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UNSC यानी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा शांति प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए गाज़ा के लिए एक नया प्रशासनिक और सुरक्षा ढांचा तैयार करने की मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही गाज़ा पट्टी में एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल यानी International Stabilisation Force को तैनात करने का रास्ता साफ हो गया है.अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे इतिहास के लिए एक सचमुच अहम पल करार दिया है। यह प्रस्ताव 13 वोटों के साथ पारित हुआ, जबकि रूस और चीन ने इसमें खुद को अलग रखते हुए अब्सटेन किया। रूस और चीन का कहना था कि...फिलिस्तीनियों की भूमिका साफ क्यों नहीं है? गाज़ा के भविष्य में UN की भूमिका इतनी कम क्यों कर दी गई है? इसके बावजूद प्रस्ताव पास हुआ, और यह मंजूरी आने वाले सालों की नींव रखती है...प्रस्ताव का सबसे अहम हिस्सा है बोर्ड ऑफ पीस...एक ऐसी अंतरिम सत्ता, जिसे गाज़ा के हर पहलू पर फैसले लेने की कानूनी ताकत दी जाएगी।

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Transcript
00:00घजा एक ऐसा नाम जो जंग दर्द और तबाही का परयाय बन चुका है लेकिन अब इसी घजा को लेकर अंतरराश्ट्री राजनीती में एक बड़ा मोड आ गया है।
00:09स्युक्त राश्ट सुरक्षा परिशद ने उस प्रस्ताव को मनजूरी दे दी है जो आने वाले सालों में पूरे मद पूर्व की दिशा बदल सकता है।
00:17एक अंतरराश्ट्री इस तरी करण बालियानी की आई-स-फ की रा साफ कर दी गई है।
00:21यानी घज़ा की हिफाज़त के लिए उतरेगी एक अंतरराश्ट्री सेना।
00:26लेकिन ये कहानी सिर्फ एक प्रस्ताव की नहीं है।
00:28ये कहानी है वैश्विक शक्तियों के दाव पेच की, मुस्लिम देशों के बड़ते असर की और हमास की सخت चितावनी की।
00:35गज़ा की धर्ती पर कौन पैर रखेगा, किसके हाथ में होगी सत्ता और कौन संभालेगा सुरक्षा की कमार।
00:41इसका फैसला आने वाले कुछ महीनों में तैह हो जाएगा।
00:44नमस्कार, मैं हूँ आसित अकबाल और आप देख रहे हैं One India
00:47UNSC यानि के संयुक्त राश्ट सुरक्षा परशद ने अमेरिकी राश्पती डानल्ड टरम्प के घज़ा शांती प्रस्ताओं पर सहमती ज़ताते हुए
01:01घज़ा के लिए एक नया प्रशासने को और सुरक्षा धाचा तैयार करनी की मनजोरी दे दी है
01:05इसके साथ ही घज़ा पट्टी में एक अंतरराश्टी इस्तरी करन बल्यानी की इंटरनाश्टनल स्टेबलाईजेशन फोर्स को तैनात करने का रास्ता साफ हो गया है
01:13अमेरिकी राश्टपती डानल्ड टरम्प ने इसे इतिहास के लिए एक सचमुच एहम पल करार दिया है
01:18ये प्रस्ताओ तेरा वोटों के साथ पारित हुआ जबकि रूस और चीन ने इसमें खुद को अलग रखते हुए अबस्टेन किया
01:25रूस और चीन का कहना था कि फलिस्तिनियों की भूमिका साफ क्यों नहीं है
01:29गज़ा के भविश्य में यूएन की भूमिका इतनी कम क्यों कर दी गई है
01:32इसके बावजूद प्रस्ताओ पास हुआ और ये मनजूरी आने वाले सालों की नीव रखती है
01:37प्रस्ताओ का सबसे अहम हिस्सा है बोर्ड आफ पीस
01:40एक ऐसी अंतरिम सत्ता जिसे घज़ा के हर पहलू पर फैसले लेने की खानूनी ताकत दी जाएगी
01:44ये बोर्ड घज़ा का शासन पुनर निर्मार, सुरक्षा प्रबंदन, आर्तिक धाचे की बहाली, सावजनिक सेवाओं और मदद पर काम करेगा
01:51यानि घज़ा की हर महत तुपूर कमान इस नए बोर्ड के हातों में होगी
01:55लेकिन बड़ा सवाल ये है कि इस बोर्ड में कौन होगा, इसका फैसला अभी तक नहीं हुआ है
02:00इस प्रस्ताओं पर रूस और चीन ने सवाल खड़े कर दी है, प्रस्ताओं में साफ कहा गया है
02:04कि संयुक्त राष्ट की सीधी भूमिका बहुत कम होगी, मतलब घज़ा का भविश अब यूएन नहीं बलकि ISF और बोर्ड आफ पीस तै करेगी
02:11ये बदलाओ दुनिया की राजनीती में अमेरिका और इसके सही योगियों के बड़ते असर की तरफ इशारा करता है
02:16आपको बदा दें कि अमेरिकी प्रस्ताओं के तहट जिस इंटरनेशनल स्टेबलाइजेशन फोर्स यानि की ISF के मनजूरी दी गई है
02:23वो यूएन की पारंपरिक बलू हेलमेट शांती सेनक की तरह नहीं होगी
02:26इस फोर्स का मिशन होगा घजा को निशस्त्री करन करना, हतियारों को हटाना, सेंट धाचों को खत्म करना और नई फलिस्तिनी पुलीस फोर्स को ट्रेनिंग देना
02:36सबसे एहम बात ISF पर यूएन के नियम लागू नहीं होगे
02:39ये फोर्स अपने धाचे, फंडिंग, तैनाती, नियम और कमान खुद तै करेगी
02:43अब सवाल ये उठता है कि ISF किन देशों की फोर्स होगी यानि घजा की जमीन पर किसकी सेना उतरीगी
02:47मिस्र
02:48आईसेफ का सबसे प्रमुख दावेदार संबव है कि मिस्र इसे फोर्स का नेतुत गरे
02:53इंडोनेशिया
02:55बीस हजार तक सैनिक भेजने की शमता जताई है
02:57तुर्की
02:58तुर्की ने भी फोर्स भेजने की इच्छा जाहर की लेकिन इजराइल इसके वरोद में दिख रहा है
03:02अजर्बाइजान
03:04अजर्बाइजान सैनिक भेजने को तयार है लेकिन सिर्फ जब लड़ाई पूरी तरह रुके
03:09पाकिस्तान
03:10पाकिस्तान यूएन मेंडेट हुआ तो शामिल हो सकता है
03:13कतर और यूएई
03:15मैदान में सैनिक नहीं भेंजेंगे लेकिन फंडिंग ट्रेनिंग और लाजिस्टिक सपोर्ट में हो सकते है
03:20साफा आईसेफ मुस्लिम बहुल देशों पर ही आधारित होगा
03:23हलाकि हमास ने पूरे प्रस्ताओ के जटके में खारिच कर दिया है
03:26हमास का कहना है कि ये प्रस्ताओ फलिस्तिनियों के जायज राजनेतिक और मानवादिकारों को पूरा नहीं करता है
03:31आईसेफ घजा में तैनात होकर गजजे का पक्षकार बन जाएगा
03:35कोई भी अंतरष्टी फोर्स सिर्फ सीमाओं पर तैनात हो सकती है
03:38इसके साथ ही युद्वराम की निगरानी करे
03:41युएन के सीधे नियंतरण में हो और सिर्फ फलिस्तिनी संस्ताओं के समनवे में काम करे
03:45अबजे का विरोध हमारा जायज हक है
03:47इसे चीनने की कोई कोशिश मनजूर नहीं होगी
03:50हमास ने मांग की है कि जंग पूरी तरह खत्म हो
03:52गज़ा का पुनर निर्मार हो
03:53इसराइल का कबज़ा खत्म हो
03:55और युरिशलम राजधानी के साथ आज़ाद फलिस्तिन की स्थापना हो
03:58वही इसराइली पुर्दान मंतरी बेंजमन नेतनियाहू
04:00ने फलिस्तिन के राज़ बनाने के प्रस्ताव को अस्वेकार कर दिया है
04:04उन्होंने कहा है कि घज़ा की सैन शक्ति खत्म करने का काम किया जाएगा
04:08लेकिन सवाल यह उड़ता है कि क्या ISF घज़ा में स्थिर्टा ला पाएगा
04:11विशे शक्यों का मानना है कि ISF मजबूत होगी क्योंकि उसे बल प्रियोग की अनुमती होगी
04:15यह UN की पारंपरिक कमजोर और धीमी प्रक्रियाओं से आजाद होगी
04:19लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्फर करेगे कि कौन देश सैनिक और फंडिंग देते है
04:24यानि यह फोर्स बन भी जाये तो भी इससे चलाना असान नहीं होगा
04:27युएन प्रस्ताव पारित हो गया है आईए सब का धाचा दयार हो गया है
04:31बोर्ड आफ पीस की कल्कना की जा चुकी है लेकिन इन सब के बीच घजा की जनता क्या चाहती है
04:36फलिस्तिनी राजनीती किस ओर जाएगी हमास किस हद तक विरोध करेगा
04:40और क्या ये मौडल स्थाई शांती लाप आएगा इन सबालों के जबाब आने वाले महीनों में तैय करेंगे कि घजा दुबारा उठेगा या एक और संघर्श की ओर बढ़ेगा
04:48घजा की कहानी अभी खत्म नहीं हुई है ये सिर्फ एक नया ध्याय खुला है
04:51एक तरफ है एक अंतरराश्ट्री योजना जो घजा की सुरक्षा, शाहसन और पुनर निर्मार का खाका तैयार करती है
04:57और दूसी तरफ है हमास का सखत विरूद जो इसे विदेशी कब्जा बताता है
05:01आने वाले सालों में घजा का भविश इस बात पर निर्बर करेगा कि ये नया अंतरराश्ट्री प्रियोग कितना सफल होता है और घजा की जमीन इसे कितना मन्जूर करती है
05:10फिलाल के लिए इतना ही देखते रहे है वान इंडिया
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