सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में साफ कर दिया है कि राज्यपाल या राष्ट्रपति विधेयकों को मंजूरी देने के लिए किसी तय समयसीमा के बंधन में नहीं हैं। हालांकि वे किसी भी बिल को अनिश्चितकाल तक लंबित भी नहीं रख सकते। संविधान पीठ ने कहा कि राज्यपाल के पास तीन विकल्प हैं, मंजूरी देना, पुनर्विचार के लिए लौटाना या राष्ट्रपति के पास भेजना। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल की शक्तियों की न्यायिक समीक्षा सीमित है। यह फैसला संघवाद, लोकतंत्र और राज्यों के अधिकारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
00:00नमस्कार आप देख रहे हैं One India मैं हूँ आपके साथ सिधार्थ परोहित और आज हम डिसकस करने वाले हैं उस मुद्धे पर जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला अपना ही पलट लिया है दरसल आठ अपरेल को सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच जस्टिस जेबी
00:30को रेजेक्ट करें या उसको पास करें या फिर उसे राश्चर पती के लिए फिर से भीजें ताकि उस पर वापस बंधन हो सके लेकिन इस पर राश्चर पती ने एक आपत्ती के तौर पर 14 सवाल उन्होंने दिय
00:49और जिसके बाद आज सुप्रीम कोट का एक बार फिर से फैसला आया
00:54दरशल उन्होंने अपना ही पुराना फैसला पलट लिया है
00:57जिसमें उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोट के पास वो ताकत नहीं है
01:02कि वो रास्टपती या फिर गवर्नर के लिए समय सीमा तेह कर सके
01:07क्या है पूरा मामला जानेंगे इस सेग्मेंट में हमारे साथ है
01:11हमारे सहियोगी शिवेंदर गौड और साथ ही एक्सपर्ट ओपिनियन के लिए हमारे पास है
01:16सुप्रीम कोट के सीनियर एड़ोकेट धुरुफ कुमार
01:19बहुत-बहुत स्वागत है सर आपका वन इंडिया के साथ जुड़ने के लिए सर पहले तो आसान भाशा में समझाए यह ताकि मारे
01:30दर्शकों को कोट की वो टेक्निकलिटी समझ में आ सके कि हुआ क्या था आठ अप्राइल के दिन
01:36देखिये आठ अप्रेल के दिन यह हुए थी कि दो डीवी बैंच जो थी दो बंच तो उसमें यह कोट ने आदेश दिया कि बिकाज सुप्रीम कोट की एक अर्टिकल है 142
01:56डी वावर्तिकल में सुप्रीम कोट थे एक इमेंस पावर अप्राइब रॉइमेंस पावर आप शूप्रीम कोट शूप्रिम कोट साइड डीवीर में आप रैस एक जिस्टिक प्रोबम प्रेव था तो उसका इस इस आवर्टिकल को यूज रद एवगर्ट करते हुए
02:19सुप्रीम कोर्ट में जेस्टेश हॉनरेबल पार्टी वाला एंजेस्टेश हॉनरेबल महादेवन ने कहा था कि
02:26विकॉज देव टमिलाडू के तरफ से बारवार यह प्रेशर आ रहा था कि लॉंग पेंडिंग बिल्स जो है जिस पर
02:35स्टेट्स के कई स्टेट्स के थे हैं और जो स्केंद्र सरकार में जो अपोजिशन की जो सरकार बैठी हुई है वो उसको डिसाइट नहीं कर रहे हैं
02:46तो उस पर उन्रेबल पार्दी वाला ने डिरेक्शन दिया था यह पर यह लिमिटेद दाइम आप द्री मॉंट्स की दाट अगर्वल गवर्णर एन अगर्वल प्रेसिदेंट अप इंडिया
03:02तो उसमें उन्रेबल जो है जो प्रेसिदेंट आप इंडिया है उनके तरफ से 14 सवाल जो है
03:19खड़े किये गये थे और उनको सुप्रेम कोट को रिमाइंड किया गया था कि मेरे मेरे जो जो जो जो जो जो जो जबाब दीजिए
03:30कि किस आधार पर सुप्रेम कोर्ट है डवेस्ट पावर और अगर इस तरह से जो है एजक्यूटीब के पावर में अगर हर बात में गवर्णर के पावर में राश्पती के पावर में अगर सुप्रेम कोर्ट डैरेक्शन देने लगे तो फिर तो कोई मतलब भी नहीं है यह �
04:00प्लस चंदर चूड़कर जी अब इसमें यह तो आप से करना चाला हूं वह समझ गया पाथ जंचों की जो बैंच है उसने निर्णे दे दिया
04:26यह निर्णे अब जो दिया है तो हमारे लोग की समझ में एक साधानवासा में यह आता है कि पहले जो निर्णे दिया था उसमें राजपाल के उपर एक पावंदी थी जिसमें उनको बिल को डिसाइट करना था और तरीका यह था कि अगर वो बिल डिसाइट नहीं करते हैं या
04:56गया था इसको देने से पहले कि क्या राजपाल सुपर सीयम हो रहा है तो ऐसी स्थिती में जो फैडरल स्ट्रक्शर है जो संगिय धांचा है उसमें क्येंद सरकार मुझे आज के जो निर्णा है उससे बहुत पावर्फुल होते दिखाई दिखाई देरी को राजपाल जाय
05:26पाएंगी और राजपाल सुपर सीयम हो जाएगा नहीं इसमें यह जो डायरेक्शन जो दिया गया है टाइम लिमिट को जो मतलब टाइम लाइन जो एक फ्रेमवर्क था पहले तीन महिने का डाइट हाज बिन डेनाइट ना उसको बट साइमूल्टेसली वो जो टाइम ला�
05:56प्रेंच ने यह भी कहा है कि गवर्णर कैनोट सिट अन्द एनी बिल और लॉंग और इन ओर्डिनेट डिले अगर हो रहा है किसी बिल में तो अब उनको बिकाओ जीए कोपरेटीव फेडरालिज्म से गवर्णमेंट चलती है और कोपरेटीव फेडरालिज्म के को देखते
06:26जम्मेदारी तो सम्मंदिस सरकार होगी खास तोर से वो सरकार है जो केंद के जिस संगटन यानि कि जिस गड़वंदन की सरकार केंदर में है और अगर उसकी सरकार प्रदेसों में नहीं है तो ऐसी सितिती में राजपाल के सामने ये जो बात है ये सित करने की जम्मेदारी स
06:56लेकिन एक बार उस निर्ड़ने से लगता था कि साइद राज सरकारें कुछ अपना निर्ड़ने अपने जो बिल है वो पास कर पाएंगी उनको लंबित नहीं रखा जा सकेगा लेकिन अब बहुत बड़ी जम्मेदारी उन्हीं सरकारों पहा जाती है
07:08नहीं वो बिल्कुल सही बोल रहा है लेकिन यह जो फिर से जो डारेक्शन अंडर वन आर्टिकल 143 का जो गया है उसमें कॉंस्टिटूशन का कहना है कि जो आर्टिकल 200 और आर्टिकल 201 कहता है जो बिल का फिक्सेशन टाइम था यूनों थ्री मंस का उसको कैंसिल करते हुए उ
07:38इसलिए उनों ने कहा है कि तो इसलिए उनों ने कहा है कि
08:08तीन महीने का हम आपको टाइम लाइन लिमिट नहीं करते हैं लेकिन अगर इनॉडिनेट डिले हो रहा है तो गवर्णर को उसको कॉपरेटिव बात करनी होगी और इसको डिसिजन लेना होगा प्रयास को नहीं छोड़ना होगा इसमें दो चीज़ें और सामने आई है कि सु
08:38बनती है कि ऐसा लगे कि गवर्णर जानबूच कर बिलकु लटका रहे हैं उसको पास नहीं कर रहे हैं ना उसको रिजेक्ट कर रहे हैं ना ही उसको राश्रपदी के पास विचार के लिए भेज रहे हैं तो उसमें सुप्रिम कोट अभी दखल देने की इस्तिति में रहेग
09:08अगर आप लंबे अवधी तक बिल पर मतब कच्छ परनाग की तरफ डिब मारकर बैठ गया हैं नहीं ले रहे हैं तो वो समझा जाएगा कि आप जो है जानभूच कर इन ओर्डिनेट डिले कर रहे हैं तो जो पोजित पाटी जो है दे स्टेट कान कम टू एप्रोच टू द
09:38सर इसमें एक चीज़ और कहीं है कि आर्टिकल 361 यानि की आर्टिकल 361 जो है गवर्नर की जो भी कारवाई है उसको सुप्रीम कोट की समीक्षा से पूरी तरह बाहर रखता है अब ऐसे में ये एक तरह की क्लैश की इस्तिती बन रही है रास्ट्रपती और सुप्रीम कोट के
10:08के दारे से पूरी तरह बाहर होगी और सुप्रीम कोर्ट उस मामले में दखल देने की अब इस्तिती में नहीं रहेगा तो जहां पर केंद्र से अलग वाली सरकार है
10:36सब्सक्राइब कोड़ जो है नौट इन स्टेबल मूट तो डिसाइड ओवर इती रहों तो मुझे लगता है कि फाइनली जो है फिर से जो है आर्टिकल 142 और आर्टिकल 143 के तहद जो है यह इसू जो है लार्जर बेंच के लिए फिर से जा सकता है विकाज अभी तो फाइब
11:06कि बात है जो इस तरह के बिल्स को वह अपनी सेमली के के द्वार बेस कर रहे हैं जो केंद सरकार के शूटेबल नहीं है अब इसी में मेरे बात आती है कि यह अब निर्ने जो हुआ है और पिसला निर्ने क्या खतरनाक था उस दिसा में जैसे कि जब चाब बना या बिला तो
11:36उसी सरकारों में जो केन सरकार से सहमत नहीं थी उन्होंने अपने हां से एक बिल पास कहें कि हम इसे एक्ट को लागू नहीं करेंगे ऐसी स्थिती में क्या पिछले बिल में वो पास कर सकते थे या केन सरकार के दौरा जो पास बिल हैं लोग सभा में जो पास बिल हैं उन पर �
12:06कोई सरकार प्रदेश सरकार जो कि केंस सरकार के उस बिल पास का बिरोध करती है जैसे सी ए ए का बिल की बात करता हूं या बफ बॉट की बात करता हूं बफ पच्छेस नया अमेंडमेंट अक्ट है और इस पर जैसे पच्छिम बंगाल में वो कहते हैं कि हम नहीं पास करेंगे
12:36एमेंडमेंट बिल जो है वो 25 की बात कर रहा हूं और सी ए एक की बात कर रहा हूं जो 2020 तो उस पर वो सरकार यह कह सकती है उन्हें लगता है कि अगर हम इसका बिरोध नहीं करेंगे तो हमारा उनका एक खास बोर्ट बैंक उन्हें लगता है वो खिसक जाएगा और वो उसके ब
13:06या अब वाला जो निर्न है वो उसके लिए केंद को जादे पावर दे रहा है देखे अभी जो निर्ने आया है वो 100% केंदर के फेवर में है और जो 8 अपरेल वाला जो आडर था वो एक्सक्लूसीबली जो था वो बिल मतलब प्रिसिडेंट और रास्पती के टाइम लिमि�
13:36ऐसा कोई डारेक्शन नहीं था वो सिर्फ टाइम बाउंड था लेकिन अब वो टाइम बाउंड को भी खतम कर दिया गया है बट वन्यू टॉकिवाट अप्ट अप्ट अप्ट अप्ट अपन की गवर्णर या प्रिसिडेंट जो है एस्टेट के द्वारा पारिद बिल को �
14:06स्ट्रेट में यह वापस से इस तरह की सिति बनेगी जब विधान सभा किसी बिलकुँ पास करेगी और गवर्णर ऑफिस से उसको लटका दिया जाएगा
14:15नहीं आपका यहां पर बिलकुल सही बोल रहे हैं विकाज अभी जो डॉल्डरम स्थिति है बिलकुल सेनारियो क्लियर नहीं है विकाज अब टाइनलाइम को भी खतम कर दिया गया है विकाज और आने वाले समय में एक और चीज इसमें मैं एड करना चाहूंगा फिर इसका स
14:45तो उसमें बोटिंग के तज्यों है एक किलियर गाइड लाइन चाहिए लेकिन सवाल यह भी उठता है कि कई आर्टिकल ऐसे हैं जैसे आर्टिकल 351 की जो बात है गवर्णर्स का प्रोटेक्शन की जो बात है प्रिसिदेंस को प्रोटेक्शन है कि सुप्रिम कोर्ट कैनो ड
15:15सिर्फ एक ही बात संभव है कि डायलोग के से ही यह काम आपस में कोपरिटिव वे में काम हो सकता है को इसमें इंटर्वीन नहीं करना चाहिए
15:25विकॉज कोट है नौट दे एपसलूट पावर तो यू नौ गिफ डायरेक्शन ऑन सच इशूज विकॉज कई ऐसे जैसे आप धर्ब परिवर्टन का कहीं पर मामला आ गया कहीं पर कोट का मामला आ रहा है कहीं पर नर्सी का मामला है
15:44रस्दान की जिए का मामला है तो सिधा कोए फैसला नहीं दे सकता वह लेकिन मामला है पर मामला में
16:02आर्टिकल ट्रिट्वएंटिवस और्नेवल्र परिपन क के पास हिए जवाया तो वहां पर एलेक्सी ने संभिधान
16:13इधारा तीन सो अनुछे तीन सो चौवीस उसने रेफर कर दिया कि हमें एनी टाइम बिफोर एलेक्शन कान गो फ़र एसा यार यू नो इस पेशल इंटेंसिब इन्वेस्टिकेशन के लिए हम जा सकते हैं उसमें समिधान कहीं और यह नाइन इन्वेस्टिकेशन है इसलिए �
16:43कोई रिलीफ नहीं मिल सकता विकाज ऐसा यार सुद्धिकरन की बात कर रहा है कि बॉटर लिस्ट का सुद्धिकरन हो लेकिन यहां पर जो है बात हो रही है कि हमारी बिल्को पर सुनवाई होने चाहिए तो सुनवाई तबी होगी मुझे लगता है कि जब आप केंदर सरकार
17:13तो मुझे सही कीजेगा बहुत जरूरी है मेरे दिमाग में आपकी बातों से और सारी प्रसितों को देखके बात आई क्योंकि हर बार कोई के जो प्रदेश सरकार है वो बहुत से ऐसे बिल पास करेगी जो जन हित में होंगे यह भी मानता हो कि बहुत से बिल राजनीती से प
17:43सरकार के द्वारा पास हुए हैं उनका विरोत काम्याब नहों यह तो चलो सहमत बहली बात है लेकिन अगर राजने के प्रतदुनता के चलते जनहित के बिलों पर भी लिंगर ऑन किया जाए राजपाल की तरफ से तब यह कुल में लाके जनहित तो लंबे समय तक चला रह सक
18:13आधार की बात थी या उसके बाद हमें GST की बात की GST जब कोई एक सरकार लगाना चाहती है आधार की बात करती ही तो इसका एक सरकार बिरोत करती है
18:23लेकिन जब वो खुद पावर में जाती है, तो उसी पर आ गए जाती है, फिर जो सरकार पहले इसको लेह करके आई थी, वो भी रोट करने लगती है, यह राजनीतिक प्रतंता ही तो है, यह दोरे माप दंड पही है, एक बात, एक बात समझनी होगी,
18:38एक मिनट मैं बता दू एक बात आपको समझनी होगी कि सरकार की भी जो पॉलिसी फ्रेमवर्क है यह वो ग्लोबल गवर्नेंस से जुड़ी होती है और उसमें क्या होता है कि जब आप जैसे कि कई इशू कर जहां तेल का इशू कई बार होता है पेट्रोलियम इशू होता है य
19:08घरना होता है और इंडेक्स जो टेक्स ईसके आपको जायँ गड़ ओं टमांम से जहां फिर जो होता है फिर जो होता है कि जूप पॉलिटिकल इशूचे है ओरनaros के खाशिक होते हैं तो वो जो आज हमारे लिए बहतर कोई ह है क्ल हो श्क्ता है कि वह देस
19:31को न्यू फ्रेम्वर्क में न्यू वर्ल्ड ओर में सुटेबल नहीं हो तो ऐसे इस्यूज पर सरकार जो है अपनी स्टेंडिंग को बदलती है तो हमें लगता है कि आपको यह नहीं कहना चाहिए कि पिछली सरकार जब ऑपोजिशन में थी जब वो खुद जो लॉड़ लॉ�
20:01सेनारियो बदल गया हो बड़ी पेक्च बदल गया हो इशूज बदल गया हो ग्लोबल जी तो पर पर सकता है जी आपका कोई सवाल था अगे जैसा कि आपने बताया कि इस तरह की इस्तिती वापस से देखने को मिलेगी जब एक बड़ी बैंच का गठान होगा
20:20और यह वापस से केंद्र और राज़ के बीट इस तरह के डिफरेंस आते रहेंगे द्यू टू दे पॉलिटिक्स अमयराइट सर राइट और इसका सिर्फ अभी जो मौजूदा वक्त है उसमें एक ही समाधान है कि यह मुद्दा दुबारा से चैलेंज हो फिर एक बड़ी स
20:50बने और मुझे जो आवश्यक्ता लग रही हो यहां पर एक एक और बिल की लग रही है कि यहां पर एक ऐसा बिल होना चाहिए कि राज्यपाल या राश्वपती इस बिल को कब तक लटका सकते हैं कब तक उसका एनलेसिस होता रहेगा बेसिकली बिल को पारित करने के लिए �
21:20देश में अभी परतमान देखे है कि राहूल गांधी आज लीडर ऑफ उपोजीशन जितने भी बियान देते हैं या जितना भी काम करते हैं अभी कहते हैं देश में आग लगा देंगे तो जेंजी करवा देंगे तो देश डाइट वा तो यह टॉक्स लाइक की यू नॉट
21:50और देश कο रह दिखाने वाला बहतरी कि बात करें व देश में बीजाते हैं तो देस के किलाब इंडिया के किलाब बात कहते हैं कि भारत में नहीं करो घत्रे में हैं यह हैं वो हैं
22:02तो ऐसी परिस्तिती में मुझे लगता है कि जो पूरा जो सिचुवेशन जो राजिपाल और प्रेसिडेंट और जो डिफरेंट जो ऑपोजीशन में स्टेट्स हैं उनकी जो प्रॉब्लेम्स आ रही है बट नेचुरल है कारण कि मोदी जी जो है अपने देश को एक दूसरे �
22:3247 तक जो है हम देश को जो है ग्लोबल नम्मर वन पर हम लेना जाना चाहते हैं और और रावल गांधी ठीकुल्स की उल्टी बात करते हैं कि हम उनके जो इस्लामिक फंडमेंटलिस्ट है वो कहते हैं हम गजवाए हिंट बनाने जा रहे हैं तो ऐसी परिस्तिती में जो है रा
23:02कनवा है या उनका जो एलाइंस है वो सीध ठीक उल्टा बिल पास करना चाहता है जैसे कनवर्जन पर पास करना चाहता है
23:12मैं जब यह सुप्रीम कोट का पहली बार इस मामले में जब फैसला आया था तो उस वक्त केरल तमिलनाड करनाट का तेलंगाना इन चार के अलावा एक पांचवे राजिकी सरकार आंध्रा प्रादेश की जो वर्तमान में एंडिये का हिस्स्रा है उन्होंने उस समय कहा था क
23:42पर से फैसला आया है या फैसला पल्टा गया है तब से आंध्रा प्रदेश गौर्णमेंट का इस पर कोई टेक नहीं आया है और बाकी चार के भी क्लेर नहीं है लेकिन आप शौर कि उनका आएगा भी तो यह आएगा कि टाइम लाइन होनी चाहिए तो यह जैसा कि आपने �
24:12प्रदेश सरकारों का हित जन हित के मारे में है वो भी तरीके से उनको पावर रहे
24:41कुछ ऐसा ऐसे जैसे आपने बताओं ऑचाहिए कि वो ठंडे बसके में यह डाल सकते निकर्वाने तैंट कर गांड़े कि नेशनल इंट्रेस्स कि अवं थे को
24:52को जो है बड़ सर बड़ सर वैनिट कमस तो पॉलिटेक्स दाशनल इंट्रेस्ट इस वेरी सेकेंडरी होने लगते है नहीं इसलिए तो यहां पर सारफ प्रॉब्लम है कि देश एक देश प्रोबर्ब
25:21उनके जो है नेरू जी ने एक लिखा है कि उन्होंने इनकी बूक का नाम नाम उन्हों निए मुझा याद नहीं आ रहे हो दूंने उसमें लिखा sahaja
25:36तो अगर हम नेशनल इंट्रेस्ट की बात नहीं करें तो पप्रुण कि याद कर दिए ख़़र begins तो अगर हम प् tread
25:49द्दाइड के द्दाइड हो रहे हैं तमिल्नाडू का वही हाले आप देख रहे हैं व्यस्ट वेंगॉल का क्या हाल है आप किसी बीदिश की लोगों से चुपा नहीं है कि कोई भी लाज चुद्द केंद्र सरकार्च द्दारा जनीत में पारित होता है उसको वह पारित वहसक
26:19कि जो भी anti-national या केंदर सरकार का जो mission और vision है उसके बिरोध में कोई भी बिलाएगा, उसके anti में कोई भी भी बिलाएगा, इसी तरह doldrum में पसा रहेगा,
26:33you know, unless until it gives a clear-cut vision and reason कि this bill is not going to destroy the spirit of the nations or the spirit of the national development or integration.
26:48जी सर, thank you sir, बहुत बहुत शुकरे आपका हमारी curiosity को दूर करने के लिए, एतनी technicalities को आसान भाशा में बताने के लिए
26:57और हमारे दर्शकों के सवालों के जवाब देने के लिए, तो ये था हमारा segment उस पलिटे हुए फैसले के बारे में जो आज सुप्रीम कोट ने गवरनर और राश्रपती के साथ पूर में दिया था एक फैसला, उसके बारे में आज ये फैसला फिर से पलिटा गया है, आपक
27:27लटका हुआ ना रहे, क्या सुप्रीम कोट के पास इतनी पावर होनी चाहिए, कि वो राश्रपती को निर्देश दे सकें, और क्या राश्रपती को इतनी पावर होनी चाहिए, कि अगर सुप्रीम कोट कोई बात कह रहा है, तो उस पर आपत्ती जता सके, एक चीज़ सिदा
27:57उसका क्या हो वो भी क्लियर होना चाहिए तो आपकी इन चारों सवालों के मामले में क्या रहा है मैं कॉमेंट में जरूर बताया हूँ और ऐसे और ख़बरों के लिए देखते रही है वण इंडिया नमस्कार
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