हैं.. दिगंता ने महान गायक भूपेन हजारिका, राष्ट्रपिता महात्मा और कवि हिरेन भट्टाचार्य की ऐसी मूर्तियों बनाई हैं, जिन्हें देखकर आपको यकीन नहीं होगा कि ये मूर्तियां बेकार पड़ी चीजों से बनाई गई हैं.दिगंता गोहेन के कल्पना और कड़ी मेहनत से बेजान चीजें भी जीवंत हो गई हैं. दिगंता गोहेन को बचपन से ही कला से लगाव था. 37 सालों तक कॉलेज में पढ़ाया भी.. लेकिन कला से लगाव खत्म नहीं हुआ. 2016 में जब ये रिटायर हुए तो अपना पूरा जीवन कला को समर्पित कर दिया. नारियल के छिलकों से बनी भूपेन हजारिका की मूर्ति और कवि हिरेन भट्टाचार्य की पेड़ की छाल से बनी मूर्तियां मास्टरपीस मानी जाती हैं.दिगंता गोहेन को ये प्रतिभा जन्मजात मिली है. इसके लिए उन्होंने कोई ट्रेनिंग नहीं ली.
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