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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट 2021 के कई महत्वपूर्ण प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित कर रद्द कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि संसद मामूली बदलाव करके सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को प्रभावहीन या पलट नहीं सकती। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने 137 पेज के विस्तृत आदेश में सुनाया।

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00:00सुप्रीम कोट ने दो दिनों में दो बड़े फैसले लिये और ये फैसले ऐसे हैं जिससे ना सर्फ एक तरफ तो जहां टकराव अलिस्तित कम होने वाली है वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोट ने केंद सरकार को जटका भी दे दिया है
00:19दरसल पहला फैसला सुप्रीम कोट ने ट्यूबिनल रेफॉर्म्स एक्ट दोहजार एक्किस के कई महत्पून प्रविवधानों को असमवधानिक घोशित कर दिया है और कोट ने सपस्ट सब्दों में कह दिया है कि संसद मामूली बदलाव करके सुप्रीम कोट के फैसलों को �
00:49करती रही है यानि बिल पास करके उस फैसले को पलटने के लिए या फिर उस पर कानून बना देती थी लेकिन अब की बार यह फैसला मुख नयाधिश यानि
00:59सीजे आई वी यार गवई और जस्टिस के विनोच चंद्रेन की बिंच ने सुनाया है
01:04137 पेज के विस्तरत आदेश में कई महत्रपून बाते हैं जिसको केन सरकार के लिए बड़ा छटका माना जा रहा है
01:11दरसल अब प्रष्ट भूमी समझ लीजिए कि आखिर ये विवाद हुआ क्यों था
01:15हुआ यूं कि 2020 में कूट का आदेश हुआ
01:19नौमबर 2020 में सुप्रीम कोट ने ट्रिबनलों जैसे केंदरी प्रशासनिक ट्रिबनल सशस्त बल ट्रिबनल आदी के अध्यक्ष और सदस्यों के कारेकाल को 5 साल तै किया था
01:30साथी नियुन्तम आयूसी मां 50 वर्स ना रखने की निर्देश दिये था
01:36ताकि यूअ विशे सग इसमें स्रामिल हो सकें
01:39लेकिन सरकार ने 2021 में इसी केंद सरकार ने नया कानून ले आया
01:44ट्रिबनल रिफॉर्म्स एक्ट के नाम पर इसको लाकर के बकाइदा पारित कर लिया
01:49और कारेकाल को 5 साल से घटा करके 4 साल कर दिया
01:53ये बदलाव कोड के आदेश के विफ्रीत था और इसी लिए उसके बाद इस पर याचिका हुई
01:58याचिका मदरास पारिस उसियेसन ने इस कानून को चुनौती दी
02:03दावा किया कि न्यायपालिका की स्वतंत्रा और शक्तियों के विभाजन के सिध्धानत का उलंगन करता है
02:09उसके बाद ये लड़ाई चार साल तक चली
02:13मामलल चुकि समवधानिक था और केंट सरकार से जुड़ा हुआ था इसलिए लंबा की जा
02:19क्योंकि सरकार ने बाद में कुछ मामूली सुधार के साथ कानून दोबारा लाने की कोशिश की
02:24लेकिन कोट में इसे अस्विकार कर दिया गया यानि खारिच कर दिया गया
02:28कोट के मुख तर किये थे
02:30कोट ने इसपस्ट कहा कि संसत कोट के फैसले को उसी तरह के प्रावधानों को दोबारा लाकर के बदन नहीं सकती ये नियाईक स्वतंता का उलंधन है
02:40कोट ने जोड़ दे करके कहा कि सरकार ने वही प्रावधान कानून में शामिल किये हैं जिन्हें पहले असमवधानिक धोशित किया जा चुका था
02:49इसके बाद प्रावधानों को रद किया गया क्रिबनल सदस्यों का कारेकाल चार साल होने के बाद नियुम्तम आयू पचास वर्स होने जैसे तमाम संबंधित नियमों जो की कोट के 2020 के आदेश के विरुद्ध थे उनको बदल दिया गया और नया आदेश अब कोट ने दिय
03:19कोट ने संतुलं का संदेश भी दिया है, कोट ने संसत को किसी विशेस तरीके से कानून बनाने का निरुद्ध नहीं दे सकता लेकिन पुराने फैसलों को कमजोर करने वाली जो कोशिसे हैं उनको स्विकार नहीं किया जाएगा, यानि वो अस्विकार हैं, इस फैसले का महत
03:49बैलन्स को मजबूत करता है विश्यक सग भी मानते हैं ये सरकार को भविस्य में कोर्ट के फैसलों को बाई पास करने का जो तरीका है उससे ये फैसला रोकेगा हाला कि कुछ आलोचकों का ये कहना है कि इसे न्याय पालिका की हस्ता छेप बताते हुए नोंने कहा कि कोर्ट न
04:19लालितना ही अप्डेट्स के लिए बने रहेंगी वन इंडिया हिंदी के साथ पूसकार
04:22सब्सक्राइब तो वन इंडिया और नेवर मिस न अप्डेट डाउनलोड तो वन इंडिया अप्नाव
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